राजस्थान सरकार स्कूल एजुकेशन में बदलाव की प्रक्रिया के तहत हिंदी टेक्स्टबुक से उर्दू की मशहूर लेखिका इस्मत चुगताई और लेखक सफदर हाशमी की लघु कहानियों और कविताओं को हटाने पर विचार कर रही है.
सूत्रों के अनुसार किताब से 'एक दिन की बादशाहत', 'अजमेर की सैर', 'सूत का रेशम' और 'चांद के खातिर' जैसी कहानियों को हटाने के लिए कहा गया है. ये सारी कहानियां मुस्लिम समुदाय से जुड़ी हुई हैं.
खबरों के मुताबिक यह निर्णय एजुकेशन डिपार्टमेंट की ओर से गठित वह कमेटी कर रही है है जो राज्य में पाठ्यक्रमों में बदलाव करने के लिए बनाई गयी है. कमेटी के एक मेंबर ने इन कहानियों को हटाने का कारण इनमें मौजूद उर्दू शब्दों को बताया है. उनके अनुसार पर्याप्त उर्दू शब्दों के कारण स्टूडेंट्स को कहानियां समझने में परेशानी होती है.
वहीं, इस बारे में कई शिक्षाविदों का कहना है कि सरकार इस प्रयास के माध्यम से एक कम्यूनिटी के साहित्य को बाहर कर रही है. वहीं, वे यह भी कह रहे हैं कि सरकार का इस तरह का फैसला नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2005 के मुताबिक नहीं है, जिसमें कहा गया है कि देश की एकता और अखंडता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न भाषाओं की कहानियों को टेक्स्ट बुक में शामिल किया जाए.