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शाबाश! IIT कानपुर के तीन छात्रों ने फोर्ब्स टॉप 30 में बनाई जगह

IIT कानपुर के तीन पूर्व छात्रों को फोर्ब्स की टॉप 30 अंडर 30, 2017 की सूची में जगह मिली है. जानिये क्यों शामिल किया गया है फोर्ब्स की सूची में इन्हें...

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आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र, जिन्होंने बनाई फोर्ब्स टॉप 30 अंडर 30 में जगह
आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र, जिन्होंने बनाई फोर्ब्स टॉप 30 अंडर 30 में जगह

IIT कानपुर के तीन पूर्व छात्रों को फोर्ब्स की टॉप 30 अंडर 30, 2017 की सूची में जगह मिली है. लखनऊ के रहने वाले फरीद अहसान, गोरखपुर के भानू प्रताप सिंह और गाजियाबाद के अंकुश सचदेव को सोशल नेटवर्किंग ऐप 'शेयरचैट' विकसित करने के लिए इस सूची में शामिल किया गया है.

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फोर्ब्स की फरवरी एडिशन मैगजीन में यह सूची जारी की गई. फरीद, भानू और अंकुश द्वारा विकसित 'शेयरचैट' ऐप दरअसल, खासतौर से ऐसे लोगों के लिए बनाया गया है, जो हिन्दी भाषी हैं या जिन्हें अंग्रेजी नहीं आती. यह ऐप उनके लिए अंग्रेजी को आसान बनाने का काम करेगा.

फोर्ब्स मैगजीन की इस सूची में ऐसे युवाओं, लीडर्स और उनकी कंपनियों को शामिल किया गया है, जो अलग-अलग क्षेत्रों में गेमचेंजर के तौर पर उभरे हैं.

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आईआईटी कानपुर के इन तीन छात्रों को फोर्ब्स की टॉप 30 अंडर 30 की सोशल मीडिया, मोबाइल टेक और कम्युनिकेशन कैटगरी में रखा गया है.

फोर्ब्स सूची में नाम शामिल किए जाने पर फरीद ने कहा कि फोर्ब्स की सूची में जगह पाकर हमें बहुत अच्छा लग रहा है. शेयरचैट की उपयोगिता को पहचान मिल रही है.

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बता दें कि स्नातक करने के बाद इन तीन छात्रों ने उच्च सैलरी पैकेज वाली नौकरियों के ऑफर को रिजेक्ट कर दिया था और अपने सपनों को पूरा करने के लिए इंटरप्रन्योशिप का रास्ता चुना.

हिन्दुस्तान टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार भानू ने कहा कि तकनीक के प्रति हमारे प्यार ने हमें इंटरनेट से जुड़े प्रोडक्ट्स बनाने के लिए प्रेरित किया. कई विफलताओं और कई बार ठुकराए जाने के बाद अब जाकर 'शेयरचैट' के रूप में सफलता हमारे पास आई है. 'शेयरचैट' यूजर्स की संख्या हर महीने लगभग 30 फीसदी के लिहाज से बढ़ रही है.

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गौरतलब है कि शेयरचैट को साल 2015 में लॉन्च किया गया था. यह अपनी तरह का पहला सोशल नेटवर्किंग एप्ल‍िकेशन है, जिसे क्षेत्रिय भाषाई उपभोक्ताओं के लिए विकसित किया गया है.

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यह देश की 8 भाषाओं में उपलब्ध है, जिसमें हिन्दी, मराठी, मलयालम, तेलुगु, गुजराती, पंजाबी, तमिल और बंगाली भाषा शामिल हैं.

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