मध्य प्रदेश के कई गवर्नमेंट स्कूलों में ऐसे टीचर्स भी हैं जिन्हें गवर्नमेंट की स्पेलिंग नहीं आती लेकिन वे प्राइमरी और मिडिल क्लास को पढ़ाते हैं. इस बात का खुलासा तब हुआ जब अाजतक की टीम ने सिवनी के एक स्कूल में पढ़ाने वाली टीचर से पूछा कि आप मिडिल स्कूल में पढ़ाती हैं तो कम से कम मिडिल की स्पेलिंग ही बता दीजिए तो मैडम जी ने तो हाथ ही जोड़ लिए.
ये तो बानगी भर है, यहां के कई सरकारी स्कूलों में ऐसे-ऐसे टीचर्स हैं जिनके जवाब सुनकर आप भी लाजवाब हो जाएंगे. बच्चों के भविष्य का ऐसा हाल देखकर जब स्कूल के हेड मास्टर साहब से स्कूल के बाकी शिक्षकों का हाल बताने हमारी टीम पहुंची तो शिक्षकों का बचाव करते नजर लगे. हैरान कर देने वाली बात तो ये थी कि जब उनसे भी गवर्नमेंट की स्पेलिंग पूछी गई तो वो स्पेलिंग नहीं बता पाए.
आपको बता दें कि इस पूरे वाकये की शुरुआत दो दिन पहले यहां के एसडीएम प्रवीण सिंह अढायच के स्कूलों के दौरे पर अाने के बाद हुई. एसडीएम साहब ने एक क्लास में एमएस मर्सकोले नाम के शिक्षक से कहा कि आप अपने स्कूल का नाम ब्लैकबोर्ड में लिखकर बताएं तो उन्होंने स्कूल के नाम की शुरुआत में ही गड़ब़ड़ कर दी. स्कूल का नाम है 'गवर्नमेंट मिडिल स्कूल, सहसना' और वो गवर्नमेंट की स्पेलिंग सही नहीं लिख पाए.
जब पढाने वाले शिक्षक सही स्पेलिंग नहीं लिख पाए तो एसडीएम ने क्लास के बच्चों से पूछा तो फौरन एक बच्चे ने सामने आकर ब्लैकबोर्ड पर गवर्नमेंट की सही स्पेलिंग लिख दी. इस बात से खुश होकर एसडीएम ने मनीष नाम के बच्चे को अपना पेन गिफ्ट कर दिया और टीचर को सबके सामने फटकार लगाई.
आखिरकार तमाम स्कूलों के टीचर्स से बात करने के बाद जब एसडीएम साहब से पूरे वाकये पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि टीचर्स से ऐसी उम्मीद तो उन्हें भी नहीं थी, हालांकि उन्होंने टीचर्स के लिए जल्दी ही ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू करने की बात कही है.