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2000 रुपये बनाम 3000... MVA और महायुति की गारंटियों में देखिए क्या-क्या फर्क है?

महाराष्ट्र चुनाव के लिए सत्ताधारी महायुति और विपक्षी महाविकास अघाड़ी, दोनों का ही मेनिफेस्टो आ चुका है. महिलाओं से लेकर युवाओं और किसानों तक, दोनों ही गठबंधनों ने लुभावने वादे किए हैं. दोनों के वादों में क्या फर्क है?

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महायुति ने जारी किया घोषणा पत्र (फोटोः पीटीआई)
महायुति ने जारी किया घोषणा पत्र (फोटोः पीटीआई)

महाराष्ट्र चुनाव के लिए सत्ताधारी महायुति ने 5 नवंबर को संकल्प पत्र जारी किया था. इसमें 10 वादे किए गए थे. अब विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने भी गारंटी कार्ड जारी कर दिया है. विपक्षी गठबंधन ने अपने मेनिफेस्टो में पांच गारंटियां दी हैं. दोनों ही गठबंधनों का फोकस महिलाओं और युवाओं के साथ ही किसानों पर भी है. किसके मेनिफेस्टो में किस वर्ग के लिए क्या वादे किए गए हैं?

महिलाओं के लिए किसने किए क्या वादे

महाराष्ट्र चुनाव में महिला सुरक्षा बड़ा मुद्दा है. विपक्षी दल महिलाओं के साथ आपराधिक घटनाओं को लेकर महायुति सरकार को घेर रहे हैं. महिलाओं को बीजेपी का साइलेंट वोटबैंक माना जाता है और विपक्षी रणनीति महिला पॉलिटिक्स की पिच पर घेरने की है. वहीं, महायुति ने भी महिला सुरक्षा के मुद्दे पर विपक्षी नैरेटिव को काउंटर करने के लिए 25 हजार महिलाओं को पुलिस में भर्ती करने का वादा किया है.

महायुति ने 'लाडली बहन योजना' के तहत दी जा रही मासिक राशि को 1500 से बढ़ाकर दो हजार रुपये करने, आंगनबाड़ी और आशा कार्यकत्रियों को सुरक्षा के साथ ही वेतन बढ़ाकर 15000 रुपये करने की गारंटी भी दी है. महाराष्ट्र में महंगाई भी बड़ा मुद्दा है. अगस्त महीने में हुए सी वोटर के मूड ऑफ द नेशन सर्वे में 15 फीसदी लोगों ने महंगाई को महाराष्ट्र का सबसे बड़ा मुद्दा बताया था.

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महंगाई की वजह से महिलाओं की नाराजगी कहीं नुकसान न पहुंचा दे, इसे लेकर भी महायुति एक्टिव मोड में है. महायुति ने अपने मेनिफेस्टो में आवश्यक वस्तुओं की कीमतें स्थिर रखने का वादा किया है. वहीं, विपक्षी एमवीए ने महिलाओं के लिए महालक्ष्मी योजना शुरू करने की गारंटी दी है. इस योजना के तहत महिलाओं को तीन हजार रुपये प्रति माह देने के साथ ही सरकारी बसों में मुफ्त परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराने का वादा किया गया है. 

दोनों ने ही डायरेक्ट कैश बेनिफिट का वादा किया है लेकिन फर्क यह है कि महायुति ने महिलाओं की पुलिस बल में नियुक्ति का वादा भी किया है. वहीं, विपक्षी गठबंधन ने हर माह एक हजार रुपये अधिक देने और फ्री बस यात्रा का वादा किया है.  

किसानों के लिए किसने क्या गारंटी दी

महाराष्ट्र के चुनावों में किसान और कृषि हमेशा से ही बड़ा मुद्दा बनते आए हैं. इस बार भी किसानों की समस्याएं चुनावी मुद्दा हैं. अगस्त में हुए सी वोटर के मूड ऑफ द नेशन सर्वे में 13 फीसदी लोगों ने किसान का महाराष्ट्र का सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बताया था. किसानों का कर्ज माफ करने से किनारा करती रही बीजेपी जिस महायुति की अगुवाई कर रही है, उस गठबंधन ने महाराष्ट्र चुनाव में किसानों की कर्जमाफी का वादा किया है. इसे किसानों की नाराजगी दूर करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.

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एमवीए ने दी पांच गारंटी
एमवीए ने दी पांच गारंटी (फोटोः पीटीआई)

महायुति ने फिर से सत्ता में आने पर किसानों की ऋण माफी के साथ ही किसान सम्मान योजना के तहत किसानों को 12 हजार की जगह 15 रुपये वार्षिक राशि देने, एमएसपी पर 20 फीसदी सब्सिडी देने का वादा किया है. हालांकि, महायुति ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि किसानों का कितने तक का कर्ज माफ किया जाएगा. विपक्षी एमवीए ने किसानों के तीन लाख रुपये तक के कृषि ऋण माफ करने के साथ ही ऋण अदा करने वाले किसानों को 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का वादा किया है.

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दोनों गठबंधनों के वादों में किसान कर्जमाफी है. महायुति ने किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाने का वादा किया है तो वहीं एमवीए ने ऋण की अदायगी करने वाले किसानों को 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का.

युवा और रोजगार

महाराष्ट्र में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है. मूड ऑफ द नेशन सर्वे में सबसे अधिक 32 फीसदी लोगों ने बेरोजगारी को सबसे बड़ा मुद्दा बताया था. इसकी छाप सत्ताधारी और विपक्षी, दोनों ही गठबंधनों के मेनिफेस्टो पर भी नजर आ रही है. महायुति ने रोजगार और विद्यार्थियों के लिए शैक्षिक सहायता के रूप में हर महीने 25 लाख नौकरियां उत्पन्न करने के साथ ही 10 लाख छात्रों को हर महीने 10 हजार रुपये ट्यूशन फी देने का वादा किया है.

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वहीं, विपक्षी एमवीए ने सूबे के हर बेरोजगार को चार हजार रुपये मासिक सहायता प्रदान करने की गारंटी दी है. महायुति के घोषणा पत्र में हर महीने नौकरियों के साथ ही छात्रों के लिए ट्यूशन फी का वादा है तो विपक्षी गठबंधन ने ऐसी कोई गारंटी देने की जगह बेरोजगारों के लिए मासिक भत्ते का वादा किया है.

गरीब और जनकल्याण

महायुति ने सभी के लिए भोजन और आश्रय उपलब्ध कराने का वादा किया है. सत्ताधारी गठबंधन ने वृद्धावस्था पेंशन की राशि 1500 रुपये हर महीने से बढ़ाकर 2100 रुपये मासिक करने का भी वादा किया है. वहीं, विपक्षी एमवीए ने हर परिवार को 25 लाख रुपये का किफायती स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध कराने, सरकारी अस्पतालों में दवाएं मुफ्त उपलब्ध कराने का वादा किया है.

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एमवीए ने महाराष्ट्र में सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना करा आरक्षण की 50 फीसदी वाली लिमिट हटा देने का भी वादा किया है. महायुति ने सभी के लिए भोजन और आश्रय की बात की है तो वहीं महाविकास अघाड़ी ने स्वास्थ्य बीमा और मुफ्त दवाओं के साथ ही जाति जनगणना करा आरक्षण सीमा पर लागू 50 फीसदी की लिमिट हटाने का. 

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