चुनाव आयोग की तमाम कोशिशों के बावजूद दिल्ली के वोटरों पर खास असर दिखाई नहीं दे रहा है और अभी तक तक वोटिंग प्रतिशत काफी कम है. सुबह 8 बजे मतदान शुरू होने के बाद दो घंटों के अंदर महज 4.33 फीसदी मतदान हो पाया है, जो पिछले चुनावों की तुलना में बेहद कम है.
2015 के विधानसभा में दिल्ली की जनता ने जोश दिखाया था. उस चुनाव में सुबह से ही वोटरों के बीच जोश देखने को मिला था. चुनाव आयोग के मुताबिक दोपहर तीन बजे तक 44.78 फीसदी मतदान हुआ है.
सुबह 9 बजे तक 2015 में 5.4 फीसदी मतदान हुआ था, जबकि मौजूदा चुनाव की बात की जाए तो अभी तक यह प्रतिशत महज 3 है. यानी 9 बजे तक की वोटिंग में पिछले चुनाव की तुलना में इस बार काफी निराशा देखने को मिल रही है.
वोटिंग जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, पिछले चुनाव की तुलना में इस बार हर घंटे वोटिंग प्रतिशत का अंतर बढ़ता जा रहा है. सुबह 11 बजे तक 10.2% मतदान हुआ है, जबकि 2015 में यह 19.6% था. दोपहर 2 बजे तक 2015 में 40 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ था, जबकि 2020 यानी मौजूदा चुनाव में यह प्रतिशत तीस फीसदी भी नहीं पहुंच पाया.
हालांकि, शाहीन बाग जैसे इलाकों में सुबह से ही लंबी-लंबी कतारें लगी हैं, लेकिन ज्यादातर इलाकों से लोगों में कम जोश नजर आ रहा है.
2015 में कुल वोटिंग प्रतिशत 67.12 रहा था. ऐसे में इस बात पर भी नजर है कि क्या ये रिकॉर्ड टूट पाएगा.
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