उत्तर प्रदेश की प्रतिष्ठित अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) ने नईमा खातून को वाइस चांसलर नियुक्त किया है. वह यूनिवर्सिटी के लगभग 100 सालों के इतिहास में इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला हैं.
नईमा खातून 2014 से एएमयू की वुमेन कॉलेज की प्रिंसिपल हैं. पॉलिटिकल साइकोलॉजी में पीएचडी नईमा दुनिया के कई देशों में लेक्चर दे चुकी हैं. जानी-मानी शिक्षाविद नईमा ने छह किताबें लिखी हैं और कई किताबें संपादित की हैं. कई अंतर्राष्ट्रीय जर्नल में उनके पेपर पब्लिश हो चुके हैं. एजुकेशनल एडमिनिस्ट्रेशन में उनका लंबा अनुभव है. वह एएमयू में यूजीसी की स्पिरिचुअल साइकोलॉजी प्रोग्राम की डेप्युटी कोऑर्डिनेटर भी रह चुकी हैं.
लोकसभा चुनावों की वजह से आचार संहिता लागू होने के मद्देनजर चुनाव आयोग से भी नियुक्ति को लेकर मंजूरी मांगी गई थी. आयोग ने कहा कि उसे AMU वाइस चांसलर की नियुक्ति से संबंधित प्रस्ताव पर आचार संहिता के दृष्टिकोण से कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते इसका राजनीतिक लाभ नहीं लिया जाए. इसके बाद एएमयू ने आधिकारिक नोटिफिकेशन में कहा गया कि वीमेंस कॉलेज की प्रिंसिपल नईमा खातून को पांच साल की अवधि के लिए AMU की वाइस चांसलर नियुक्त किया गया है.
बता दें कि AMU ने वाइस चांसलर पद के लिए तीन उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया था और अंतिम चुनाव के लिए पिछले साल नवंबर में इनके नाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपे थे. इस दौड़ में एएमयू के फैकल्टी ऑफ मेडिसिन के पूर्व डीन प्रोफेसर मुजफ्फर उरूज रब्बानी, पटना के चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर फैजान मुस्तफा भी दौड़ थे.