बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर पटना में बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर जेडीयू की अहम बैठक हुई. इस बैठक में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए उम्मीदवारों के चयन पर विस्तार से चर्चा की गई. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने लगभग 90 से ज्यादा सीटों पर अपने उम्मीदवारों को अंतिम रूप दे दिया है. हालांकि करीब एक दर्जन सीटों पर अभी नामों को लेकर अंतिम निर्णय बाकी है.
नीतीश ने तय किए 90 उम्मीदवार
एनडीए में सीट बंटवारे का आधिकारिक ऐलान होने के बाद ही उम्मीदवारों की सूची सार्वजनिक की जाएगी. जेडीयू ने जिन उम्मीदवारों को टिकट देने का फैसला किया है, उन्हें नामांकन की तैयारी करने का संदेश भी दे दिया गया है.
बैठक में यह भी तय हुआ कि पार्टी कई पुराने और ज्यादा उम्र वाले विधायकों का टिकट काट सकती है. सूत्रों का कहना है कि आधा दर्जन से ज्यादा सिटिंग विधायकों को इस बार टिकट नहीं मिलेगा.
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जेडीयू से टिकट नहीं मिलने की आशंका को देखकर पहले ही परबत्ता से विधायक रहे डॉक्टर संजीव कुमार पाला बदलकर आरजेडी में शामिल हो चुके हैं. वहीं सुरसंड के विधायक दिलीप राय का टिकट कटना लगभग तय माना जा रहा है.
इन नेताओं का कट सकता है टिकट
इसी तरह हरनौत से विधायक हरी नारायण सिंह का टिकट भी कट सकता है और चर्चा है कि उनकी जगह उनके बेटे को उम्मीदवार बनाया जा सकता है. हिलसा, गोपालपुर, सकरा, कुशेश्वरस्थान जैसी सीटों पर भी नए चेहरों को मौका देने की तैयारी है.
जेडीयू का फोकस इस बार युवा और सक्रिय नेताओं को उतारने पर है. पार्टी मानती है कि नए उम्मीदवारों से बेहतर जनसंपर्क और चुनावी ऊर्जा मिलेगी. खासकर उन सीटों पर जहां पिछले चुनाव में जेडीयू का प्रदर्शन कमजोर रहा था, वहां बदलाव की रणनीति अपनाई जा रही है.
टिकट में युवा चेहरों को तरजीह
सूत्रों के मुताबिक, जेडीयू की कोशिश है कि पहले चरण की लगभग सभी सीटों पर उम्मीदवारों की सूची तैयार कर ली जाए ताकि नामांकन प्रक्रिया में कोई देरी न हो. पार्टी का लक्ष्य है कि चुनावी मैदान में उम्मीदवारों को समय रहते सक्रिय कर दिया जाए.
एनडीए गठबंधन के भीतर जेडीयू और बीजेपी के बीच सीट शेयरिंग का ऐलान जल्द ही होने की संभावना है. इसके बाद जेडीयू की ओर से उम्मीदवारों की सूची सार्वजनिक कर दी जाएगी. बैठक में मौजूद नेताओं ने बताया कि इस बार टिकट वितरण में मेरिट और जनता के बीच स्वीकार्यता को सबसे बड़ी प्राथमिकता दी जा रही है.
यह भी माना जा रहा है कि नीतीश कुमार व्यक्तिगत रूप से उम्मीदवारों के चयन पर नजर रख रहे हैं. वह चाहते हैं कि हर सीट पर ऐसा चेहरा उतारा जाए, जो चुनाव में पार्टी के लिए जीत की संभावना बढ़ाए.