scorecardresearch
 

कोरोना से पहले 3% स्टूडेंट्स लेते थे ऑनलाइन एजुकेशन, अब हुए ये बदलाव

कोरोना वायरस से पहले केवल 3 प्रतिशत छात्र ऑनलाइन एजुकेशन के माध्यम से पढ़ाई करते थे, लेकिन कोरोना वायरस के कारण अब पढ़ाई का एकमात्र जरिया ऑनलाइन एजुकेशन बन गया है. जानिए- ऑनलाइन एजुकेशन को लेकर क्या बदलाव हो रहे हैं.

Advertisement
X
प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

कोरोना वायरस को कंट्रोल करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान सभी स्कूल और कॉलेजों में ऑनलाइन एजुकेशन के माध्यम से पढ़ाई करवाई जा रही है. ऐसे में सवाल ये उठता है भविष्य में एजुकेशन देने के माध्यम में कितने बदलाव आ सकते हैं. इन्हीं सब बातों को जानने के लिए इंडिया टुडे मंथन में कई एक्सपर्ट्स से बात की गई, जिन्होंने बताया कि महामारी के दौरान शिक्षा के स्तर में कैसे बदलाव आया है और छात्र और टीचर्स ऑनलाइन एजुकेशन से कैसे तालमेल बिठा रहे हैं.

बता दें, एक्सपर्ट्स में EDX के सीईओ प्रोफेसर अनंत अग्रवाल, Byju के फाउंडर रवींद्रन, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर Elizabeth Kiss, खान अकेडमी के फाउंडर और सीईओ प्रोफेसर सलमान खान , हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर श्रीकांत शामिल थे.

दुनिया भर में कोरोना वायरस महामारी से 186 देश प्रभावित हुए. ऐसे में 1.2 बिलियन बच्चों की शिक्षा पर असर पड़ रहा है. इस दौरान उन्होंने बताया कि कैसे भविष्य में शिक्षा देने के तरीके में बदलाव आने वाला है.

Advertisement

खान अकेडमी के फाउंडर और सीईओ प्रोफेसर सलमान खान ने बताया, 1.2 बिलियन बच्चों की संख्या काफी बड़ी संख्या है. कई देशों ने लॉकडाउन के बाद ऑनलाइन एजुकेशन देना 3 से 4 दिनों के भीतर शुरू कर दिया था, लेकिन अभी भी कई देशों में इसका लागू होना बाकी है.

सभी देशों के स्कूल और कॉलेजों को अचानक से ही अपने पढ़ाने के तरीके में बदलाव लाना पड़ा, ऐसे में ऑनलाइन माध्यम ही एक मात्र तरीका है, लेकिन इसका पूरी तरह से लागू होना एक चुनौती है. क्योंकि ऑनलाइन एजुकेशन के लिए कई चीजों की आवश्यकता पड़ती है जो अभी हर स्कूल प्रशासन के पास उपलब्ध नहीं है.

कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें

हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के इकोनॉमिस्ट प्रोफेसर श्रीकांत से पूछा गया कि बच्चे स्कूल-कॉलेज लगातार जाते हैं और अपने दोस्तों और फैकल्टी से मिलते हैं, लेकिन एक दिन अचानक से सब थम जाता है, फिर कैसे इस सिचुएशन को हैंडल किया गया?

उन्होंने बताया, महामारी के कारण शिक्षा के स्तर में बदलाव आया है, लेकिन हार्वर्ड बिजनेस स्कूल की फैकल्टी और प्रशासन ने मिलकर छात्रों की शिक्षा को लेकर कोई नुकसान नहीं होने दिया है. हमने तुरंत ऑनलाइन एजुकेशन शुरू की. शुरुआत में 125 फैकल्टी ने ऑनलाइन क्लास देना शुरू किया है.

Advertisement

इसी के साथ हमने ऑनलाइन एजुकेशन के लिए चार कैटेगरी बनाईं, ताकि इसमें फैकल्टी और छात्रों को ऑफलाइन से ऑनलाइन एजुकेशन के बदलाव के बारे में विस्तार से बताया जा सके. उन्होंने कहा, हालांकि ऑनलाइन शिक्षा अचानक से शुरू हो गई है. ऐसे में तैयारियों का ज्यादा समय नहीं मिला, लेकिन हम शुक्रगुजार हैं कि टेक्नोलॉजी अच्छा काम कर रही है.

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर Elizabeth Kiss ने बताया ये सच है कि ऑनलाइन शिक्षा का फैसला जल्दबाजी में लिया गया है, लेकिन अब हमें दुनियाभर के संस्थानों में लीडरशिप देखने को मिल रही है, वह अपने छात्रों को अच्छे से गाइड कर रहे हैं.

देश-दुनिया के किस हिस्से में कितना है कोरोना का कहर? यहां क्लिक कर देखें

EDX के सीईओ प्रोफेसर अनंत ने बताया, क्लास में और ऑनलाइन शिक्षा देने में कितना फर्क है. उन्होंने बताया जब कोरोना वायरस नहीं आया था, उससे पहले दुनियाभर में केवल 3 प्रतिशत छात्र ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से पढ़ाई करते थे. लेकिन वायरस के आ जाने के बाद अचानक ज्यादा स्कूल और कॉलेजों में ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से पढ़ाई कराना शुरू कर दिया है. ऐसे में छात्रों की संख्या बढ़ी है.

कोरोना पर फुल कवरेज के लि‍ए यहां क्ल‍िक करें

ये सच है कि फैकल्टी और छात्रों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन वह जल्द ही इसके आदी हो जाएंगे. इसी के साथ हमने छात्रों और फैकल्टी के लिए एक कोर्स शुरू किया है, जिसमें बताया जाएगा कि कैसे फैकल्टी ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई आसानी से करवा सकते हैं.

Advertisement

Byju के फाउंडर रवींद्रन ने कोरोना संकट के दौरान अपने कई कोर्सेज की ऑनलाइन क्लास फ्री कर दी हैं. रवींद्रन ने बताया कि जैसे ही लॉकडाउन की घोषणा हुई हमने तुरंत कई कोर्सेज दुनियाभर में फ्री कर दिए थे. आज ऑनलाइन माध्यम से छात्रों को शिक्षा दी जा रही है. ऐसे में कई टूल्स तैयार किए जा रहे हैं, जिसमें बताया जा रहा है कि टीचर्स कैसे ऑनलाइन लर्निंग आसानी से करवा सकते हैं. उन्होंने कहा कि वायरस के दौरान अभी ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है, अगर ये सफल होता है तो भविष्य में हम इसे एक प्लानिंग के साथ अपना सकते हैं.

Advertisement
Advertisement