पढ़ाई और उसके बाद अच्छी नौकरी पाने का दवाब यूनिवर्सिटी में आने के बाद और भी बढ़ जाता है. यहीं से स्टूडेंट्स में डिप्रेशन का दौर भी शुरू होता है. अगर समय रहते उनको सही माहौल और काउंसलिंग न मिले तो वे आत्महत्या जैसा कदम तक उठा लेते हैं.
छात्रों में इस तरह के बढ़ते मामलों को देखते हुए यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने सभी यूनिवर्सिटीज को 'स्टूडेंट्स काउंसलिंग सिस्टम' बनाने तक को कहा है. इसके तहत स्टूडेंट्स की समस्याओं का हल निकाला जाएगा.
यूजीसी का यह आदेश हैदराबाद यूनिवर्सिटी के दलित रिसर्च स्कॉलर रोहित वेमुला की आत्महत्या के बाद आया है. इस केस के बाद देश भर में यूजीसी और शिक्षा मंत्रालय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
यूजीसी के सेक्रेटरी जसपाल सिंह संधु ने 'स्टूडेंट काउंसलिंग सिस्टम' बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं. ये हैं इसकी कुछ प्रमुख गाइडलाइंस:
1. यूजीसी के अनुसार सभी हायर इंस्टीट्यूट्स में स्टूडेंट्स काउंसलिंग सिस्टम बनाना अनिवार्य कर दिया गया है.
2. इस सिस्टम में छात्रों की तमाम परेशानियों जैसे गुस्सा, तनाव और फेल होने के डर से लेकर घर की बहुत ज्यादा याद आने तक जैसी बातों को शामिल करना चाहिए.
3. इसमें टीचर्स, पैरेंट्स और स्टूडेंट्स को शामिल कर बातचीत करनी चाहिए.
4. जब भी जरूरत हो तो अच्छे साइकायट्रिस्ट की मदद भी लेनी चाहिए.
5. हॉस्टल में वार्डन और टीचर काउंसलर एक साथ मिलकर स्टूडेंट्स की पर्सनल डिटेल्स और उसके व्यवहार पर बात करें.
यूजीसी की ओर से यूनिवर्सिटीज को ये निर्देश स्टूडेंट्स के लिए पढ़ाई का बेहतर माहौल तैयार करने के लिए दिए गए हैं.
वहीं, यूजीसी ने वाइसचांसलर्स को लिखे एक दूसरे पत्र में 30 जनवरी को शहीद दिवस और 21 फरवरी को मातृभाषा दिवस के रूप में शामिल करने को कहा है.