scorecardresearch
 

हर प्रॉब्‍लम का हल है फेसबुक की CEO का 'ऑप्शन बी' फॉर्मूला...

शेरिल सैंडबर्ग, फेसबुक सीईओ. दो साल पहले पति डेव गोल्डबर्ग की मौत के बाद टूट गईं थी. उन्होंने फेसबुक पर दर्द साझा किया था. दुनियाभर से कई लोगों ने अपने उदाहरणों से उनका गम साझा किया था. 

Advertisement
X
Sheryl Sandberg
Sheryl Sandberg

हमारा आखिरी लक्ष्य है 'खुश रहना'. जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते रहेंगे पर कैसे उन प्रॉब्लम्‍स से बाहर निकला जाए, ये हम सबको सोचना है.

फेसबुक की CEO शेरिल सैंडबर्ग ने बताया कि वह  पति डेव के जाने के कुछ हफ्तों बाद अपने एक दोस्त फिलिप डच से पापा- बेटे की शरारतों को लेकर बात कर रही थी. बात करते-करते मैं रोने लगी. फिलिप ने मुझे आश्वासन दिया और कहा- ‘ऑप्शन ए’हमारे पास नहीं है, तो क्यों न हम ‘ऑप्शन बी’ चुनें.

नंबर 1 बनना है तो जानिए दीपिका पादुकोण का सक्‍सेस सीक्रेट

बस तभी से यह मेरी जिंदगी का मंत्र बन गया और  पिछले दो साल में मैंने निराशा और कमियों के बीच ही खुशियां ढूंढ़ना शुरु कर दिया. इन दो सालों मे शेरिल सैंडबर्ग ने जिंदगी को काफी करीब से जाना कि कैसे अपने प्यार के बिना भी जिंदगी खुशी से जी सकते है.

Advertisement

आगे उन्होंने बताया मेरे दोस्त एडम ग्रांट, जो एक सायकोलॉजिस्ट हैं, उन्होंने कहा कि हम सब के अंदर खुशियां बटोरने की क्षमता होती है. बस हमें खुद को हर सिचुएशन में हैंडल करने का तरीका मालूम होना चाहिए.

शेरिल सैंडबर्ग और उनके दोस्त ने किताब 'ऑप्शन बी' लिखी, जिसमें बताया गया कि अगर हमारे पास 'ऑप्शन ए' नहीं है तो कैसे 'ऑप्शन बी' के सहारे जिंदगी में आगे बढ़ सकते हैं.

कैसे खुद में, बच्चों में, वर्क प्लेस और समाज से आने वाली हर प्रकार की प्रॉब्लम को दूर कर सकते हैं. शेरिल सैंडबर्ग ने बताया कि किताब में कुछ अंश उनकी खुद की जिंदगी पर आधारित हैं. 'ऑप्शन बी' में वो सब कुछ लिखा है, जो मैनें अपनी जिंदगी से सीखा.

कश्मीर की बंद गलियों में बोलता है इस लड़की का बल्ला

साथ ही दूसरा हिस्सा एडम की जिंदगी पर आधारित है. शेरिल सैंडबर्ग ने बताया कि 'ऑप्शन बी' के जरिए हमने उन लोगों की कहानियां लिखी हैं, जिन्होंने अपनी जिंदगी का बुरा दौर देखा है. नौकरी जाने का, गंभीर बीमारी, प्यार का दर्द या फिर परिवार से दूर होने का दर्द इसमें शामिल है.

शेरिल सैंडबर्ग ने उन सभी लोगों को शुक्रिया बोला जिन्होंने उनसे अपनी जिंदगी की कहानियां शेयर कीं, साथ ही उन्होंने कहा कि इन सब की कहानियों से मुझे ताकत मिली है.

Advertisement

जानिए कैसे थे बचपन में नरेंद्र मोदी, बनने वाले थे मगरमच्छ का शिकार

मैं बस ये कहना चाहती हूं कि हम में से किसी की जिंदगी परफेक्ट नहीं है. अगर ऑप्शन ए नहीं है तो क्या हुआ, जिंदगी को ऑप्शन बी के साथ भी जी सकते हैं. प्रॉब्लम को ताकत से किक मारो, सारी बाधाएं तोड़ो, खुशियां मिलकर ही रहेंगी.

 

Advertisement
Advertisement