गूगल के इंटरनेट बिजनसेस के इंचार्ज रह चुके सुंदर पिचाई अब गूगल के नए सीईओ होंगे. जानें इनके कामयाब सफर के बारे में:
1. IIT खड़गपुर के हैं स्टूडेंट: 43 साल के सुंदर पिचाई चेन्नई के रहने वाले हैं. उन्होंने चेन्नई के जवाहर विद्यालय से पढ़ाई की. इसके बाद इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, खड़गपुर से उन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री ली. उन्होंने स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमएस और बाद में पेनसिलवेनिया यूनिवर्सिटी के वार्टन स्कूल से एमबीए किया.
2. क्रिकेट का शौक: स्कूली दिनों में सुंदर पिचाई को क्रिकेट का काफी शौक था. सुंदर हाई स्कूल क्रिकेट टीम के कप्तान भी रह चुके हैं, यही नहीं तमिलनाडु रीजनल क्रिकेट टूर्नामेंट में वो अपनी टीम को जीता भी चुके हैं.
3. पहली नौकरी: गूगल में नौकरी पाने से पहले सुंदर पिचाई ने एप्लाइड मैटेरियल्स में बतौर इंजीनियरिंग काम करना शुरू किया था. इसके बाद उन्होंने कंसल्टेंसी फर्म मेककिंसे में भी मैनेजमेंट कंसल्टेंट की नौकरी भी की.
4. 2004 में गूगल किया ज्वॉइन: सुंदर पिचाई को 2014 में गूगल में प्रोडक्ट मैनेजमेंट के वाइस प्रेसिडेंट के पद पर नौकरी मिली. यहां पर पिचाई को गूगल के क्रोम ब्राउजर और ऑपरेटिंग सिस्टम की टीम को लीड करना था. उनके शागिर्द उनके बारे में ऐसा कहते हैं कि वो अच्छे से किसी टीम को लीड करते हैं.
5. गूगल ने काबिलियत को पहचाना: नौकरी के दौरान उन्होंने टूलबार, गूगल गियर्स, गूगल पैक जैसे जाने माने प्रोडक्ट पर काम किया. सुंदर पिचाई के टूलबार पर किए काम ने उनके करियर में एक अलग मोड़ दिया. यहीं से गूगल ने सुंदर पिचाई की काबिलियत को पहचाना.
6. गूगल क्रोम से मिली पहचान: गूगल में पिचाई को खास पहचान मिली गूगल क्लाइंड सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट जैसे गूगल क्रोम और क्रोम ओएस के इनोवेशन के बाद से. 2008 में उन्हें प्रोडक्ट डेलवपमेंट का वाइस प्रेसिंडेट बनाया गया. उन्होंने पहली बार गूगल क्रोम को पेश किया, यही वजह थी कि अब सुंदर पिचाई गूगल के लिए एक जाना पहचाना चेहरा बन गए थे.
7. दुनिया ने माना लोहा: पिचाई को गूगल में काम करते हुए एक दशक पूरा हो चुका है. लेकिन गूगल के एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम डेवलपमेंट में बड़ी भूमिका निभाने के बाद दुनिया के लिए एक जाना पहचाना चेहरा बनें. उन्हें गूगल एंड्रॉइड के नए प्रमुख के तौर पर नामित किया गया.
8. राजनीति से दूर: हर ऑफिस की तरह गूगल में भी अपनी सियासत है. लेकिन ऐसा बताया जाता है कि पिचाई इससे दूर हैं और दुश्मन बनाने से बचते हैं. एक टेक कमेंटेटर उन्हें डिप्लोमेटिक बताते हैं.