सूरी (Suri) पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित एक सामान्य श्रेणी की विधानसभा सीट है, जो राज्य के राजनीतिक नक्शे का हिस्सा 1951 से रही है. अब तक इस क्षेत्र में 17 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. समय-समय पर हुई सीमाओं के पुनर्गठन के कारण सूरी की राजनीतिक यात्रा को तीन अलग-अलग चरणों में बांटा जा सकता है.
पहला चरण (1951–1972) में कांग्रेस पार्टी ने चार बार, सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) ने दो बार और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) ने एक बार जीत दर्ज की.
दूसरा चरण (1977–2006) के दौरान, CPI(M) ने चार बार और कांग्रेस ने तीन बार सीट अपने नाम की.
तीसरा चरण 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिशों के आधार पर नई सीमाओं के गठन के बाद शुरू हुआ. तब से अब तक तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने लगातार तीन चुनावों में जीत हासिल की है.
वर्तमान स्वरूप में सूरी विधानसभा क्षेत्र में सूरी नगरपालिका, सूरी-I और रजनेगर ब्लॉक, और दुबराजपुर ब्लॉक के चिनपाई, गोहालियारा, परुलिया और साहापुर ग्राम पंचायतें शामिल हैं. यह बीरभूम लोकसभा सीट के सात विधानसभा खंडों में से एक है.
2021 में सूरी में 2,63,557 मतदाता थे, जो 2024 में बढ़कर 2,72,439 हो गए। 2011 की जनगणना के अनुसार, मतदाताओं में अनुसूचित जाति (SC) का प्रतिशत 31.25%, अनुसूचित जनजाति (ST) का 8.46%, और मुस्लिम मतदाता लगभग 23.90% थे. यहां की लगभग 70.05% आबादी ग्रामीण और 29.95% शहरी क्षेत्रों में निवास करती है.
मतदान दर हमेशा से उच्च रही है, 2011 में यह 85.94% तक पहुंची, जबकि 2024 के लोकसभा चुनाव में 82.61% दर्ज की गई. 2021 के विधानसभा चुनाव में मतदान 83.06% रहा. 2011 के बाद से प्रमुख दलों ने हर चुनाव में नए उम्मीदवार उतारे हैं. 2011 में TMC के स्वपन कांती घोष ने CPI(M) के अब्दुल गफ्फार को 19,117 वोटों से हराया. 2016 में TMC के अशोक कुमार चट्टोपाध्याय ने CPI(M) के राम चंद्र डोम को 31,808 वोटों से मात दी, जबकि BJP के जॉय बनर्जी को 16.28% वोट मिले. 2021 में TMC के बिकाश रॉय चौधरी ने BJP के जगन्नाथ चट्टोपाध्याय को 7,320 वोटों से हराकर सीट बरकरार रखी. इस बार TMC को 48.80% और BJP को 45.50% वोट मिले, जबकि कांग्रेस (वाम मोर्चा समर्थित) के चंचल चटर्जी को केवल 3.80% वोट मिले.
BJP का प्रभाव सूरी में लोकसभा चुनावों में भी बढ़ा. 2019 में BJP ने इस विधानसभा खंड में TMC से 9,131 वोटों की बढ़त हासिल की थी, लेकिन 2024 में TMC ने पलटवार करते हुए 12,499 वोटों से बढ़त बनाई. वाम मोर्चा और कांग्रेस, जो कभी यहां की राजनीति के केंद्र में थे, अब हाशिए पर पहुंच चुके हैं. 2024 में दोनों दलों को मिलाकर मात्र 6.52% वोट मिले.
भूगोल की दृष्टि से, सूरी छोटा नागपुर पठार के विस्तारित हिस्से में स्थित है. यहां की भूमि लाल दोमट और पथरीली है, जिसमें खेती योग्य क्षेत्र और जंगलों के हिस्से शामिल हैं. मयूराक्षी नदी यहां के निकट बहती है और तिलपारा बैराज, जो नगर से लगभग 3 किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित है, सिंचाई और जल नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. अन्य नदियों में बक्रेश्वर और अजय प्रमुख हैं.
आर्थिक रूप से सूरी की अर्थव्यवस्था कृषि, व्यापार और लघु उद्योगों पर आधारित है. यहां धान की मिलें, कपास और रेशम बुनाई, और फर्नीचर निर्माण प्रमुख व्यवसाय हैं. सूरी प्रशासनिक और शैक्षणिक केंद्र के रूप में भी प्रसिद्ध है. यह पनागढ़–मोरग्राम राजमार्ग (NH 14) से जुड़ा हुआ है और पूर्वी रेलवे की अंडाल-सैंथिया शाखा लाइन पर स्थित है.
कोलकाता से सूरी की दूरी लगभग 220 किमी, दुर्गापुर से 90 किमी, बोलपुर–शांतिनिकेतन से 34 किमी, अंडाल से 55 किमी, और सैंथिया से 19 किमी है. झारखंड के प्रमुख नगर दुमका (80 किमी) और देवघर (110 किमी) भी इसके निकट हैं.
ऐतिहासिक रूप से सूरी कभी एक छोटा गांव था, लेकिन ब्रिटिश शासन के दौरान इसे बीरभूम जिले का मुख्यालय बनाया गया. माना जाता है कि “सूरी” नाम बंगाली शब्द से आया है, जिसका अर्थ होता है “शराब बनाने वाले लोग”, जो इस क्षेत्र के प्रारंभिक निवासियों के पेशे से जुड़ा था. जेम्स रेनल के 1779 के नक्शे में सूरी का उल्लेख “जंगलटेरी जिला” के अंतर्गत मिलता है, जो इसकी प्रारंभिक प्रशासनिक महत्ता को दर्शाता है.
2026 के विधानसभा चुनावों से पहले सूरी एक बार फिर राजनीतिक संघर्ष के केंद्र में है. यहां तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) दोनों की स्थिति मजबूत है. मतदाताओं का हल्का-सा झुकाव या वाम-कांग्रेस गठबंधन के समर्थन में मामूली वृद्धि भी चुनावी परिणाम को प्रभावित कर सकती है.
(अजय झा)
Chattopadhyay Jagannath
BJP
Chanchal Chatterjee
INC
Nitai Ankur
SUCI
Nota
NOTA
Khurshid Alam
BSP
Dhananjoy Mazumdar
IND
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