बिहार की राजनीति इस समय उस बारात जैसी हो गई है जिसमें घोड़ी, बाजा, आतिशबाजी सब तैयार है, बस दूल्हे का नाम तय नहीं हो पा रहा है. बात कर रहे हैं इंडिया गठबंधन की, जिसके सीएम उम्मीदवार को लेकर सस्पेंस जारी है.
शनिवार को आरा में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने सीएम उम्मीदवार होने का दावा ठोंक दिया. दिलचस्प यह है कि कुछ दिन पहले जब राहुल गांधी से यही सवाल पूछा गया तो उन्होंने सीधे जवाब देने की बजाय ‘मोहब्बत’ और ‘भारत जोड़ो’ का संदेश दिया. यानी कांग्रेस ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं.
कांग्रेस की रणनीति पर सवाल
सवाल यह है कि क्या यह रणनीति सिर्फ सीट बंटवारे में ज्यादा मोलभाव करने के लिए है, या राहुल गांधी के दिमाग में कोई और चालाकी भरी रणनीति है. वहीं दूसरी तरफ, एनडीए ने साफ कर दिया है कि उनके चेहरे नीतीश कुमार ही होंगे. इंडिया गठबंधन में चेहरे को लेकर अब भी लुका-छिपी का खेल जारी है.
बिहार चुनाव की विस्तृत कवरेज के लिए यहां क्लिक करें
बिहार विधानसभा की हर सीट का हर पहलू, हर विवरण यहां पढ़ें
तेजस्वी को मिल रहा समर्थन
वोटर अधिकार यात्रा करने के बाद भी जब तेजस्वी के नाम पर कांग्रेस ने कोई संकेत नहीं दिया, तो तेजस्वी ने खुद ही सीएम उम्मीदवारी का दावा पेश कर दिया. उन्होंने आरा में डंका बजाते हुए कहा कि सभी लोगों को साथ लेकर नया बिहार बनाना है—चाहे कोई किसी जाति या धर्म का हो.
हालांकि तेजस्वी को अब अखिलेश यादव का समर्थन मिल गया है. उन्होंने अपने रिकॉर्ड और अनुभव का हवाला दिया और भरोसा दिलाया कि अगर उनका नेतृत्व हुआ, तो सरकार पूरी तरह से जनता की भलाई के लिए काम करेगी.
यह भी पढ़ें: 'अबकी बार तेजस्वी सरकार’ का नारा सुनकर भड़के तेज प्रताप, बोले- फालतू बात मत करो!
सीटों और वोटर यात्रा का संकेत
वोटर अधिकार यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने तेजस्वी के चेहरे पर सवाल पूछे जाने पर सीधे जवाब देने के बजाय अलग बातों पर ध्यान दिया. इसका मतलब यह भी हो सकता है कि कांग्रेस सीट बंटवारे में ज्यादा सीटें हासिल करने की रणनीति पर काम कर रही है.
महागठबंधन की स्थिति
2020 विधानसभा चुनाव में आरजेडी, कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा था. अब सवाल यह है कि कांग्रेस इस बार 70 सीटों से ज्यादा सीटें हासिल करना चाहती है या नहीं.
बिहार की राजनीति में एनडीए के पास सीधा चेहरा है—नीतीश कुमार. वहीं इंडिया गठबंधन के पास सीएम उम्मीदवार को लेकर फाइनल निर्णय बाकी है. यही वजह है कि महागठबंधन में सीएम चेहरे को लेकर सस्पेंस और चर्चा जारी है.
तेजस्वी ही प्रमुख चेहरा
हालांकि तेजस्वी यादव ही इंडिया गठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा हैं. 2020 में भी वह मुख्यमंत्री के लिए चुने गए थे और 2025 में भी उनका नाम प्रमुख रूप से सामने है. वोटर अधिकार यात्रा में उमड़ते जनसैलाब ने तेजस्वी के प्रति जनता के उत्साह को दिखाया है.
सवाल यह है कि आखिर कांग्रेस सीएम चेहरे पर जल्दी निर्णय क्यों नहीं कर रही. क्या इसका मकसद सीटों में अधिक फायदा उठाना है या किसी और रणनीति के तहत निर्णय स्थगित किया गया है. फिलहाल, बिहार की राजनीति में तेजस्वी यादव ही इंडिया गठबंधन का प्रमुख चेहरा बने हुए हैं.