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हिंदी साहित्‍य में जो ले आया तूफान, उस 'रेणु' के बारे में जानिए...

पंचलाइट, तीसरी कसम से हिंदी साहित्‍य को सजाने वाले रेणु का आज जन्‍मदिन है. जानिए उनके बारे में खास बातें...

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फणीश्‍वरनाथ रेणु
फणीश्‍वरनाथ रेणु

पंचलाइट, तसरी कसम और मैला आंचल जैसे ऐतिहासिक कृतियों से हिंदी साहित्‍य को सजाने वाले रेणु के बारे में जानिए ये बातें...

- आजादी के आंदोलन से लेकर हिंदी साहित्‍य में अपनी लेखनी से तूफान पैदा करने वाले फणीश्‍वरनाथ रेणु का जन्‍म 1921 में 4 मार्च को हुआ था.

- हिंदी साहित्‍य की मुख्‍यधारा में क्षेत्रीय आवाज को बुलंद करने के लिए रेणु पहचाने गए.

- उन्‍होंने अपने उपन्‍यास मैला आंचल से बिहार के गांव की हकीकत बयां कर साहित्‍य में हलचल पैदा कर दी.

- उनके दूसरे मशहूर उपन्‍यासों में परती परिकथा, जुलूस और कितने चौराहे, शामिल हैं.

- हिंदी के साथ बांग्‍ला और नेपाली भाषाओं पर भी उनकी अच्‍छी पकड़ थी.

- 1996 में आई बॉलीवुड फिल्‍म तीसरी कसम उनकी कहानी मारे गए गुल्‍फाम पर आधारित थी.

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