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BJP के हिस्से में नहीं आई शाहनवाज हुसैन और गिरिराज सिंह की सीट

नवादा सीट से फिलहाल बीजेपी के गिरिराज सिंह सांसद हैं और अब यह सीट एलजेपी के पास चली गई है. जबकि भागलपुर सीट पर 2014 में शाहनवाज हुसैन हार गए थे और ये सीट भी बीजेपी को छोड़नी पड़ी है, अब इस सीट पर जेडीयू उम्मीदवार लड़ेगा.

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बिहार में एनडीए की सीटें फाइनल
बिहार में एनडीए की सीटें फाइनल

बिहार में एनडीए (NDA) के बीच सीटों का बंटवारा होने के बाद अब यह भी फाइनल हो गया है कि कौन सी पार्टी, किस सीट पर चुनाव लड़ेगी. रविवार को पटना में हुई साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ऐलान किया गया. दिलचस्प बात ये है कि भारतीय जनता पार्टी के खाते वाली भागलपुर व नवादा सीट अब उसके सहयोगियों के पास चली गई हैं.

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बिहार जेडीयू के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने भारतीय जनता पार्टी, जनता दल यूनाइटेड और लोक जनशक्ति पार्टी के खाते की सभी सीटों का ऐलान किया. गठबंधन फॉर्मूले के तहत बीजेपी और जेडीयू के खाते में 17-17 व एलजेपी के पास 6 सीटे हैं.

इन 17 सीटों पर लड़ेगी बीजेपी

भारतीय जनता पार्टी के खाते में पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, मधुबनी, अररिया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, महाराजगंज, सारण, उजियारपुर, बेगुसराय, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, सासाराम और औरंगाबाद सीट आई हैं.

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इन 17 सीटों पर लड़ेगी जेडीयू

नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड जिन 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, उनमें वाल्मीकिनगर, सीतामढ़ी, झंझारपुर, सुपौल, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, मधेपुरा, गोपालगंज,  सिवान, भागलपुर,बांका, मुंगेर, नालंदा, काराकाट,जहानाबाद और गया शामिल हैं.

एलजेपी को मिलीं ये 6 सीटें

रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के खाते में गठबंधन के तहत जो 6 सीटें आई हैं, उनमें वैशाली, हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया, जमुई और नवादा हैं.

गिरिराज सिंह व शाहनवाज हुसैन की सीट जेडीयू के पास

गठबंधन फॉर्मूले के तहत जो 17 सीटें जनता दल यूनाइटेड को मिली हैं, उनमें भागलपुर व नवादा भी शामिल हैं. नवादा सीट से बीजेपी के सिटिंग सांसद गिरिराज सिंह हैं, लेकिन अब यह सीट एलजेपी के पास चली गई है. अब चर्चा है कि गिरिराज को बेगुसराय से टिकट मिल सकता है.

दूसरी तरफ पार्टी के मुस्लिम चेहरे और राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन की भागलपुर सीट भी बीजेपी के पास नहीं रही. अब यह सीट जेडीयू को मिल गई है. ऐसे में शाहनवाज हुसैन को किस सीट से उतारा जाएगा, इसे लेकर भी गहमागहमी है. यहां तक कि शाहनवाज समर्थकों का गुस्सा भी सामने आने लगा है.

शाहनवाज हुसैन 2004 में हुए उपचुनाव में यहां से जीते थे, इसके बाद 2009 में भी वह यहां से सांसद बने. हालांकि, 2014 में वो महज 8 हजार वोट से हार गए. लेकिन शाहनवाज हुसैन हार के बाद भी भागलपुर का दौरा करते रहे. अब जबकि उनका टिकट यहां से न होने की खबर सामने आई तो बीजेपी कार्यकर्ताओं में मायूसी भी देखने को मिली.

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