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गुजरात डायरी: ‘सूरत सुखी है, क्योंकि वो जवान है और यहां प्रेम पर पहरा नहीं’

गुजरात डायरी: ‘सूरत सुखी है, क्योंकि वो जवान है और यहां प्रेम पर पहरा नहीं’

सूरत का पिप्लोद इलाका, बिल्कुल दिल्ली के सीपी की तरह दिखता है. बड़े-बड़े मॉल, चौड़ी सड़कें और चकाचौंध. लेकिन यहां कुछ ऐसा है जो देश के किसी भी दूसरे शहर में नहीं दिखा. वो ये कि लोग यहां बड़ी ही सहजता के साथ सड़क के बीचो-बीच या किनारे चटाइयां बिछाकर बैठते हैं और परिवार के साथ खाना भी खाते हैं. सूरत के कुछ इलाके ऐसे भी दिखे, जहां प्रेम पर कोई रोक टोक नहीं है. लोग सड़क किनारे बाइक खड़ी कर बातचीत कर रहे हैं. वहां ताकझांक करने वाला कोई नहीं है. हालांकि सूरत में जहां कुछ इलाकों में ज्यादा रौशनी और रंगीनियां हैं, वहीं कुछ ऐसे भी क्षेत्र हैं, जहां अब तक रौशनी नहीं पहुंच पाई है. रिपोर्टर की डायरी से देखें सूरत की यह एक्सक्लूसिव तस्वीर...

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