लोकसभा चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल के बाद से ही विपक्ष ईवीएम को लेकर भाजपा पर हमलावर है. विपक्ष की मांग है कि VVPAT की कम से 50 प्रतिशत पर्चियों का मिलान किया जाए. चुनाव आयोग द्वारा इस मांग को ठुकराने के बाद एक तरफ बीजेपी में जोश बढ़ गया है. दूसरी तरफ विपक्ष ने इस पर हमले और तेज कर दिए हैं.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने विपक्ष पर लोकतंत्र की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया है. अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, "EVM का विरोध देश की जनता के जनादेश का अनादर है. हार से बौखलाई यह 22 पार्टियां देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवालिया निशान उठा कर विश्व में देश और अपने लोकतंत्र की छवि को धूमिल कर रही हैं."
अमित शाह ने कहा, "मैं इन सभी पार्टियों से कुछ प्रश्न पूछना चाहता हूं." इसके बाद शाह ने विपक्ष से 6 सवाल पूछते हुए लगातार कई ट्वीट किए.
प्रश्न-1 : EVM की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठाने वाली इन अधिकांश विपक्षी पार्टियों ने कभी न कभी EVM द्वारा हुए चुनावों में विजय प्राप्त की है।
यदि उन्हें EVM पर विश्वास नहीं है तो इन दलों ने चुनाव जीतने पर सत्ता के सूत्र को क्यों सम्भाला ?
— Chowkidar Amit Shah (@AmitShah) May 22, 2019
प्रश्न-2: देश की सर्वोच्च अदालत ने तीन से ज्यादा PIL का संज्ञान लेने के बाद चुनावी प्रक्रिया को अंतिम स्वरूप दिया है। जिसमें की हर विधानसभा क्षेत्र में पांच VVPAT को गिनने का आदेश दिया है।
तो क्या आप लोग सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर भी प्रश्नचिन्ह लगा रहे है ?
— Chowkidar Amit Shah (@AmitShah) May 22, 2019
प्रश्न-3 : मतगणना के सिर्फ दो दिन पूर्व 22 विपक्षी दलों द्वारा चुनावी प्रक्रिया में परिवर्तन की मांग पुर्णतः असंवैधानिक है क्योंकि इस तरह का कोई भी निर्णय सभी दलों की सर्वसम्मति के बिना सम्भव नहीं है।
— Chowkidar Amit Shah (@AmitShah) May 22, 2019
प्रश्न-4: विपक्ष ने EVM के विषय पर हंगामा छः चरणों का मतदान समाप्त होने के बाद शुरू किया। एक्जिट पोल के बाद यह और तीव्र हो गया।
एक्जिट पोल EVM के आधार पर नहीं बल्कि मतदाता से प्रश्न पूछ कर किया जाता है। अतः एक्जिट पोल के आधार पर आप EVM की विश्वसनीयता पर कैसे प्रश्न उठा सकते है?
— Chowkidar Amit Shah (@AmitShah) May 22, 2019
सवालों के बीच उन्होंने कहा, "इसके बाद चुनाव आयोग ने EVM को VVPAT से जोड़ कर चुनावी प्रक्रिया को और पारदर्शी किया. VVPAT प्रक्रिया के आने के बाद मतदाता मत देने के बाद देख सकता है कि उसका मत किस पार्टी को रजिस्टर हुआ है. प्रक्रिया के इतने पारदर्शी होने के बाद इस पर प्रश्न उठाना कितना उचित है?"प्रश्न-5 : EVM में गड़बड़ी के विषय पर प्रोएक्टिव कदम उठाते हुए चुनाव आयोग ने सार्वजनिक रूप से चुनौती देकर इसके प्रदर्शन का आमंत्रण दिया था। परन्तु उस चुनौती को किसी भी विपक्षी दल ने स्वीकार नहीं किया।
— Chowkidar Amit Shah (@AmitShah) May 22, 2019
उन्होंने आगे कहा, "EVM पर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे प्रश्न सिर्फ भ्रान्ति फैलाने का प्रयास हैं, जिससे प्रभावित हुए बिना हम सबको हमारे प्रजातांत्रिक संस्थानों को और मजबूत करने का प्रयास करना चाहिए."प्रश्न-6: कुछ विपक्षी दल चुनाव परिणाम अनुकूल न आने पर ‘हथियार उठाने’ और “खून की नदिया बहाने“ जैसे आपत्तिजनक बयान दे रहे है।
विपक्ष बताये कि ऐसे हिंसात्मक और अलोकतांत्रिक बयान के द्वारा वह किसे चुनौती दे रहा है?
— Chowkidar Amit Shah (@AmitShah) May 22, 2019
बता दें कि विपक्ष की मांग है कि अगर किसी बूथ पर वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान सही नहीं मिलता तो उस विधानसभा क्षेत्र के सभी मतदान केंद्रों की वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती की जाए और उनका मिलान ईवीएम के नतीजों से किया जाए. चुनाव आयोग ने बुधवार को लंबी बैठक कर वीवीपैट पर्चियों की गिनती की प्रक्रिया से करने से इंकार कर दिया है.
आयोग ने कहा, जो पहले से तय है, उसी अनुरूप में पर्चियों का मिलान होगा. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट भी पर्चियों के मिलान का प्रतिशत बढ़ाने वाली मांग की याचिका खारिज कर चुका है.