लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के लिए 19 अप्रैल को 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीटों पर मतदान होगा. इन चरण में 10 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश पूरी तरह कवर हो जाएंगे. साल 2019 के लोकसभा चुनावों में, इन 102 सीटों में से भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 40, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) ने 24 और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) ने 15 सीटें जीती थीं.
फेज-1 के तहत जिन निर्वाचन क्षेत्रों में वोटिंग होनी है, उनमें भाजपा और कांग्रेस के नौ गढ़ शामिल हैं, जहां एक ही पार्टी ने 2009 के बाद से सभी तीन लोकसभा चुनाव जीते हैं. भाजपा ने 2009, 2014 और 2019 में जबलपुर, चूरू, बीकानेर, सीधी, पीलीभीत और बालाघाट सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि कलियाबोर, छिंदवाड़ा और शिलांग सीटों पर कांग्रेस जीतती आ रही है.
इसके विपरीत, पहले चरण के 102 निर्वाचन क्षेत्रों में से 21 स्विंग सीटें हैं, जहां 2009 और 2019 के चुनावों में विजेता एक ही था, लेकिन 2014 में दूसरी पार्टी ने यहां जीत दर्ज की थी. इन 21 सीटों में से 2009 और 2019 के चुनावों में DMK ने 13 सीटें जीती थीं. वहीं इनमें से 12 सीटें ऐसी हैं, जिन पर 2014 में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) ने जीत हासिल की थी; पट्टाली मक्कल काची (PMK) ने एक धर्मपुरी सीट जीती थी.
कांग्रेस ने 2009 और 2019 के चुनावों में शिवगंगा, पुडुचेरी, अरानी और विरुधुनगर सीटें जीतीं, लेकिन 2014 के चुनाव में एआईएडीएमके और ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस ने उससे ये सीटें छीन लीं.
चरण-1 में कौन मजबूत है?
हम अपने विश्लेषण में उस पार्टी को मजबूत मान रहे हैं जिसने पहले चरण की 102 सीटों में से एक निर्वाचन क्षेत्र में 2009, 2014 और 2019 में लगातार जीत हासिल की है. यदि किसी पार्टी ने एक ही सीट दो बार जीती हो तो हम उसे अपेक्षाकृत मजबूत मान रहे हैं और जिसने सिर्फ एक बार ही जीत दर्ज की हो उसे अपेक्षाकृत कमजोर; और जिसने एक भी बार जीत हासिल नहीं की है उसे सबसे कमजोर मान रहे हैं.
इस तरह आप ग्राफिक में देख सकते हैं कि पहले चरण में जहां मतदान होना है, उनमें से 6 सीटों पर बीजेपी और 3 पर कांग्रेस मजबूत है. हालांकि, DMK ने लगातार तीन बार एक भी सीट नहीं जीती. भाजपा 32 सीटों पर, द्रमुक 12 सीटों पर और कांग्रेस 8 सीटों पर अपेक्षाकृत मजबूत है. क्योंकि उन्होंने एक ही सीट पर दो चुनावों में जीत दर्ज की है.
इसके विपरीत, कांग्रेस 38 सीटों पर, द्रमुक 16 पर और भाजपा 13 सीटों पर अपेक्षाकृत कमजोर रही है. क्योंकि इन सीटों पर तीनों पार्टियों ने 2009 से 2019 तक के तीन चुनावों में सिर्फ एक बार जीत दर्ज की है. भाजपा 102 सीटों में से 51 पर, द्रमुक 74 पर और कांग्रेस 53 सीटों पर कमजोर रही हैं. क्योंकि ये पार्टियां ने इन सीटों पर 2009, 2014 और 2019 में एक बार भी जीत हासिल नहीं कर सकी हैं.
वोट शेयर का विश्लेषण
भाजपा ने 2019 में चरण-1 की 102 सीटों में से 60 पर चुनाव लड़ा, पार्टी ने 34 सीटों पर 50 प्रतिशत से अधिक, 19 सीटों पर 30-50 प्रतिशत के बीच और सात सीटों पर 30 प्रतिशत से कम वोट शेयर हासिल किए. दूसरी ओर, डीएमके ने पिछले चुनाव में चरण-1 की जिन 24 सीटों पर चुनाव लड़ा था, उनमें से उसने सभी पर जीत हासिल की, 19 सीटों पर 50 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर और शेष पांच में 30 से 50 प्रतिशत के बीच वोट शेयर हासिल किए.
कांग्रेस ने 102 में से 65 सीटों पर चुनाव लड़ा. इसका वोट शेयर 10 सीटों पर 50 प्रतिशत से ऊपर, 36 सीटों पर 30 से 50 प्रतिशत के बीच, नौ सीटों पर 10 से 30 प्रतिशत के बीच और 10 सीटों पर 10 प्रतिशत से नीचे रहा था. यहां बता दें कि इस बार आउटर मणिपुर सीट पर चरण-1 और चरण-2 दोनों में मतदान होगा.