केरल के तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट पर तीसरे चरण के तहत मंगलवार को मतदान हुआ. चुनाव आयोग के मुताबिक तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट पर 73.40 फीसदी वोटिंग हुई.
यहां से कांग्रेस उम्मीदवार और दिग्गज नेता शशि थरूर ने वोट डाला. वहीं, टॉलीवुड एक्टर मोहनलाल भी वोट देने के लिए लाइन में लगे नजर आए. इस सीट से कांग्रेस ने अपने मौजूदा सांसदा शशि थरूर को फिर मैदान में उतारा है जिन्हें यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) का समर्थन हासिल है. वहीं बीजेपी ने कुम्मनम राजाशेखरन को टिकट दिया है. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सी दिवाकरन, प्रवासी निवासी पार्टी के पंडालम केरलवर्माराजा, सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) के एस. मिनी के अलावा कई निर्दलीय उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
कांग्रेस के दिग्गज और विद्वान नेता शशि थरूर सांसद हैं, लेकिन वह पिछली बार बड़ी मुश्किल से जीत पाए थे. इस बार बीजेपी ने मिजोरम के पूर्व गवर्नर कुम्मनम राजशेखर को उतार दिया है जिससे शशि थरूर के लिए मुकाबला और कड़ा दिख रहा है. बीजेपी से चुनाव लड़ने के लिए ही के. राजशेखर ने गवर्नर पद से इस्तीफा दिया था. हालांकि तिरुअनंतपुरम सीट पर शशि थरूर काफी समय से सक्रिय रहे हैं, यही कारण है कि उन्हें यहां से मात देना इतना आसान भी नहीं है.
Kerala: Senior Congress leader and Thiruvananthapuram candidate Shashi Tharoor casts his vote at a polling booth in the city. He is up against BJP's Kummanam Rajasekaran and LDF’s C Divakaran. #LokSabhaElections2019 pic.twitter.com/zJwnJ3nALC
— ANI (@ANI) April 23, 2019
कांग्रेस का रहा है किलाKerala: Veteran actors Mammootty and Mohanlal cast their votes in Kochi and Thiruvananthapuram respectively. #LokSabhaElection2019 pic.twitter.com/qwrr4JfQcV
— ANI (@ANI) April 23, 2019
केरल के तिरुवनंतपुरम लोकसभा क्षेत्र में सात विधानसभा सीटें आती हैं-तिरुवनंतपुरम, कजाकुत्तोम, वात्तीयूरकाउ, नेमोम, कोवलम, नेय्याट्टिनकारा और परास्सला. आजादी के बाद यहां पहली बार 1951 में चुनाव हुआ, तब यह सीट त्रावणकोर-कोचीन नाम से हुआ करती थी. पहले चुनाव में यहां से निर्दलीय उम्मीदवार एन्नी मस्करेने जीती थीं. वह एक स्वतंत्रता सेनानी रह चुकी थीं. उसके बाद अब तक के चुनाव में यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है.
बीजेपी की बढ़ती चुनौती
फिलहाल यहां से दिग्गज कांग्रेसी नेता और पूर्व मंत्री शशि थरूर सांसद हैं. यहां से नौ बार कांग्रेस कैंडिडेट जीतकर सांसद बने हैं, जबकि चार बार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के कैंडिडेट जीते हैं. हालांकि कांग्रेस के इस गढ़ को अब भगवा चुनौती मिलती दिख रही है. यहां से बीजेपी कैंडिडेट को मिल रहा वोट परसेंटेज लगातार बढ़ रहा है और कांग्रेस कैंडिडेट के जीत का अंतर कम होता जा रहा है. पिछली बार यानी 2014 के चुनाव में तो एक समय ऐसा लग रहा था कि केरल में इसी सीट से बीजेपी का खाता खुलेगा, लेकिन अंत में शशि थरूर बमुश्किल कुछ सीटों से जीत गए.
कांग्रेस से इस बार भी शशि थरूर इस बार काफी कठिन लड़ाई में फंस सकते हैं. स्थानीय मीडिया रिपोट्स के अनुसार कांग्रेस के आंतरिक सर्वे में यह माना जा रहा है कि इस बार इस सीट पर कांग्रेस के लिए जीत काफी मुश्किल है. इसकी वजह यह है कि बीजेपी ने सबरीमाला आंदोलन के द्वारा अपना आधार काफी बढ़ा लिया है, लेकिन कांग्रेस ने इसके जवाब में कोई खास तैयारी नहीं की है. पीएम मोदी पिछले महीनों में यहां कई बार पहुंच चुके हैं. 15 जनवरी को पीएम मोदी ने यहां के श्री पद्मनाभा मंदिर में दर्शन किया था. बीजेपी उन सीटों पर इस बार अपना पूरा जोर लगाएगी जहां उसे पिछले चुनाव में दो लाख से ज्यादा वोट मिल चुके हैं. इनमें से एक तिरुवनंतपुरम सीट भी है.
कम मार्जिन से मिली थी जीत
शशि थरूर सबसे अमीर कैंडिडेट भी थे, उन्होंने 23.04 करोड़ की संपत्ति घोषित कर रखी थी. शशि थरूर को महज 2,97,806 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी कैंडिडेट ओ. राजगोपाल को 2,82,336 वोट मिले थे. इस तरह शशि थरूर करीब 15 हजार वोटों के मार्जिन से ही जीते थे. उनके वोट में 2009 के चुनाव के मुकाबले करीब 10 फीसदी की गिरावट आई थी, जबकि बीजेपी कैंडिडेट के वोट में करीब 21 फीसदी की जबरदस्त बढ़त हुई थी. सीपीआई के बेनेट अब्राहम को 2,48,941 वोट मिले थे. आम आदमी पार्टी के कैंडिडेट अजित जाॅय को 14,153 वोट, एसडीपीआई के कुन्नील शजाहन को 4,820 वोट मिले थे. नोटा बटन 3,346 लोगों ने दबाया था. साल 2009 के चुनाव में कांग्रेस कैंडिडेट शशि थरूर को 3,26,725 वोट और सीपीआई कैंडिडेट पी. रामचंद्रन नायर को 2,26,727 वोट मिले थे. तब बीजेपी कैंडिडेट पी.के. कृष्णा दास को बीएसपी से भी कम महज 84,094 वोट मिले थे. बीएसपी कैंडिडेट ए.एन. नडार को 86,233 वोट मिले थे.
महिला मतदाता ज्यादा
तिरुवनंतपुरम जिला दक्षिण केरल में है जिसका मुख्यालय तिरुवनंतपुरम शहर है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक जिले की जनसंख्या 33,01,427 थी, जिसमें से 15,81,678 पुरुष और 17,19,749 महिलाएं थीं. जिले में अनुसूचित जाति के लोगों की संख्या 3,72,977 और अनुसूचित जनजाति के लोगों की संख्या 26,759 थी. जिले में प्रति 1,000 पुरुषों पर 1087 महिलाएं हैं. जिले में 66.46 फीसदी हिंदू और 19.10 फीसदी ईसाई हैं. साक्षरता दर करीब 93.02 फीसदी है. जिले के लोगों की आमदनी का मुख्य स्रोत खेती ही है. 2014 के चुनाव में इस संसदीय क्षेत्र में कुल 12,72,748 मतदाता थे, जिनमें से 6,14,438 पुरुष और 6,58,310 महिला मतदाता थीं.
विद्वान सांसद का संसद में प्रदर्शन
संसद में शशि थरूर के प्रदर्शन को ठीकठाक कहा जा सकता है. 62 वर्षीय शशि थरूर दूसरी बार सांसद हैं. लंदन में जन्मे शशि थरूर की तीन शादी हो चुकी है. उनकी हाल की पत्नी सुनंदा पुष्कर की साल 2014 में दिल्ली के एक होटल में रहस्यमय हालत में मौत हो चुकी है. उनके दो बेटे हैं. उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से बीए,एमए, पीचडी किया और उसके बाद अमेरिका के फ्लेशर स्कूल ऑफ लॉ एंड डिप्लोमेसी से पढ़ाई की. वह एक डिप्लोमेट रहे हैं और संयुक्त राष्ट्र में काम कर चुके हैं. वे एक अच्छे लेखक भी हैं और कई किताबें लिख चुके हैं, जिनमें ‘व्हाय आय ऐम अ हिंदू', ‘ऐन एरा ऑफ डार्कनेस' आदि काफीचर्चित रही हैं. वह यूपीए की सरकार में विदेश राज्य मंत्री रह चुके हैं.
चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए सब्सक्राइब करें आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़लेटर