नगा स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUD) ने कॉलेज प्रिंसिपल के अलावा मानव संसाधन विकास मंत्रालय को इसकी शिकायत भेजी है. जानें क्या है पूरा मामला.
गुरुवार 27 जून को दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपनी कट ऑफ जारी की है. इसी बीच नगा स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया ने सेंट स्टीफंस कॉलेज कट ऑफ में ईसाई और एसटी कैटेगरी में आने वाले ईसाई स्टूडेंट्स के लिए निकाली गई कट ऑफ में भेदभाव का मामला उठा दिया है. इस बारे में एनएसयूडी ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय और कॉलेज प्रिंसिपल को पत्र लिखा है.
पत्र में लिखा है कि हम आपका ध्यान क्रिश्चियन एसडी आवेदकों के साथ भेदभाव की तरफ दिलाना चाहते हैं. हाल ही में कॉलेज ने अपनी कट ऑफ मार्क्स जारी करके आवेदकों को दाखिले के लिए बुलाया है. इस कट ऑफ में स्पष्ट है कि क्रिश्चिएन एसटी कैटिगरी के लिए मार्क्स अन्य क्रिश्चियन कैटिगरी में सबसे ज्यादा रखे गए हैं.
पत्र में दिए गए कट ऑफ के ये प्वाइंट
1. BA Programme
88% COTH
96% CST
2. BA ECO HONS
91.75% COTH
93.75% CST
3. BSC Programme
81.66% COTH
90% CST
4. BA HISTORY
88.5% COTH
93.5% CST
5. BSC MATHEMATICS
82.50% COTH
92.75% CST
6. BA PHILOSOPHY
87% COTH
95% CST
(COTH- Christian Others, CST- Christian ST)
एनएसयूडी के प्रेसिडेंट Hinoto P Aomi ने पत्र में लिखा है कि क्रिश्चियन एसटी के लिए निकाले कट ऑफ प्रतिशत के भारी अंतर को देखकर स्पष्ट है कि कॉलेज योग्य ईसाई एसटी आवेदकों को वंचित करने की कोशिश कर रहा है. जहां तक ईसाई धर्म के शिक्षण की बात है तो ईसाई जाति और ईसाई अन्य अलग-अलग नहीं हैं. क्रिश्चियन एसटी को इतना हाई कट ऑफ देकर कॉलेज न केवल संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन कर रहा है, बल्कि ईसाई समुदाय को अलग-अलग समूहों में विभाजित करके कॉलेज ईसाई धर्म की नैतिकता का भी उल्लंघन कर रहा है. ये पत्र एसटी कमीशन और बिशप को भी भेजा गया है.