महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रतापराव पाटिल चिखलीकर को शानदार जीत मिली है. उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंंत्री अशोक चव्हाण को 40148 वोटों से करारी शिकस्त दी. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रतापराव पाटिल चिखलीकर को 486806 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के अशोक चव्हाण को 446658 वोटों से संतोष करना पड़ा.
महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट पर 18 अप्रैल को दूसरे चरण में वोटिंग हुई थी. इस सीट से 14 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाने के लिए चुनाव मैदान में उतरे थे. चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार नांदेड़ लोकसभा सीट पर 65.15 फीसदी मतदान रिकॉर्ड किया गया था. इस संसदीय क्षेत्र में कुल 17 लाख 17 हजार 830 मतदाता पंजीकृत हैं, लेकिन कुल 11 लाख 19 हजार 210 वोटरों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था.
जानिए इस चुनाव में किसको कितने वोट मिले
कौन कौन थे उम्मीदवार
महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट से कुल 14 उम्मीदवार चुनावी रण में थे. इस बार यहां से कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को चुनाव मैदान में उतारा थे. हालांकि महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण को हार का सामना करना पड़ा.
वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने प्रतापराव पाटिल चिखलीकर पर दांव चला था, जिसमें उसको सफलता भी मिली. इसके अलावा समाजवादी पार्टी ने अब्दुल समद, वंचित बहुजन आघाडी ने भिंगे यशपाल नरसिंह राव और बहुजन मुक्ति पार्टी ने मोहन आनंदरराव को अपना उम्मीदवार बनाया था. इसके साथ ही 7 निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में थे.
क्या रहा 2014 का चुनाव नतीजा
नांदेड़ संसदीय सीट से वर्तमान कांग्रेस के दिग्गज नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण सांसद हैं. उन्होंने 2014 के चुनाव में मोदी लहर होने के बावजूद इस सीट से जीत हासिल की थी. अशोक चव्हाण ने बीजेपी के दिगंबर बापूजी पाटिल को हराया था. बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 सीटों में से कांग्रेस सिर्फ 2 सीट जीतने में कामयाब रही थी. जिसमें अशोक चव्हाण नांदेड़ सीट से निर्वाचित हुए थे. नांदेड़ लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है. इस सीट पर अब तक 19 बार चुनाव हुए हैं, इनमें से 15 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
नांदेड लोकसभा सीट पर पहला लोकसभा चुनाव 1952 में हुआ. यहां से 2 सांसद चुने गए शंकरराव तेलकीकर और देवराव कांबले, फिर 1957 में दोबारा देवराव कांबले कांग्रेस से सांसद चुने गए और शेड्यूल कास्ट फेडरेशन से हरिराव सोनुले चुनाव जीते. फिर 1962 में कांग्रेस के तुलसीदास जाधव और 1967 और 1971 में वेंकटराव तारोडेकर जीते, 1977 में डॉ. केशवराव धोंगड़े जनता पार्टी से चुने गए.
1980 और 1984 में अशोक चव्हाण के पिता शंकरराव चव्हाण जीते, जो केंद्र में मंत्री भी रहे. फिर 1987 के उपचुनाव में अशोक चव्हाण पहली बार इस सीट से चुनाव जीत कर संसद पहुंचे . हालांकि, इसके बाद लंबे समय तक अशोक चव्हाण दिल्ली की राजनीति छोड़ महाराष्ट्र की राजनीति में व्यस्त रहे और मुख्यमंत्री तक बने.
1989 में जनता दल से डॉ. वेंकटेश कबडे जीते. 1991 में कांग्रेस दोबारा आई. सूर्यकांत पाटिल सांसद बने. 1996 में गंगाधर देशमुख , 1998 और 1999 में भास्करराव बापूराव खटगांवकर जीते. 2004 में दिगंबर बापूजी पाटिल बीजेपी की टिकट पर जीते. 2009 में भास्करराव बापुराव खटगांवकर तीसरी बार सांसद बने. फिर 2014 के लोकसभा चुनाव में अशोक चव्हाण सांसद बने.
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