जंगीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र, जिसकी स्थापना वर्ष 1957 में हुई थी, पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में स्थित है. यह क्षेत्र श्रीरामपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले सात विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. यह इलाका मुख्य रूप से ग्रामीण प्रकृति का है. यहां केवल 8.20% मतदाता शहरी क्षेत्रों में निवास करते हैं. जंगीपाड़ा निर्वाचन क्षेत्र में पूरा जंगीपाड़ा सामुदायिक विकास खंड शामिल है, साथ ही चंडीतला-I ब्लॉक के आइंया, हरिपुर, मसात और शियाखला ग्राम पंचायतें भी इसके अंतर्गत आती हैं.
हालांकि जंगीपाड़ा, श्रीरामपुर उपखंड का हिस्सा है, जो हुगली जिले का सबसे अधिक शहरीकृत क्षेत्र है. फिर भी स्वयं जंगीपाड़ा ब्लॉक ग्रामीण चरित्र को बनाए हुए है. वर्ष 2021 में इस क्षेत्र में 2,57,025 पंजीकृत मतदाता थे, जो 2019 में 2,46,760 और 2016 में 2,34,350 थे. इनमें अनुसूचित जातियों की हिस्सेदारी 29.39% और मुस्लिम मतदाताओं की हिस्सेदारी 24.90% है. मतदान प्रतिशत लगातार 80% से अधिक रहा है. 2016 में 83.44%, 2019 में 80.46% और 2021 में 81.87% रहा.
जंगीपाड़ा में अब तक 16 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. शुरुआती दशकों में कांग्रेस और माकपा (CPI(M)) का दबदबा रहा, माकपा ने सात बार और कांग्रेस ने छह बार जीत दर्ज की. वर्ष 2011 में पहली बार तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने यहां विजय प्राप्त की और तब से यह सीट उसके कब्जे में है. राज्य के वर्तमान मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती ने लगातार तीन बार यहां से जीत हासिल की है. 2011 में उन्होंने माकपा के प्रोफेसर सुदर्शन रॉय चौधरी को 13,076 मतों से हराया. 2016 में उनका अंतर बढ़कर 23,605 मतों तक पहुंच गया जब उन्होंने माकपा के पोबित्रा सिंघा राय को पराजित किया. हालांकि 2021 में यह अंतर घटकर 17,926 मतों का रह गया, जब भाजपा के देबजीत सरकार दूसरे स्थान पर रहे. वाम-कांग्रेस गठबंधन, जिसने इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) के एसके मुइनुद्दीन को समर्थन दिया था, मात्र 8.44% वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहा, जबकि टीएमसी को 48.43% और भाजपा को 39.91% वोट मिले.
लोकसभा चुनावों में भी भाजपा की उपस्थिति लगातार बढ़ी है. 2019 में भाजपा, टीएमसी से 11,932 वोटों से पीछे रही, जबकि 2024 में यह अंतर बढ़कर 28,020 वोटों का हो गया. इस बीच माकपा की स्थिति लगातार कमजोर होती गई, उसने 2019 में 7.30% और 2024 में 9.05% वोट हासिल किए.
भौगोलिक रूप से, जंगीपाड़ा हुगली-दमोदर मैदान (Hooghly-Damodar Plain) में स्थित है, जो गंगा डेल्टा का हिस्सा है. यहां की भूमि समतल और जलोढ़ (Alluvial) है, जिसमें वर्षा का पानी छोटे जलमार्गों से निकलता है. यह क्षेत्र कृषि के लिए अत्यंत उपयुक्त है. यहां धान, सब्जियां और जूट मुख्य फसलें हैं. स्थानीय अर्थव्यवस्था कृषि, छोटे व्यापार, हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योगों पर आधारित है.
सड़क नेटवर्क की दृष्टि से, जंगीपाड़ा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है. यह हरिपाल (18 किमी) और चंडीतला (20 किमी) जैसे कस्बों से संपर्क में है. जिला मुख्यालय चुचुड़ा 45 किमी और राज्य की राजधानी कोलकाता लगभग 50 किमी दूर स्थित है. जंगीपाड़ा की सीमाएं हावड़ा जिले के जगतबल्लभपुर और उदयनारायणपुर ब्लॉक तथा हुगली जिले के तारकेश्वर और Pursurah ब्लॉकों से लगती हैं.
ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह क्षेत्र समृद्ध है. राजबलहाट गांव, जो जंगीपाड़ा ब्लॉक में स्थित है, 16वीं सदी में भुर्शुत राज्य की राजधानी था. यद्यपि अब उसका किला नहीं बचा है, परंतु राजबल्लवी मंदिर आज भी पूजा के केंद्र के रूप में सक्रिय है. इस क्षेत्र में फुरफुरा शरीफ, जो 14वीं सदी से मुस्लिम श्रद्धालुओं का प्रमुख तीर्थस्थल रहा है, स्थित है. वहीं अंतपुर गांव अपने भव्य मंदिर स्थापत्य और रामकृष्ण परमहंस के प्रारंभिक शिष्यों से जुड़ी स्मृतियों के लिए प्रसिद्ध है
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जैसे-जैसे 2026 के विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक समीकरण दिलचस्प बनते जा रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस फिलहाल बढ़त बनाए हुए है, लेकिन भाजपा भी कड़ी चुनौती पेश कर रही है. वहीं वाम-कांग्रेस गठबंधन, भले ही कमजोर स्थिति में हो, अगर अपने वोट प्रतिशत में थोड़ी भी बढ़त दर्ज करता है, तो मुकाबला और रोमांचक हो सकता है. जंगीपाड़ा आज एक ऐसा विधानसभा क्षेत्र बन गया है जहां कोई भी राजनीतिक दल निश्चिंत नहीं रह सकता, और हर चुनाव एक नई दिशा तय करता है.
(अजय झा)
Debjit Sarkar
BJP
Sk. Mainuddin
RSSCMJP
Nota
NOTA
Sk. Samsuddin
IND
Sk. Amjad Ali
IND
Tanusree Ghosh
IND
Samir Bandyopadhyay
IND
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