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Mokama Election Results 2020: मोकामा में 35757 वोटों से जीते 'छोटे सरकार' अनंत सिंह

Mokama Election Results, Mokama Vidhan Sabha seat Counting 2020: अपने इलाके में 'छोटे सरकार' के नाम से चर्चा में रहने वाले अनंत सिंह को इस बार 52.99 फीसदी वोट मिले, जबकि जेडीयू के उम्मीदवार को 28.92 फीसदी वोट मिला. अनंत सिंह को कुल 78721 वोट मिले. इस जीत के साथ ही अनंत सिंह यहां से लगातार पांचवीं बार चुनाव जीतने में सफल रहे. उन्होंने 2015 में भी बतौर निर्दलीय इस सीट से जीत हासिल की थी. 

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Mokama Election Results 2020: मोकामा से अनंत सिंह की जीत
Mokama Election Results 2020: मोकामा से अनंत सिंह की जीत
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मोकामा सीट से आरजेडी के अनंत सिंह की जीत
  • 35757 वोटों से जीते अनंत सिंह
  • निर्दलीय के तौर पर जीता था 2015 का चुनाव

बिहार की मोकामा विधानसभा सीट पर आरजेडी कैंडिडेट अनंत सिंह ने बंपर जीत हासिल की है. उन्होंने अपने नजदीकी प्रतिद्वंदी जेडीयू कैंडिडेट राजीव नारायण सिंह को 35757 वोट से शिकस्त दी है. मोकामा विधानसभा सीट पर इस बार 28 अक्टूबर को वोट डाले गए, यहां कुल 54.03 फीसदी मतदान हुआ.

अपने इलाके में 'छोटे सरकार' के नाम से चर्चा में रहने वाले अनंत सिंह को इस बार 52.99 फीसदी वोट मिले, जबकि जेडीयू के उम्मीदवार को 28.92 फीसदी वोट मिला. अनंत सिंह को कुल 78721 वोट मिले. इस जीत के साथ ही अनंत सिंह यहां से लगातार पांचवीं बार चुनाव जीतने में सफल रहे. उन्होंने 2015 में भी बतौर निर्दलीय इस सीट से जीत हासिल की थी. 

कौन-कौन थे मैदान में?

राजद – अनंत सिंह
आरएलएसपी – दिलराज रौशन
जनता दल (यू) – राजीव नारायण सिंह
लोक जनशक्ति पार्टी – सुरेश सिंह निषाद

मोकामा की राजनीतिक पृष्ठभूमि
मोकामा विधानसभा का इतिहास हमेशा से ही बाहुबली छवि के नेता के साथ रहा है, फिर चाहे वो किसी भी राजनीतिक दल का हो. लगातार चार बार से अनंत सिंह चुनाव जीत रहे हैं, उनसे पहले उनके भाई दिलीप कुमार सिंह चुनाव जीत चुके हैं. इसके अलावा सूरज सिंह भी यहां से विधायक रह चुके हैं. मोकामा विधानसभा सीट 1951 में ही बन गई थी और तभी से ही सामान्य सीट है. कई बार इस सीट पर एक व्यक्ति बार-बार चुनाव जीता है. मोकामा बिहार की विधानसभा सीट संख्या 178 है.

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क्या कहता है सामाजिक ताना-बाना?
मोकामा के आसपास का क्षेत्र पूरी तरह से ग्रामीण है और यहां पर भूमिहार जाति का दबदबा है. अनंत कुमार सिंह खुद भी इसी जाति से आते हैं, ऐसे में चुनाव में उन्हें फायदा मिलता है. इलाके में वे छोटे सरकार के नाम से जाने जाते हैं. साथ ही उनकी बाहुबली वाली छवि लाभ पहुंचाती आई है. 2015 चुनाव के आंकड़ों के अनुसार, यहां करीब ढाई लाख वोटर हैं जिनमें से 1.30 लाख पुरुष और 1 लाख के करीब महिला वोटर हैं.

2015 में क्या रहा था चुनावी नतीजा?
नीतीश कुमार से अनबन होने के बाद अनंत सिंह ने पिछले चुनाव में निर्दलीय ही पर्चा भर दिया था और वो जीत भी गए थे. 2015 में अनंत सिंह को यहां पर 54 हजार से अधिक वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के नीरज कुमार रहे थे जिन्हें सिर्फ 35 हजार वोट मिल पाए थे. यानी निर्दलीय रहते हुए भी अनंत सिंह ने अपना दबदबा कायम रखा.

 

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