महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. 20 नवंबर को सूबे में वोटिंग होनी है, जबकि नामांकन फाइल करने की लास्ट डेट 29 अक्टूबर है. लेकिन सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन और MVA की ओर से अभी तक सीटों को लेकर पेच फंसा हुआ है. सीट शेयरिंग का मसला इतना पेचीदा है कि इस सुलझाने के लिए महायुति गठबंधन की मीटिंग्स महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक चल रही हैं, हाल ही में महायुति के नेताओं की बैठक गृहमंत्री अमित शाह के दिल्ली स्थित आवास पर हुई थी. वहीं, MVA (कांग्रेस, शरद गुट और उद्धव गुट) के बीच भी सीट बंटवारे को लेकर तनातनी चल रही है.
सबसे पहले ये जानते हैं कि MVA और महायुति गठबंधन ने अभी तक कितने उम्मीदवार उतारे हैं.
MVA में 41 सीटों पर पेच!
शिवसेना (यूबीटी)- 84 सीटें
कांग्रेस- 87 सीटें
एनसीपी (एसपी)- 76 सीटें
कुल-247
शेष सीटें- 41
महायुति में 73 सीटों पर पेच!
बीजेपी- 121
शिवसेना- 45
एनसीपी- 49
कुल- 215
शेष सीटें- 73
MVA में किसने कितनी लिस्ट जारी की?
बता दें कि उद्धव गुट ने अभी तक उम्मीदवारों की तीन लिस्ट जारी की हैं, पहली लिस्ट में 65, दूसरी में 15 और तीसरी लिस्ट में 4 नामों का ऐलान किया था, वहीं कांग्रेस ने भी अभी तक तीन लिस्ट जारी की हैं, कांग्रेस ने पहली सूची में 48, दूसरी में 23 और तीसरी में 16 उम्मीदवार उतारे हैं, शरद गुट ने भी अभी तक तीन लिस्ट जारी की हैं. पहली लिस्ट में 45, दूसरी में 22 और तीसरी में 9 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान किया गया है, लेकिन अभी भी 41 सीटों पर पेच फंसा है.
महायुति ने अबतक 73 सीटों पर नहीं उतारे कैंडिडेट्स
उधर, महायुति गठबंधन में बीजेपी ने कुल 121 उम्मीदवारों का ऐलान किया है. पार्टी ने इसके लिए 2 लिस्ट जारी की हैं. पहली लिस्ट में 99 और दूसरी में 22 सीटों पर कैंडिडेट उतारे थे. जबकि बीजेपी की अलायंस शिंदे गुट की शिवसेना ने सिर्फ एक ही लिस्ट जारी की है, इसमें 45 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है. वहीं, अजित गुट की एनसीपी ने कुल 49 उम्मीदवार उतारे हैं, पार्टी ने पहली लिस्ट में 38, दूसरी में 7 और तीसरी लिस्ट में 4 नामों का ऐलान किया गया है. हालांकि अभी भी 73 सीटें ऐसी हैं, जिन पर उम्मीदवारों का ऐलान नहीं हुआ है.
क्या है सपा का कहना?
वहीं, महा विकास अघाड़ी के साथ सीट बंटवारे को लेकर समाजवादी पार्टी के नेता अबू आज़मी ने कहा कि हमने शरद पवार से बात की थी. उन्होंने कहा कि हम शनिवार तक फैसला करेंगे, लेकिन मुझे कोई कॉल नहीं आया. मैं जिन सीटों की मांग कर रहा था, उनकी घोषणा की जा रही है. मुझे लगता है कि हमें पिछले 2 कार्यकालों की तरह विश्वासघात का सामना करना पड़ेगा. ऐसा लगता है कि वे समाजवादी पार्टी को सीटें नहीं देना चाहते. मैं नहीं चाहता कि एमवीए टूटे और वोट बंटें. लेकिन अगर वे हमारी बात नहीं सुनते हैं, तो हमारे पास अकेले चुनाव लड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा. मैंने अखिलेश यादव से बात की है. उन्होंने मुझे पूरा अधिकार दिया है. हम कांग्रेस की तरह नहीं हैं, जहां बड़े नेताओं को भी हर चीज के लिए अनुमति लेने के लिए दिल्ली जाना पड़ता है, जिससे देरी हो रही है. पहले ही देर हो चुकी है.