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खलील जिब्रान नहीं टैगोर की है ये बात, जिस पर ट्रोल हुए इमरान खान

पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को रवींद्र नाथ टैगोर का एक इंस्पिरेशनल कोट शेयर किया, जिस पर उन्होंने  लेबनानी-अमेरिकी कवि खलील जिब्रान को क्रेडिट दे दिया. उनकी इस गलती पर लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया. आइए जानें कवि रवींद्र नाथ टैगोर के उस खास और सही कोट के बारे में.

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इमरान खान
इमरान खान

पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को रवींद्र नाथ टैगोर का एक इंस्पिरेशनल कोट शेयर किया, जिस पर उन्होंने  लेबनानी-अमेरिकी कवि खलील जिब्रान को क्रेडिट दे दिया. उनकी इस गलती पर लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया. आइए जानें कवि रवींद्र नाथ टैगोर के उस खास और सही कोट के बारे में.

'मैं सोया और स्वप्न देखा कि जीवन आनंद है. मैं जागा और देखा कि जीवन सेवा है. मैंने सेवा की और पाया कि सेवा आनंद है' कवि रवींद्र नाथ टैगोर का यह विचार पूरी दुनिया में अपनी जगह बनाए है. इसका इंग्लिश वर्जन "I slept and I dreamed that life is all joy. I woke and I saw that life is all service. I served and I saw that service is joy." बुधवार को इमरान खान ने ट्वीट किया था. जबकि असल में इसका असली वर्जन ये है I slept and dreamt that life was joy. I awoke and saw that life was service. I acted and behold, service was joy.

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इस ट्वीट के साथ उन्होंने कैप्शन में लिखा कि जो भी लोग जिब्रान के शब्दों में छुपे ज्ञान को खोजते हैं और उसे पा भी लेते हैं, वे कुछ इस तरह संतोष प्रद जीवन पा लेते हैं.

जरा सोचिए कि नोबल पुरस्कार विजेता कवि रवींद्र नाथ टैगोर के इस विचार को खलील जिब्रान का बताने पर पाकिस्तान के लोगों ने ही उन्हें इस गलती के लिए कितनी खरी खोटी सुनाई. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि प्रशासनिक सेवा में जाने वाले लोगों से भी कई बार इस विचार का प्रशासनिक सेवा या जीवन या दर्शन में क्या महत्व है जैसा सवाल उनके इंटरव्यू या प्रतियोगी परीक्षा में अलग-अलग ढंग से पूछा जा चुका है. 

यहां देखें ट्विटर लिंक

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