scorecardresearch
 

गुजरात में BJP ने वही किया जिसका कांग्रेस को डर था, तैयार की पलटवार की नीति

राहुल का जोर सबसे ज्यादा जीएसटी और नोटबंदी पर ही होगा. इसके अलावा राहुल का सॉफ्ट हिंदुत्व तो नजर आएगा ही. कुल मिलाकर कांग्रेस की कोशिश यही रहेगी कि किसी कीमत पर चुनाव में हिंदू-मुसलमान का मुद्दा न बनने पाए.

Advertisement
X
गुजरात में बीजेपी पर पलटवार के लिए तैयार कांग्रेस
गुजरात में बीजेपी पर पलटवार के लिए तैयार कांग्रेस

इस बार गुजरात चुनावों को लेकर कांग्रेस ने खास रणनीति बनाई. 22 सालों से राज्य की सत्ता से बाहर रही कांग्रेस को लगता है कि इतने सालों की सत्ता विरोधी लहर, पाटीदार, दलित, ओबीसी आंदोलन और सामने सीएम की कुर्सी पर नरेंद्र मोदी का न होना उसके लिए अच्छी खबर ला सकते हैं.

सूत्रों की मानें तो कांग्रेस को सबसे बड़ा डर इस बात का था कि गुजरात में BJP हिन्दू-मुस्लिम का आखिरी दांव चल सकती है. कांग्रेस को लगता है कि 2002 के दंगों के बाद से BJP हिंदू-मुस्लिम मतों के बंटवारे के चलते ही चुनाव जीतती आ रही है. इसके लिए तत्कालीन CM मोदी आखिरी मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनैतिक सलाहकार और राज्यसभा सांसद अहमद पटेल को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार तक बता देते थे.

कांग्रेस लाख मना करे लेकिन अहमद का पार्टी में रुतबा और कद इतना रहा है कि वह गुजरात के सबसे बड़े नेता माने जाते रहे हैं. तभी खुद मोदी के भाषणों में मियां अहमद पटेल जैसे जुमले का जिक्र होता था. इसीलिए इस बार BJP का यह दांव ना चलने पाए. इसके लिए कांग्रेस ने खास 5 सूत्रीय एजेंडा तैयार किया है.

Advertisement

यह है कांग्रेस का 5 सूत्रीय एजेंडा

1. राहुल गांधी सिर्फ मंदिरों में जाकर पार्टी की सॉफ्ट हिंदुत्व की छवि बनाएंगे.

2. खुद को हमेशा मुख्यमंत्री का दावेदार होने से इनकार करने वाले अहमद पटेल ने तय किया कि वह पर्दे के पीछे से ही सक्रिय रहेंगे.

3. पार्टी के तमाम मुस्लिम नेता बाकी मुस्लिम संगठनों से गुपचुप बात करके उनको भड़काऊ चीजों से दूर रहने की अपील करेंगे. मतदान के वक्त भी किसी उकसावे में न आकर शांतिपूर्ण तरीके से मतदान करने की अपील भी होगी.

4. चुनावी बहसों में खास खयाल रखा जाए कि डिबेट किसी भी तरह से साम्प्रदायिक न होने पाए. BJP के किसी नेता के ऐसे बयान का जवाब देने की बजाय ठंडे बस्ते में डाला जाए जिससे जरा भी साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण का अंदेशा हो.

5. मुस्लिम इलाकों में चुनाव प्रचार के दौरान जोश में आकर ऐसे भाषण न हों, जिससे बीजेपी उसका फायदा साम्प्रदायिक रंग देने में ले सके. साथ ही नारेबाजी में कौमी नारों से ज्यादा देश के नारे हों. ऐसा माहौल कत्तई ना हो जिसको हुड़दंग बताया जाए.

CM रुपाणी ने अहमद पटेल का लिंक ISIS से जोड़ा

अब तक कांग्रेस का यह पांच सूत्रीय एजेंडा ठीक चल रहा था. तभी अचानक अहमद पटेल, ट्रस्ट और उससे जुड़े व्यक्ति के ISIS से लिंक का मुद्दा खुद मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने उठा दिया. जवाब में अहमद पटेल और पार्टी ने अपनी सफाई पेश कर दी.

Advertisement

इसके बाद कांग्रेस ने तय किया है कि, वो अपनी मज़बूत सफाई पेश कर चुकी है. खुद अहमद पटेल अपना पक्ष रख चुके हैं. ऐसे में कांग्रेस इस मुद्दे को यहीं खत्म करने की कोशिश करेंगे. कांग्रेस इस मुद्दे को तूल देने के बजाय जनता के बीच चल रहे मुद्दों को ही केंद्र में रखेगी. साथ ही जरूरत पड़ने पर इंदिरा, राजीव की आतंकियों द्वारा की गई हत्या को याद किया जाएगा, वहीं आजादी की लड़ाई में संघ और बीजेपी के शामिल न होने का प्रचार प्रसार किया जाएगा और कंधार में बीजेपी सरकार द्वारा आतंकियों को छोड़े जाने का मसला याद दिलाया जाएगा.

सॉफ्ट हिंदुत्व, GST, नोटबंदी होंगे कांग्रेस के हथियार

ताजा मुद्दा मोदी सरकार के वक्त दाऊद की पत्नी के मुम्बई आने का है, जिसको वो आगे भी भुनाना चाहेगी. 1 नवंबर से शुरू हो रही राहुल की यात्रा के दौरान यही पार्टी की चुनावी रणनीति रहेगी. इसकी झलक राहुल के भाषणों में भी नजर आएगी. हालांकि, राहुल का जोर सबसे ज्यादा जीएसटी और नोटबंदी पर ही होगा. इसके अलावा राहुल का सॉफ्ट हिंदुत्व तो नजर आएगा ही. कुल मिलाकर कांग्रेस की कोशिश यही रहेगी कि किसी कीमत पर चुनाव में हिंदू-मुसलमान का मुद्दा न बनने पाए.

Advertisement
Advertisement