scorecardresearch
 

हरियाणा: इन 12 सीटों पर हुई थी जमानत जब्त, बीजेपी ने बनाई खास रणनीति

हरियाणा में चार विधायकों वाली बीजेपी ने 2014 में 47 सीटों पर जीत का परचम फहराया था. जबकि 31 सीटों पर बीजेपी प्रत्याशी भले ही हार गए थे, लेकिन वह अपनी जमानत बचाने में सफल रहे थे. वहीं बीजेपी की इस जीत में 12 उम्मीदवार ऐसे थे जो अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए.

Advertisement
X
 हरियाणा विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी की नई रणनीति
हरियाणा विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी की नई रणनीति

  • 2014 में  12 सीटों पर बीजेपी की जमानत हुई जब्त
  • बीजेपी ने इस बार इन सीटों पर उतारे नए चेहरे

पिछले हरियाणा विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता ने दस साल से सत्ता पर काबिज कांग्रेस को अर्श से फर्श पर ला दिया था तो वहीं बीजेपी को सीधे सत्ता के सिंहासन पर. बीजेपी 2014 में 47 सीटों के साथ रिकार्ड जीत दर्ज पर पहली बार सत्ता में विराजमान हुई थी. हालांकि इस जीत में भी करीब एक दर्जन ऐसी विधानसभा सीटे थीं जिन पर बीजेपी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी. बीजेपी ने इन दर्जन भर सीटों के लिए इस बार खास रणनीति तैयार की है.

बीजेपी हरियाणा विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी ने इन सभी सीटों पर एक खास रणनीति के तहत पिछले चुनाव में शिकस्त खाए हुए उम्मीदवारों पर दांव लगाने के बजाय सभी नए चेहरे उतारे हैं.

Advertisement

इन सीटों पर हो गई थी जमानत जब्त

हरियाणा में चार विधायकों वाली बीजेपी ने 2014 में 47 सीटों पर जीत का परचम फहराया था. जबकि 31 सीटों पर बीजेपी प्रत्याशी भले ही हार गए थे, लेकिन वह अपनी जमानत बचाने में सफल रहे थे. हालांकि बीजेपी की इस जीत में भी 12 उम्मीदवार ऐसे थे जो अपनी जमानत बचाने में सफल नहीं रहे थे. इनमें रोहतक जिले की गढ़ी-सांपला, किलोई, भिवानी जिले की तोशाम, सोनीपत की खरखौदा और बड़ौदा, जींद की जुलाना, सिरसा की कालांवाली, रानियां और डबवाली, हिसार की आदमपुर और नलवा, नूंह के फिरोजपुर झिरका और फतेहाबाद विधानसभा सीट शामिल है.

बीजेपी का सबसे खराब प्रदर्शन भिवानी जिले की तोशाम सीट पर रहा, जहां पार्टी प्रत्याशी को केवल 1.20 पीसदी वोट ही मिल पाए थे. गढ़ी सांपला में बीजेपी को उस समय के सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गढ़ में हार का सामना करना पड़ा था. आदमपुर में बीजेपी को पूर्व सीएम भजन लाल के गढ़ में उनके बेटे कुलदीप बिश्नोई के हाथों करारी हार मिली थी.

बनाई है खास  रणनीति

बीजेपी ने इन सीटों पर जीत का स्वाद चखने के लिए मजबूत प्रत्याशी उतारे हैं ताकि विपक्ष के मजबूत कैंडिडेट को उन्हीं के दुर्ग में घेरा जा सके. गढ़ी सांपला किलोई में बीजेपी ने इस बार धर्मबीर हुड्डा की जगह इनेलो से आए सतीश नांदल पर दांव खेला है. तोशाम में गुणपाल की जगह शशिरंजन परमार, खरखौदा में कुलदीप काकरान की जगह मीना नरवाल, बरौदा में बलजीत सिंह मलिक के स्थान पर योगश्वर दत्त, जींद के जुलाना में संजीव की जगह इनेलो से आए परमिंद्र सिंह ढुल और कालांवाली में राजेंद्र सिंह की जगह अकाली दल के विधायक बलकौर सिंह को उतारा है.

Advertisement

ऐसे ही रानियां विधानसभा सीट पर बीजेपी ने जगदीश नेहरा के जगह पर इनेलो से आए रामचंद्र कंबोज, डबवाली सीट पर देव कुमार शर्मा की जगह ताऊ देवीलाल परिवार के आदित्य देवीलाल, आदमपुर में करण सिंह रानौलिया के जगह पर टिक टॉक गर्ल सोनाली फौगाट , नलवा में मास्टर हरि सिंह की जगह इनेलो से आए रणवीर गंगवा, नूंह के फिरोजपुर झिरका में पूर्व इनेलो विधायक नसीम अहमद और फतेहाबाद में स्वतंत्र बाला चौधरी की जगह भजन लाल परिवार के दूड़ा राम पर दांव खेला है. इस बार ऐसे में इन 12 सीटों पर सभी का ध्यान होगा कि बीजेपी अपनी रणनीति में कामयाब हुई या नहीं.

 

Advertisement
Advertisement