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गैंगस्टर अरुण गवली की बेटी उद्धव गुट में हो सकती हैं शामिल, मिलिंद नार्वेकर से मुलाकात के बाद बढ़ी अटकलें

उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी और MLC मिलिंद नार्वेकर ने मंगलवार को गीता गवली और उनकी मां आशा गवली से मुंबई के भायखला में उनके निवास दगड़ी चाल में मुलाकात की. आशा गवली ने सोशल मीडिया पर उनकी मुलाकात की एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें उद्धव गुट में शामिल होने का संकेत दिया गया है.

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मिलिंद नार्वेकर ने हाल ही में गीता गवली से मुलाकात की
मिलिंद नार्वेकर ने हाल ही में गीता गवली से मुलाकात की

गैंगस्टर अरुण गवली की बेटी गीता गवली महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले उद्धव गुट में शामिल हो सकती है. गीता गवली बीएमसी में पूर्व पार्षद भी हैं औऱ भायखला विधानसभा क्षेत्र से उद्धव गुट की संभावित उम्मीदवार भी हैं.

महाविकास अघाड़ी (MVA) में सीट शेयरिंग की बातचीत के बीच उद्धव गुट और कांग्रेस दोनों ही भायखला विधानसभा सीट को जीतने का लक्ष्य बना रही हैं, क्योंकि इस सीट पर अल्पसंख्यक वोटों का प्रभुत्व है.

इस बीच उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी और MLC मिलिंद नार्वेकर ने मंगलवार को गीता गवली और उनकी मां आशा गवली से मुंबई के भायखला में उनके निवास दगड़ी चाल में मुलाकात की. आशा गवली ने सोशल मीडिया पर उनकी मुलाकात की एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें उद्धव गुट में शामिल होने का संकेत दिया गया है.

इसके बाद से ही अटकलें लगाई जा रही हैं कि गीता गवली को सीएम एकनाथ शिंदे की मौजूदा विधायक यामिनी जाधव के खिलाफ भायखला सीट से मैदान में उतारा जा सकता है. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में यामिनी जाधव को दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट से उद्धव गुट के अरविंद सावंत ने हराया था. यामिनी जाधव अपने गृह क्षेत्र भायखला सीट पर करीब 46 हजार वोटों से हार गई थीं.

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इससे पहले गीता गवली ने 2019 में शिवसेना के समर्थन से अखिल भारतीय सेना पार्टी से भायखला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था. हालांकि, गीता AIMIM के वारिस पठान और कांग्रेस के अन्ना चव्हाण के बाद चौथे स्थान पर रहीं.

हालांकि इस मुलाकात को लेकर कहा तो ये जा रहा है कि मिलिंद नार्वेकर उनके पारिवारिक मित्र हैं और दोनों परिवार त्यौहारों पर एक-दूसरे के घर अक्सर आते-जाते रहते हैं. लेकिन दिलचस्प बात ये है कि गैंगस्टर अरुण गवली को 2007 में शिवसेना पार्षद कमलाकर जामसांडेकर की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था और वह आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. अब 17 साल जेल में रहने के बाद अरुण गवली का परिवार अपने अतीत को दफना सकता है. 
 

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