टाइम्स हायर एजुकेशन रैंकिंग में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ 300 यूनिवर्सिटी में से एक भी भारतीय विश्वविद्यालय ने जगह नहीं बनाई है. वहीं टॉप-500 यूनिवर्सिटिज में भारत की दो संस्थानें (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) और दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू)) शामिल हुई हैं.
आपको बता दें, लंदन स्थित एजेंसी द्वारा किए गए सर्वेक्षण में बताया गया है कि इंडियन इंस्टीटूयट ऑफ टेक्नोलॉजी (IITs) और इंडियन इंस्टीटूयट ऑफ साइंसेज (IISc), बैंगलोर जैसे तकनीकी संस्थानों पर भारतीय शिक्षा प्रणाली अधिक निर्भर है.
वहीं लेटेस्ट टाइम्स हायर एजुकेशन रैंकिंग में भारत के आर्ट्स और ह्यूमैनिटी विषय की यूनिवर्सिटी भारतीय विश्वविद्यालय संयुक्त राज्य अमेरिका के उन लोगों के शीर्ष क्रम में स्थान पाने में असफल रहे, जिन पर संयुक्त राज्य अमेरिका का वर्चस्व था.
आपको बता दें, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ने रैंकिंग में पहला स्थान हासिल किया है. उसके बाद कैंब्रिज यूनिवर्सिटी और तीसरे नंबर पर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी है. ये इंग्लैंड के सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी है. आपको बता दें, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और हार्वर्ड, जो दोनों ह्यूमैनिटी विषय में कोर्स के करवाते हैं. जो ह्यूमैनिटी के टॉप 5 कॉलेज में शामिल है.
वहीं टाइम्स हायर एजुकेशन रैंकिंग में जेएनयू को 301 से 400 ब्रैकेट में और DU को 401-500 ब्रैकेट में जगह मिली है. . 535 यूनिवर्सटी की रैंकिंग में इन 2 संस्थानों के अलावा कोई भी अन्य भारतीय संस्थान शामिल नहीं हैं.
पिछले 2 सालों से इस रैंकिंग में कोई भारतीय यूनिवर्सिटी ने जगह नहीं बनाई है. 2018 और 2019 के सर्वेक्षण के संस्करणों में क्रमबद्ध विश्वविद्यालयों की संख्या क्रमशः 400 और 506 थी.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय अपने संस्थानों के इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस (Institutes of Eminence(IoE) के माध्यम से भारतीय संस्थानों की वैश्विक रैंकिंग में सुधार करने की कोशिश कर रहा है.
जो चयनित विश्वविद्यालयों को अधिक स्वायत्तता का अधिकार देगा, जिससे वे विदेशी छात्रों को स्वीकार कर सकें और विदेशों से फैकल्टी की भर्ती कर सकें. JNU को उन 10 सार्वजनिक संस्थानों में जगह नहीं मिलती है, जिन्हें IoE योजना के तहत तैयार किया जा रहा है.
अगर बात संस्थानों में अंतर्राष्ट्रीयकरण की करें तो, इसमें भी स्टैनफोर्ड 23 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय छात्र के साथ शीर्ष पर कायम है. कैंब्रिज और ऑक्सफोर्ड में क्रमशः 37% और 41% अंतरराष्ट्रीय छात्रहैं. वहीं भारत की DU और JNU के पास 1 प्रतिशत और 4 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय छात्र हैं.
वहीं रैंकिंग के आधार पर एक भी एशियाई यूनिवर्सिटी शामिल नहीं है. वहीं पहली बार टॉप 100 में चीन की 3 संस्थानें शामिल है. 23वें नंबर Peking यूनिवर्सिटी है. वहीं आठ एशियाई विश्वविद्यालयों को शीर्ष 100 में स्थान दिया गया है.