ओडिशा की बोलंगिर लोकसभा सीट पर 23 मई को मतगणना हुई. इस सीट पर बीजेपी की संगीता कुमारी सिंह ने बीजेडी के कलिकेश नारायण सिंह को 19 हजार 516 वोटों से हराया.
यहां दूसरे चरण में 18 अप्रैल को चुनाव संपन्न हुआ था. बोलंगिर लोकसभा सीट पर एक बार फिर से राजपरिवारों की सियासी जंग देखने को मिल रही है. पिछले 20 सालों से बोलंगिर संसदीय क्षेत्र की राजनीति सिंहदेव राज परिवार के आस पास घूम रही है. पार्टियां अलग-अलग रहीं, लेकिन जनप्रतिनिधि इसी घराने से चुने गए. सिंहदेव राजपरिवार का यहां की स्थानीय राजनीति पर गहरा असर रहा है. इस बार भी राजपरिवार के दो सदस्य अलग-अलग दलों के टिकट पर आमने-सामने थे.
कब और कितनी हुई वोटिंग
बोलंगिर लोकसभा सीट पर 72.38 प्रतिशत मतदान हुआ था. 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 73.56 मतदाताओं ने वोट डाला था.
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कौन-कौन हैं प्रमुख उम्मीदवार
बोलंगिर लोकसभा सीट से इस बार एक निर्दलीय समेत कुल 8 उम्मीदवार मैदान में हैं. बोलंगिर लोकसभा सीट पर इस बार बोलंगिर राजपरिवार के दो सदस्य अलग-अलग दलों के टिकट पर आमने-सामने हैं. बीजेडी ने इस सीट पर दो बार सांसद रहे कलिकेश नारायण सिंह देव को एक बार फिर से मैदान में उतारा. कलिकेश नारायण सिंह देव को टक्कर दे रही हैं राज परिवार की सदस्य संगीता कुमारी. संगीता कुमारी सिंह देव बीजेपी के टिकट पर इस सीट से चुनाव लड़ीं तो इधर कांग्रेस ने इस बार नए चेहरे पर दांव खेला.
2014 का चुनाव
पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान बीजद के कलिकेश नारायण सिंहदेव को 4 लाख 53 हजार 519 वोट मिले, जबकि बीजेपी के संगीता कुमारी सिंहदेव को 3 लाख 49 हजार 220 वोट मिले. कांग्रेस उम्मीदवार शरत पटनायक को 2 लाख 77 हजार 616 वोट मिले. AAP उम्मीदवार को यहां 24 हजार 515 वोट मिले.
सामाजिक ताना-बाना
इस जिले का गठन 1 नवंबर 1949 को किया गया था. माना जाता है कि बोलंगिर नाम यहां मौजूद बलरामगढ़ किले से लिए गया है. इस किले का निर्माण 19वीं सदी के राजा बलराम देव ने करवाया था. बलराम देव को संभलपुर राज्य का संस्थापक माना जाता है. बोलंगिर जिले की सरकारी वेबसाइट के मुताबिक वरिष्ठ कांग्रेस नेता और टेलीकॉम एक्सपर्ट सैम पित्रोदा बोलंगिर जिले के रहने वाले हैं.
2014 के लोकसभा चुनाव के मुताबिक यहां कुल मतदाताओं की संख्या 15 लाख 63 हजार 25 थी. इसमें पुरुष मतदाताओं का हिस्सा 8 लाख 14 हजार 968 था. जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 7 लाख 48 हजार 57 थी. 2014 में यहां 74.88 फीसदी मतदान हुआ था.
2011 के मुताबिक यहां की आबादी 22 लाख 59 हजार 180 थी. एक आंकड़े के मुताबिक यहां की 89 फीसदी आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है, जबकि 11 प्रतिशत हिस्सा शहरों में निवास करता है. यहां की जनसंख्या का 19.96 % हिस्सा अनुसूचित जाति है, जबकि 17.9 प्रतिशत भाग अनुसूचित जनजाति का है.
बोलंगिर लोकसभा सीट के तहत विधानसभा की 7 सीटें आती हैं. ये सीटें हैं बिरमहाराजपुर, सोनेपुर, लोईसिंघ, पाटनगढ़, बलांगीर, तितलागढ़ और कांतबंगी. 2014 के विधानसभा चुनाव में पाटनगढ़ से बीजेपी के कनक वर्धन सिंहदेव चुनाव जीते थे. बलांगीर सीट पर कांग्रेस का कैंडिडेट चुनाव जीता था, बाकी 5 सीटों पर बीजू जनता दल के कैंडिडेट चुनाव जीतने में कामयाब रहे.
सीट का इतिहास
बोलंगिर लोकसभा सीट पर 1962 में पहली बार चुनाव हुए. तब स्वतंत्र पार्टी के ह्रषिकेश महानंद यहां से चुनाव जीते. 1967 और 1971 में इस सीट से स्वतंत्र पार्टी के आर आर सिंह देव विजयी रहे. 1977 में यहां से ऐन्थु साहू को जीत मिली. 1980 में कांग्रेस पार्टी यहां पहली बार जीती और नित्यानंद मिश्रा सांसद बने. 1984 में जनता ने उन्हें एकबार फिर मौका दिया. 1989 में इस सीट से जनता दल के बालगोपाल मिश्रा सांसद बने. 1991 में कांग्रेस के शरत पटनायक यहां से MP बने. 1996 में एक बार फिर से वह चुने गए.
1998 में अटल-आडवाणी के दौर में BJP ने इस सीट पर पहली बार खाता खोला. बोलंगिर के राजपरिवार की बहू संगीता कुमारी सिंहदेव यहां से सांसद बनीं. उनकी जीत का सिलसिला 1999 और 2004 में भी जारी रहा.
2009 में इस सीट का समीकरण बदला. संगीता कुमारी सिंहदेव को चुनौती मिली अपने ही शाही परिवार के सदस्य से. 2009 में बीजू जनता दल ने संगीता कुमारी सिंहदेव के पति के चचेरे भाई कलिकेश नारायण सिंहदेव को इस सीट से मैदान में उतारा. शाही परिवार के दो सदस्यों के बीच की टक्कर में बीजद उम्मीदवार को जीत मिली. 2014 में भी BJD कैंडिडेट कलिकेश नारायण सिंहदेव ने संगीता कुमारी सिंहदेव को हराया.
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