Aajtak Axis My India Exit Polls 2022 Exit Poll Goa 2022: गोवा में 40 विधानसभा सीटों पर 301 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी. प्रदेश में 14 फरवरी को वोटिंग हुई थी. 78.94 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. अब बारी है नतीजों की. बता दें कि परिणाम 10 मार्च को आएंगे, लेकिन इससे पहले आजतक और इंडिया टुडे के Exit Poll की मानें तो 15-20 सीटों के साथ कांग्रेस सरकार बना सकती है. हालांकि बीजेपी के साथ कांग्रेस का कांटे का मुकाबला है. बीजेपी के हिस्से 14-18 सीटें आ सकती हैं. Exit Poll से जुड़ी सभी लेटेस्ट अपडेट्स आपको aajtak.in पर भी मिलेंगी. इसके लिए आप आजतक चैनल के साथ-साथ हमारे YouTube चैनल, फेसबुक, ट्विटर पर भी नजर रखें.
आजतक और इंडिया टुडे के Exit Poll की मानें तो 15-20 सीटों के साथ कांग्रेस सरकार बना सकती है. हालांकि बीजेपी के साथ कांग्रेस का कांटे का मुकाबला है. बीजेपी के हिस्से 14-18 सीटें आ सकती हैं. वहीं एमजेपी के हिस्से 2-5 और अन्य के हिस्से 0-4 सीटें आ सकती हैं,
गोवा विधानसभा चुनाव के परिणाम की घोषणा किए जाने से कुछ दिन पहले कांग्रेस ने कहा था कि अगर उसे बहुमत नहीं मिलता है, तो वह भाजपा के अलावा अन्य दलों के साथ चुनाव के बाद गठबंधन के लिए तैयार है.
थोड़ी देर में एग्जिट पोल के आंकड़े आ जाएंगे. एग्जिट पोल के पीछे यह धारणा होती है कि फौरन वोट डालकर निकले वोटर के सच बताने की संभावना ज्यादा है. सभी जवाबों को एक जगह इकट्ठा करके चुनाव के नतीजों का अनुमान लगाया जाता है. एग्जिट पोल में बताए गए आंकड़े सिर्फ अनुमान हैं. असल परिणाम 10 मार्च को मतगणना के बाद आएंगे.
साल 2012 के विधानसभा चुनाव में BJP को 21 सीटें मिली थी, जबकि 2017 के चुनाव में घटकर 13 हो गईं. वहीं, कांग्रेस ने साल 2012 के विधानसभा चुनाव में 9 पर कब्जा किया तो 2017 में 17 सीटें जीतीं थी. वहीं साल 2019 में हुए लोकसभा चुनावों से करें तो बीजेपी ने 26 सीटों पर कब्जा किया तो कांग्रेस ने 14 सीटों पर.
इस बार गोवा में सबसे अधिक 89.61% मतदान सेंक्वेलिम सीट पर हुआ है, जहां से भाजपा के उम्मीदवार और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत चुनाव लड़े हैं. वे इस सीट पर दो बार 2012 और 2017 में जीत हासिल कर चुके हैं
गोवा में 23 से 46 फीसदी उम्मीवार दागी रिकॉर्ड वाले हैं. यहां 301 में 77 उम्मीदवारों पर मुकदमा चल रहा है.
विजय सरदेसाई गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के अध्यक्ष हैं. वे साल 2012 से फटोर्डा (Fatorda) विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. विजय सरदेसाई सूबे की सरकार में डिप्टी सीएम भी रहे हैं. इस दफे जीएफपी चीफ की प्रतिष्ठा भी फटोर्डा सीट से दांव पर होगी.
गोवा के मुख्यमंत्री रहे बीजेपी के दिग्गज नेता मनोहर पर्रिकर के पुत्र उत्पल पर्रिकर पणजी विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं. उत्पल पर्रिकर को बीजेपी से टिकट नहीं मिला तो वे निर्दलीय ही चुनावी रणभूमि में उतर आए. इस चुनाव में उत्पल पर्रिकर की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है.
अमित पालेकर आम आदमी पार्टी (एएपी) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं. अमित पालेकर भंडारी समाज से आते हैं. अमित पालेकर की छवि सामाजिक कार्यकर्ता की रही है. पेशे से वकील अमित पालेकर इस दफे सांताक्रूज विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं. सांताक्रूज सीट से अमित पालेकर की प्रतिष्ठा दांव पर होगी.
प्रमोद सावंत गोवा के मुख्यमंत्री हैं. मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत बीजेपी के टिकट पर संक्वेलिम विधानसभा सीट से चुनावी रणभू्मि में उतरे हैं. पेशे से आयुर्वेदिक चिकित्सक प्रमोद सावंत 2017 में संक्वेलिम विधानसभा सीट से ही विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे. इस बार संक्वेलिम में सीएम प्रमोद सावंत की प्रतिष्ठा दांव पर है.
गोवा में 2017 में कांग्रेस 15 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. इस बार यहां विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की अगुवाई दिगंबर कामत कर रहे हैं. बता दें कि वे रियल स्टेट कारोबार से सियासत में आए. कांग्रेस से उन्होंने अपनी सियासी पारी का आगाज किया था, लेकिन बीजेपी का दामन थामकर विधायक बने और मंत्री. बीजेपी से कांग्रेस में घर वापसी के लिए गोवा के मुख्यमंत्री बने और अब कांग्रेस की सत्ता में वापसी के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं.
40 सीटों वाले गोवा की विधानसभा का कार्यकाल 15 मार्च को समाप्त हो रहा है. राज्य में पिछला विधानसभा चुनाव फरवरी 2017 में हुआ था. कांग्रेस 15 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन वो सरकार नहीं बना सकी. बीजेपी ने 13 सीटें जीतीं और वो एमजीपी, जीएफपी व दो निर्दलीय विधायकों के सहारे सरकार बनाने में सफल रही. मनोहर पर्रिकर गोवा के मुख्यमंत्री बने, लेकिन 17 मार्च 2019 को मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद डॉ. प्रमोद सावंत को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया.
इस बार 5 राज्यों के चुनावों के लिए चुनाव आयोग ने एग्जिट पोल की गाइडलाइंस जारी की थी. इसमें 10 फरवरी की सुबह 7 बजे से लेकर 7 मार्च की शाम 6:30 बजे तक एग्जिट पोल के नतीजे दिखाने पर रोक है. चुनाव आयोग की ये गाइडलाइंस न सिर्फ टीवी चैनल या मीडिया बल्कि आम लोगों पर भी लागू होती है.
कानून के तहत अगर कोई भी चुनाव प्रक्रिया के दौरान एग्जिट पोल या चुनाव से जुड़ा कोई भी सर्वे दिखाता है या चुनाव आयोग की गाइडलाइंस का उल्लंघन करता है तो उसे 2 साल तक की कैद या जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है.
एग्जिट पोल को लेकर भारत में पहली बार 1998 में गाइडलाइंस जारी हुई थीं. चुनाव आयोग ने आर्टिकल 324 के तहत 14 फरवरी 1998 की शाम 5 बजे से 7 मार्च 1998 की शाम 5 बजे तक एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल के नतीजों को टीवी और अखबारों में छापने या दिखाने पर रोक लगा दी थी. 1998 के आम चुनाव का पहला चरण 16 फरवरी को और आखिरी चरण 7 मार्च को हुआ था.
इसके बाद समय-समय पर चुनाव आयोग एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल को लेकर गाइडलाइंस जारी करता है. रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट 1951 के मुताबिक, जब तक सारे फेज की वोटिंग खत्म नहीं हो जाती, तब तक एग्जिट पोल नहीं दिखाए जा सकते. आखिरी चरण की वोटिंग खत्म होने के आधे घंटे बाद एग्जिट पोल के नतीजे दिखाए जा सकते हैं.
गोवा में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (BJP), विपक्ष के नेता दिगंबर कामत (Congress), पूर्व सीएम चर्चिल अलेमाओ (TMC), रवि नाइक (BJP), लक्ष्मीकांत पारसेकर (independent), पूर्व डिप्टी सीएम विजय सरदेसाई की साख दांव पर लगी है. वहीं, दिवंगत सीएम मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर का मुकाबला AAP के सीएम कैंडिडेट अमित पालेकर से है.
गोवा में हुए विधानसभा चुनाव में 78.94 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. प्रदेश में इस बार 301 उम्मीदवारों ने अपना भाग्य आजमाया है. इसका फैसला 10 मार्च को मतगणना से होगा. लेकिन आज एग्जिट पोल से तस्वीर साफ हो जाएगी कि सूबे की सत्ता कौन संभालेगा.