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दिल्ली में कांग्रेस को फिर बड़ा झटका, नसीब सिंह और नीरज बसोया ने पार्टी छोड़ी, AAP के साथ अलायंस का किया विरोध

पूर्व विधायक नसीब सिंह और नीरज बसोया ने अपने इस्तीफे में पार्टी छोड़ने का कारण भी बताया है. उन्होंने इस्तीफा के लेटर में उदित राज के बयानों को लेकर नाराजगी जाहिर की है. बता दें कि कांग्रेस ने दिल्ली की उत्तर पश्चिम सीट से उदित राज को इंडिया अलायंस का उम्मीदवार बनाया है. हालांकि, वहां बाहरी उम्मीदवार बताकर विरोध भी तेज हो गया है.

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दिल्ली कांग्रेस में नेताओं के बीच नाराजगी देखने को मिल रही है.
दिल्ली कांग्रेस में नेताओं के बीच नाराजगी देखने को मिल रही है.

लोकसभा चुनाव के बीच दिल्ली कांग्रेस में घमासान तेज हो गया है. नाराज नेता लगातार पार्टी छोड़ रहे हैं. राजकुमार चौहान के बाद कांग्रेस के दो पूर्व विधायक नसीब सिंह और नीरज बसोया ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. इससे पहले अरविंदर सिंह लवली ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.

पूर्व विधायक नसीब सिंह और नीरज बसोया ने अपने इस्तीफे में पार्टी छोड़ने का कारण भी बताया है. उन्होंने इस्तीफा के लेटर में उदित राज के बयानों को लेकर नाराजगी जाहिर की है. बता दें कि कांग्रेस ने दिल्ली की उत्तर पश्चिम सीट से उदित राज को इंडिया अलायंस का उम्मीदवार बनाया है. हालांकि, वहां बाहरी उम्मीदवार बताकर विरोध भी तेज हो गया है. 

'दिल्ली में दो उम्मीदवारों का किया जा रहा है विरोध'

इससे पहले रविवार को अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफा के बाद दिल्ली कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से कांग्रेस उम्मीदवार कन्हैया कुमार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. पार्टी कार्यकर्ता कन्हैया कुमार के चुनाव कार्यालय के बाहर काले पोस्टर लेकर खड़े हो गए थे. इन पोस्टर पर लिखा था, 'स्थानीय उम्मीदवार चाहिए, बाहरी नहीं.' फिलहाल, कांग्रेस ने देवेंद्र यादव को दिल्ली कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाया है.

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'AAP को क्लीन चिट देने का संदेश दे रही है कांग्रेस'

वहीं, पूर्व विधायक नीरज बसोया ने इस्तीफे में बताया कि दिल्ली में AAP के साथ पार्टी के गठबंधन से व्यथित होकर पार्टी छोड़ रहा हूं. यह गठबंधन दिल्ली कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए बड़ी बदनामी और शर्मिंदगी की वजह बन रहा है. मेरा मानना ​​है कि एक स्वाभिमानी पार्टी नेता के रूप में मैं अब पार्टी के साथ जुड़ा नहीं रह सकता. AAP के साथ हमारा गठबंधन बेहद अपमानजनक है. क्योंकि AAP पिछले 7 वर्षों में कई घोटालों से जुड़ी रही है. AAP के शीर्ष 3 नेता अरविंद केजरीवाल, सत्येन्द्र जैन और मनीष सिसौदिया पहले से ही जेल में हैं. AAP पर दिल्ली शराब घोटाला और दिल्ली जल बोर्ड घोटाला जैसे कई मुद्दों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं. दूसरी ओर AAP ने लगातार हमारी पार्टी और शीर्ष नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उसके बावजूद गठबंधन करके कांग्रेस पार्टी AAP को क्लीन चिट देने जैसा संदेश देने की कोशिश कर रही है. पश्चिमी दिल्ली संसदीय सीट के लिए एआईसीसी पर्यवेक्षक के रूप में मैंने पिछले महीने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच गुस्सा देखा है. वे इस गठबंधन से बेहद अपमानित महसूस कर रहे हैं. लेकिन, हाईकमान उनकी भावनाओं के प्रति उदासीन नजर आ रहा है. मैं पार्टी के सभी पदों और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा देता हूं. मैं सोनिया गांधी जी को मेरे जैसे आम आदमी को पिछले 30 वर्षों में सभी अवसर देने के लिए धन्यवाद देता हूं.

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'भ्रष्टाचार में लिप्त है AAP'

इधर, नसीब सिंह ने इस्तीफे में लिखा, कांग्रेस ने देवेंद्र यादव को डीपीसीसी प्रमुख नियुक्त किया है. पंजाब प्रभारी के रूप में उन्होंने अब तक वहां अरविंद केजरीवाल के झूठे एजेंडे के खिलाफ एक अभियान चलाया है और आज दिल्ली में उन्हें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का समर्थन करने के लिए बाध्य किया जाएगा. नसीब ने कहा, मैं राजीव गांधी जी के समय से ही कांग्रेस पार्टी से जुड़ा हुआ हूं. सोनिया गांधी जी ने अपने कुशल नेतृत्व में मुझे कई महत्वपूर्ण नेतृत्व भूमिकाएं दीं और पार्टी के एक सैनिक के रूप में मैंने हमेशा मुझे सौंपे गए प्रत्येक कार्य को पूरा किया है और अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है. स्व. शीला दीक्षित के कुशल नेतृत्व में मैंने दिल्ली के विकास के लिए दिन-रात काम किया. हालांकि, 2012-2013 में AAP शहर में कांग्रेस के खिलाफ झूठे प्रचार और दुर्भावनापूर्ण प्रचार के आधार पर उभरी. आम आदमी पार्टी ने हमारे नेतृत्व को बदनाम किया और दावा किया कि वे भ्रष्टाचार में शामिल हैं. AAP ने स्व. शीला दीक्षित और सोनिया गांधी जी को गिरफ्तार करने और सलाखों के पीछे डालने की मांगें भी उठाईं. सत्ता में आने के बाद से AAP किसी भी आरोप को साबित करने में विफल रही है. दूसरी ओर AAP खुद भ्रष्ट गतिविधियों में गहराई से शामिल हो गई है. आज दिल्ली की जनता को आम आदमी पार्टी के असली रंग का एहसास हो गया है और समझ आ गया है कि यह भ्रष्टाचार का अड्डा बन गई है.

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'कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भावनाओं क ख्याल नहीं रखा'

नसीब ने कहा, सत्ता में आने के बाद से AAP ने शीला जी की सरकार की विभिन्न योजनाओं को बंद कर दिया है. पहले दिन से ही मैंने आम आदमी पार्टी के साथ किसी भी गठबंधन का विरोध किया है. इस संबंध में मैंने हर पार्टी मंच पर अपनी राय जाहिर की है. हालांकि, मेरी राय और दिल्ली कांग्रेस के अन्य नेताओं के विचारों की पूरी तरह से उपेक्षा करते हुए हाईकमान ने AAP के साथ गठबंधन करने का फैसला किया है. इससे दिल्ली में पार्टी खत्म हो जायेगी. दिल्ली में ज्यादातर कांग्रेस कार्यकर्ता गठबंधन को लेकर बेहद नाराज हैं.

'दिल्ली में लेफ्टिस्ट और कम्युनिस्ट को टिकट दिया'

उन्होंने कहा, हाईकमान ने उत्तर-पश्चिमी दिल्ली और उत्तर-पूर्वी दिल्ली सीट पर दो बाहरी लोगों को टिकट दिया है, जिनका पार्टी की विचारधारा से कोई जुड़ाव या संबंध नहीं है. इससे प्रत्येक दिल्ली कांग्रेस कार्यकर्ता का अपमान हुआ है. उत्तर पश्चिम सीट पर एआईसीसी पर्यवेक्षक के रूप में मैंने देखा है कि वहां उम्मीदवार के मन में स्थानीय पार्टी कार्यकर्ता के लिए कोई सम्मान नहीं है. उत्तर पश्चिम दिल्ली के उम्मीदवार कांग्रेस पार्टी को 4% वोट बैंक वाली पार्टी बताते हैं और दावा करते हैं कि उन्हें स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं से किसी मदद की ज़रूरत नहीं है. उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के उम्मीदवार व्यावहारिक रूप से कांग्रेस के टिकट पर AAP के उम्मीदवार हैं. उत्तर पूर्वी दिल्ली के उम्मीदवार के साथ भी यही स्थिति है. दरअसल, मौजूदा स्थिति ये है कि कांग्रेस दिल्ली में सिर्फ एक सीट पर चुनाव लड़ रही है. 2 सीटों पर पार्टी ने लेफ्टिस्ट और कम्युनिस्ट व्यक्तियों को टिकट दिया है जो पार्टी की विचारधारा के सीधे विरोधाभासी प्रतीत होते हैं. उत्तर पूर्वी के उम्मीदवार ने विभिन्न इंटरव्यू में हमारी नेता स्व. इंदिरा गांधी का सार्वजनिक रूप से अपमान भी किया है.

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'स्थानीय नेताओं की हाईकमान के सामने कोई हैसियत नहीं'

नसीब सिंह ने कहा, पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करना बंद कर दिया है. जिस तरह से पार्टी ने गुलाम नबी आजाद, कमलनाथ जैसे वरिष्ठ नेताओं के साथ व्यवहार किया है, वो निंदनीय है. पार्टी ने अहमद पटेल की विरासत का भी सम्मान नहीं किया. उनके बच्चों के सार्वजनिक विरोध के बावजूद उनकी पारिवारिक सीट AAP को दे दी. पार्टी ने स्थानीय नेतृत्व का भी सम्मान नहीं किया. इसके चलते अरविंदर सिंह लवली को पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के लिए भी मजबूर होना पड़ा. आज किसी भी कांग्रेस कार्यकर्ता या स्थानीय नेता की पार्टी आलाकमान के सामने कोई इज्जत या हैसियत नहीं है. ऐसे में अब मैं पार्टी से जुड़ा नहीं रह सकता. मैं पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा देता हूं.
 

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