उत्तरपाड़ा, पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में एक जनरल कैटेगरी का विधानसभा चुनाव क्षेत्र है, जो 1951 से राज्य के चुनावी नक्शे का हिस्सा रहा है. यह श्रीरामपुर लोकसभा सीट के तहत आने वाले सात हिस्सों में से एक है. हुगली नदी के किनारे, दक्षिणेश्वर काली मंदिर के ठीक सामने, उत्तरपाड़ा कोलकाता का एक उपनगर है और कोलकाता मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी के अंदर आता है. इसकी नगर पालिका, जो 1853 में बनी थी, बंगाल की सबसे पुरानी नगर पालिकाओं में से एक है और शुरुआती नागरिक प्लानिंग की विरासत को आगे बढ़ाती है.
इस चुनाव क्षेत्र में उत्तरपाड़ा कोटरुंग नगर पालिका, कोन्नगर नगर पालिका, और श्रीरामपुर उत्तरपाड़ा कम्युनिटी डेवलपमेंट ब्लॉक की तीन ग्राम पंचायतें - नबाग्राम, कनाईपुर, और रघुनाथपुर शामिल हैं. इन पंचायतों के शामिल होने से एक शहरी सीट में हल्का ग्रामीण टच आ गया है, जिसमें सिर्फ 0.31 प्रतिशत वोटर ग्रामीण के तौर पर क्लासिफाई किए गए हैं और बाकी 99.69 प्रतिशत शहरी वोटर हैं.
उत्तरपाड़ा में 2021 में 259,814 रजिस्टर्ड वोटर थे, जो 2019 के 100,000 वोटों से ज्यादा थे. 2019 में 249,055 और 2016 में 242,165 वोट पड़े थे. शहरी सीट होने के बावजूद, वोटर टर्नआउट काफी ज्यादा रहा है, हालांकि पिछले कुछ सालों में इसमें थोड़ी गिरावट आई है, 2016 में 78.14 परसेंट, 2019 में 77.08 परसेंट और 2021 में 76.94 परसेंट रहा था.
इस सीट पर 18 असेंबली इलेक्शन हुए हैं, जिसमें 2003 का उपचुनाव भी शामिल है, जो प्रो. स्वराज मुखर्जी की मौत के बाद हुआ था, जिन्होंने लेफ्ट की लंबी जीत के सिलसिले को कुछ समय के लिए रोक दिया था. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया ने 1951, 1957 और 1962 में यह सीट जीती थी, इससे पहले 1964 में बंटवारे से बनी CPI(M) ने लगातार नौ जीत के साथ इस सीट पर कब्जा किया था. प्रो. मुखर्जी ने 2001 में नई तृणमूल कांग्रेस के लिए 1,768 वोटों के मामूली अंतर से यह सीट जीती थी. उनके गुजर जाने के बाद, CPI(M) 2003 के उपचुनाव में सीट वापस जीती और 2006 में आखिरी बार जीती, सिर्फ 885 वोटों से जीती. इससे लेफ्ट फ्रंट की कुल जीत 14 हो गई.
तृणमूल कांग्रेस 2011 में जोरदार वापसी की, जब अनूप घोषाल ने CPI(M) के मौजूदा MLA प्रो. श्रुतिनाथ प्रहराज को 43,193 वोटों से हराया. 2016 में, प्रहराज फिर हार गए, इस बार तृणमूल के प्रबीर कुमार घोषाल से, जिन्होंने 12,000 वोटों से जीत हासिल की. 2021 में, BJP में शामिल होने वाले प्रबीर कुमार घोषाल को तृणमूल की कंचन मलिक ने 35,989 वोटों से हराया. खास बात यह है कि तृणमूल कांग्रेस ने 1998 में बनने के तीन साल बाद, 2001 में चुनाव लड़ने के बाद से यहां हुए पांचों विधानसभा चुनावों में अलग-अलग उम्मीदवार खड़े किए हैं.
लोकसभा चुनावों में BJP ने ज़्यादा मजबूत प्रदर्शन किया है, उत्तरपाड़ा असेंबली एरिया में लगातार दूसरे नंबर पर रहे. 2014 में BJP पर तृणमूल की बढ़त 16,231 वोटों की थी, जो 2019 में तेजी से घटकर 3,491 हो गई, और 2024 में थोड़ी बढ़कर 9,040 हो गई.
उत्तरपाड़ा का इलाका समतल और उपजाऊ है, जो हुगली नदी के पास होने की वजह से बना है. इस इलाके का एक समृद्ध इंडस्ट्रियल अतीत रहा है, खासकर हिंदुस्तान मोटर्स का घर होने के नाते, जिसने 2014 में फैक्ट्री बंद होने तक यहां मशहूर एम्बेसडर कार बनाई थी. तब से इस जगह को फिर से इस्तेमाल किया गया है, हीरानंदानी ग्रुप एक IT पार्क बना रहा है जो मैन्युफैक्चरिंग से सर्विसेज में बदलाव का संकेत देता है. इकॉनमी अब छोटे बिजनेस, एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन और उभरते टेक इंफ्रास्ट्रक्चर पर निर्भर है.
कनेक्टिविटी उत्तरपाड़ा की ताकतों में से एक है. यह कोलकाता से सिर्फ 10 km दूर है और सड़क और रेल से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है. उत्तरपाड़ा रेलवे स्टेशन हावड़ा-बर्धमान मेन लाइन का हिस्सा है, और इस इलाके में अक्सर बसें और सबअर्बन ट्रेनें चलती हैं. जिला श्रीरामपुर में हेडक्वार्टर करीब 5 km दूर है. आस-पास के शहरों में कोन्नगर (4 km), रिशरा (6 km), और बैद्यबाटी (7 km) शामिल हैं. बल्ली नहर के उस पार हावड़ा जिले में बल्ली है, जबकि नॉर्थ 24 परगना में बैरकपुर करीब 12 km दूर है.
जैसे-जैसे 2026 के असेंबली इलेक्शन पास आ रहे हैं, तृणमूल कांग्रेस कागज पर मजबूत दिख सकती है, जिसे लगातार तीन जीत और लोकसभा इलेक्शन में लगातार बढ़त मिली है. लेकिन BJP करीब चल रही है, और यहां उसकी बढ़त अब सिर्फ एक फुटनोट नहीं है. यह मुख्य चैलेंजर बन गई है, जो पासा पलटने में काबिल है. तृणमूल यह जानती है, और BJP भी. दोनों CPI(M) पर कड़ी नजर रखेंगे, जो चुपचाप फीकी नहीं पड़ने वाली. 2021 के असेंबली इलेक्शन और 2024 के लोकसभा इलेक्शन में इसका परफॉर्मेंस सिर्फ सिंबॉलिक से कहीं ज्यादा था. यह एक रिमाइंडर था कि उत्तरपाड़ा में लेफ्ट भले ही नीचे हो, लेकिन बाहर नहीं है, और अगर यह फिर से हिलता है, तो यह हर कैलकुलेशन को बिगाड़ सकता है.
(अजय झा)
Prabir Kumar Ghosal
BJP
Rajat Banerjee (bappa)
CPI(M)
Nota
NOTA
Sourav Roy
CPI(ML)(L)
Ranjan Mukherjee
IND
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को बड़ा बयान देते हुए खुलासा किया कि उन्होंने अब तक SIR फॉर्म नहीं भरा है. इससे पहले एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा बंगाल चुनाव से पहले मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी करने की कोशिश कर रही है.
संदेशखाली केस में मुख्य आरोपी रहे शाहजहां शेख के खिलाफ गवाह रहे शख्स और उसके बेटे की कार को एक खाली ट्रक ने टक्कर मारी, जिसमें बेटे की मौत हो गई. इस खबर के सार्वजनिक होते ही चर्चा का बाजार गर्म हो गया है. सियासत तेज हो गई है. जाहिर है कि इसे लोग सामान्य मौत नही मान रहे हैं.
एक बार फिर सज चुका है एजेंडा आजतक का महामंच. देश के सबसे विश्वनीय न्यूज चैनल आजतक के इस दो दिवसीय कार्यक्रम का ये 14वां संस्करण है. जिसके दूसरे दिन मंच पर विशेष तौर पर आमंत्रित थे-शिक्षा एवं विकास राज्य मंत्री और बीजेपी नेता डॉ. सुकांत मजूमदार. सेशन बीजेपी का 'मिशन बंगाल' में उनसे हुई क्या खास बातचीत, जानने के लिए देखें ये पूरा सेशन.
निलंबित तृणमूल कांग्रेस विधायक हुमायूं कबीर ने पार्टी के खिलाफ एक बड़ी चाल चली है. उन्होंने ऐलान किया कि वह 22 दिसंबर को एक नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा करेंगे. कबीर ने दावा किया कि वह ममता बनर्जी की पार्टी के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करेंगे.
मुर्शिदाबाद में जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने बिहार में वोट खरीदने और चुनाव के बाद बुलडोजर चलाने के मामले का उदाहरण देते हुए लोगों से केंद्र की सब्सिडी पर भरोसा न करने और राज्य सरकार की योजनाओं पर विश्वास रखने की अपील की.
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव कुछ ही महीनों में होने वाले हैं और इस पर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. बीजेपी और टीएमसी दोनों अपनी-अपनी रणनीतियाँ बढ़ा रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने बंगाल के सांसदों से मुलाकात की है और अमित शाह ने भी बंगाल के दौरे की पूरी योजना बना ली है. ममता बनर्जी विशेष रूप से सीआई प्रक्रिया के खिलाफ विरोध रैलियाँ कर रही हैं, खासकर मुस्लिम बहुल मालदा और मुर्शिदाबाद जैसे जिलों में.
प्रधानमंत्री मोदी ने पश्चिम बंगाल के भाजपा सांसदों से मुलाकात कर विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर चर्चा की. इस मुलाकात में उन्होंने सांसदों को चुनाव जीतने के लिए पूरी मेहनत करने का संदेश दिया और बंगाल की जीत को पार्टी के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया. भाजपा सांसदों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने उन्हें टीम के रूप में काम करने और रणनीतियों को बेहतर बनाने का निर्देश भी दिया.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मालदा के गाज़ोल में आयोजित एंटी-SIR रैली में केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया. उन्होंने स्थानीय समस्याओं जैसे गंगा में मिट्टी कटाव और बीएलओ की मौतों पर भी चिंता जताई. साथ ही नागरिकता से जुड़ी दिक्कतों पर भी बात की और लोगों को आश्वासन दिया कि कोई बांग्लादेश नहीं जाएगा.
पश्चिम बंगाल में आगामी चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस अपनी-अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद भवन में बंगाल के लोकसभा और राज्यसभा सांसदों से मुलाकात कर चुनाव की स्थिति को जानेंगे और रणनीति पर चर्चा करेंगे. वहीं गृहमंत्री अमित शाह जनवरी से आचार संहिता लागू होने तक बंगाल में रहकर पार्टी के चुनाव अभियान का नेतृत्व करेंगे.
बंगाल में बीजेपी मुसलमानों तक पहुंच बनाने के लिए अपनी टोन बदलती नजर आ रही है. जाहिर है चुनावी गणित में इस बार के विधानसभा चुनावों में किसी भी तरह से बीजेपी पिछड़ना नहीं चाहती है. पर क्या पार्टी के लिए यह नीति बैकफायर नहीं कर सकती है?