केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को लखनऊ लोकसभा सीट से नामांकन किया. इस अवसर पर राजनाथ सिंह ने रोड शो भी किया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. चुनाव आयोग के प्रतिबंध की वजह से यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ तो इस रोड शो में नहीं पहुंच सके, लेकिन इसमें योगी की तरह दिखने वाला शख्स दिखा. वह उस रथ पर सवार हुआ जिस पर योगी सरकार के मंत्री और बीजेपी के कई नेता सवार थे. लेकिन काफिला ज्यों ही कलेक्ट्रेट पहुंचा वह वाहन से उतर गया. यहां कई कार्यकर्ताओं ने उसके साथ सेल्फी ली और उसे माला भी पहनाई.
राजनाथ सिंह का रोड शो जब हजरतगंज स्थित दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर पहुंचा तो उन्होंने अपना काफिला रुकवा दिया और हनुमान जी का दर्शन करने चले गए. मंदिर से कलेक्ट्रेट की दूरी करीब 2 किमी है. उसी दौरान यूपी के मुख्यमंत्री योगी जैसा दिखने वाला शख्स उस रथ पर सवार हो गया, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री मोहसिन रजा, अशोक वाजपेयी समेत बीजेपी के अन्य नेता सवार थे. जैसे ही रोड शो कलेक्ट्रेट पहुंचा, योगी की तरह दिखने वाला शख्स वाहन से उतर गया. चुनाव आयोग के प्रतिबंध के चलते भले ही योगी मौजूद नहीं थे, लेकिन कई कार्यकर्ता उनके फोटो की तख्तियां लेकर नारे लगाते हुए चल रहे थे.
योगी जैसे दिखने वाले शख्स के साथ कार्यकर्ताओं ने खिंचाई फोटो (आज तक)
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर 72 घंटे तक चुनाव प्रचार पर रोक लगा रखी है. 16 अप्रैल की सुबह 6 बजे से यह प्रतिबंध लागू है. दिन भर रैलियों में व्यस्त रहने वाले योगी आदित्यनाथ मंगलवार को लखनऊ के एक हनुमान मंदिर पहुंचे. उनके साथ यूपी के मंत्री आशुतोष टंडन भी मौजूद थे.
पूजा अर्चना के बाद उन्होंने हनुमान चालीसा का पाठ किया. योगी पर अली और बजरंगबली कहने पर ही चुनाव आयोग ने प्रतिबंध लगाया है. राजनाथ सिंह नामांकन के पहले इसी मंदिर में पूजा करने पहुंचे. लेकिन दोनों का समय अलग-अलग था. योगी ने चुनाव आयोग के बैन की काट निकाल ली थी.उन्होंने प्रचार नहीं किया लेकिन मीडिया में बने रहे.
योगी आदित्यनाथ अपनी अलग भाषण शैली के लिए जाने जाते हैं. राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में भी उन्होंने तीनों प्रदेशों में बीजेपी का प्रचार किया था और राजस्थान की एक सभा में उन्होंने हनुमान जी को दलित बता दिया था. उस समय इस पर भी बहुत बवाल हुआ था. चुनाव आयोग में इसकी शिकायत भी की गई थी. योगी के हनुमान की जाति बताने के बाद कई नेताओं में हनुमान की जाति बताने की होड़ मच गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चुनाव आयोग को फटकारते हुए कहा था कि चुनाव आयोग क्या कर रहा है. इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं और चुनाव आयोग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. इसके बाद चुनाव आयोग ने सबसे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती और यूपी के सीएम आदित्यनाथ के प्रचार करने पर बैन लगाया था. इसके बाद आजम खान और मेनका गांधी पर बैन लगा दिया था.
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