पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर चल रहे विवाद के बीच कूचबिहार जिले के सिताई में BJP के राज्यसभा सांसद नगेन रॉय उर्फ अनंत महाराज का बयान सामने आने के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है. राजबंशी समुदाय के प्रभावशाली नेता माने जाने वाले अनंत महाराज ने SIR प्रक्रिया को लेकर गंभीर आशंकाएं जताईं और केंद्र सरकार तथा प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं.
सिताई में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अनंत महाराज ने दावा किया कि SIR आपत्ति की सुनवाई के दौरान यदि कोई व्यक्ति वैध दस्तावेज पेश नहीं कर पाता, तो उसे डिटेंशन कैंप भेजा जा सकता है, जहां दोबारा दस्तावेजों की जांच होगी. उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी का नाम अंतिम SIR सूची में शामिल नहीं हुआ तो उस व्यक्ति के बैंक खाते सहित सभी सुविधाएं फ्रीज कर दी जाएंगी.
'...तो बैंक अकाउंट समेत सब कुछ फ्रीज कर दिया जाएगा'
सांसद महाराज ने कहा, “केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा है कि सुनवाई (SIR नोटिस पर) के दौरान जो लोग वैलिड डॉक्यूमेंट्स नहीं दिखा पाएंगे, उन्हें डिटेंशन कैंप में भेजा जाएगा, जिसके बाद उनके डॉक्यूमेंट्स का फिर से वेरिफिकेशन होगा. अगर किसी का नाम फाइनल SIR लिस्ट में नहीं आता है, तो बैंक अकाउंट समेत सब कुछ फ्रीज कर दिया जाएगा. राजबंशी इस देश की मिट्टी में जन्मे हैं, यह बात अधिकारियों को कैसे समझाएंगे?"
इस बयान ने तब और तूल पकड़ लिया जब उन्होंने प्रशासन पर बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि SIR सत्यापन प्रक्रिया में लगे अधिकांश प्रशासनिक अधिकारी और पुलिसकर्मी बांग्लादेशी हैं. इस आरोप के बाद राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं.
अमित शाह अपने सांसद अनंत महाराज की बात सुनें: अभिषेक बनर्जी
अनंत महाराज के विवादित बयान के बाद अब तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी ने केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह पर सीधा हमला बोला है.
दिल्ली रवाना होने से पहले मीडिया से बात करते हुए अभिषेक बनर्जी ने गृह मंत्री अमित शाह को उनकी ही पार्टी के नेताओं की बातें सुनने की नसीहत देते हुए कहा, “मैं गृह मंत्री से आग्रह करता हूं कि वे अपने ही राज्यसभा सांसद अनंत महाराज की बात सुनें. जब उनकी पार्टी के नेता ऐसे बयान दे रहे हैं, तो जिम्मेदारी किसकी है?”
उन्होंने भाजपा पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप भी लगाया. अभिषेक ने कहा कि BJP सांसद जगन्नाथ सरकार ने पहले दावा किया था कि अगर भाजपा बंगाल में सत्ता में आई तो भारत और बांग्लादेश के बीच कोई सीमा नहीं रहेगी, लेकिन क्या उस बयान पर कोई कार्रवाई हुई? क्या उन्हें शो-कॉज नोटिस दिया गया? कोई कार्रवाई हुई? अमित शाह को पहले अपने नेताओं से बात करनी चाहिए, फिर ममता बनर्जी पर आरोप लगाने चाहिए.