बेहतर भविष्य बनाने के लिए एक मां बड़े लाड प्यार से अपने बच्चों को स्कूल भेजती हैं. ताकि बच्चे का भविष्य संवर जाएं. पैरेंट्स को बच्चों के लिए घर के बाद सबसे सुरक्षित जगह लगती है तो वह 'स्कूल'. लेकिन रेयान इंटरनेशनल स्कूल में दूसरी क्लास में पढ़ने वाले 7 साल के प्रद्युम्न ठाकुर की गला रेतकर बेरहमी से हत्या कर दी जाती है.
इसके बाद माता-पिता अपने बच्चों के लेकर खास चितिंत हो गए हैं कि अब उनका बच्चा कहां सुरक्षित है? 7 साल के प्रद्युम्न की मौत की खबर से देश में अभी मामला ठंडा नहीं हुआ, वहीं राजधानी दिल्ली के शाहदरा स्थित गांधी नगर इलाके में एक प्राइवेट स्कूल के परिसर में चपरासी द्वारा 5 साल बच्ची के साथ कथित रूप से बलात्कार किये जाने का मामला सामने आया है. ऐसे में अब स्कूलों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं.
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स्कूलों में बच्चों के साथ हो रही ऐसी अमानवीय घटनाओं को देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि 'ये शर्मानक घटनाएं हैं जिन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पुलिस अपना काम कर रही है'. उन्होंने इसके लिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं.
Shameful. Won't be tolerated. Police doing its job. Ordered magsterial enquiry. Will develop protocol 4 all schools 2 ensure children safety https://t.co/YxycU5KTjI
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 10, 2017
इन घटनाओं के बाद बच्चों की सुरक्षा को लेकर दिल्ली -NCR के सभी स्कूलों के लिए स्कूल प्रशासन और प्राइवेट कैब ड्राइवर, चौकीदार के लिए सख्त निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
स्कूलों के लिए कानून
सबसे पहले हर एक स्कूल में चाहे वह सरकारी स्कूल हो या प्राइवेट, CCTV कैमरे सही जगह लगे हो और काम कर रहे हो.
स्कूल में आने वाले आउटसाउडर्स की एंट्री पर ध्यान रखना .
स्कूल में रखे जाने वाले ड्राइवर, सफाई कर्मचारी और बाकी स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन हो .
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स्टाफ की मेंटल हेल्थ का नियमित रूप से जांच करना, और टॉयलेट, प्लेग्राउंड, स्कूल की छत के पास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किया जाए.
छोटे बच्चों को तीन से चार ग्रुप में टॉयलेट भेजें.
पैरेंट्स के लिए निर्देश
स्कूल के स्टाफ से सवाल पूछने पर ना घबराएं.
स्कूल प्रशासन से नॉन-टीचिंग स्टाफ के वेरिफिकेशन पेपर दिखाने की मांग कर सकते हैं.
कैब, बस ड्राइवर, कंडक्टर की वेरिफिकेशन पेपर दिखाने पर जोर दे सकते हैं.
अपने बच्चों को सुरक्षा को लेकर जागरूक करें.
स्कूल परिसर में सुरक्षा इंतजामों का खुद जायजा लें.
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वहीं माता पिता अपने बच्चे के बदलते बर्ताव को समझें. स्कूल में दिन कैसा बिता. इसके बारें में जरूर पूछे.
दिल्ली पुलिस ने भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर कमर कस ली है, जिसके लिए वह अहम कदम उठाने जा रही है.
दिल्ली पुलिस द्वारा स्कूलों के लिए कड़े नियम
स्कूलों की मीटिंग बुलाई जा रही है और कहा जा रहा है कि वह स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा पर पूरी तरह से निगरानी रखें.
स्कूलो में सभी बच्चों की सुरक्षा के लिए SHO की मीटिंग बुलाई जा रही है.
दिल्ली की सभी स्कूलों के लिए गाइडलाइंस भी जारी की जाएगी.
स्कूलों में CCTV बढ़ाने के निर्देश दिए जाएंगे. बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गार्डों की संख्या बढ़ाने के निर्देश जारी किए जाएंगे.
स्कूल में रखे जाने वाले ड्राइवर, सफाई कर्मचारी और बाकी स्टाफ की पुलिस वेरिफिकेशन के साथ-साथ उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के निर्देश जारी किए जाएंगे.
बाल आयोग ने लगाई फटकार
इसी के साथ National Child Rights Protection Commission ने गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल को फटकार लगात हुए कहा है कि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना स्कूल की जिम्मेदारी है.
बाल आयोग ने शिक्षा के अधिकार आरटीई (RTE) और (IPS) के तहत स्कूलों के लिए एडवाइजरी तैयार की है. जिसे जारी किया जाना है. इसके अनुसार,सभी स्कूलों की, स्टाफ की, स्कूलों को मिलने वाले फंड , प्रबंधन आदि की जानकारी बाल आयोग के पास होनी चाहिए.