JEE Mains 2024 Topper Aditya Kumar: जेईई मेन्स 2024 सेशन-2 की परीक्षा में राजस्थान के रहने वाले आदित्य कुमार ने परफेक्ट 300 में से 300 अंक हासिल करके ऑल इंडिया रैंक-4 प्राप्त की है. हालांकि जेईई मेन्स में नीलकृष्ण ने आल इंडिया में पहला रैंक और दक्षेस संजय मिश्रा ने दूसरी रैंक हासिल की है. आदित्य ने कहा,'मैं रोजाना 9-10 घंटे सेल्फ स्टडी करता हूं. एलन में समय-समय पर जो टेस्ट होते थे, उन्हें लेकर काफी सीरियस रहता था, क्योंकि टेस्ट से ही आप खुद का एनालिसिस कर पाते हो. अगर किसी टेस्ट में मार्क्स कम आते थे तो कोशिश रहती थी कि अगले टेस्ट में उन गलतियों को दोबारा ना दोहराऊं.' उन्होंने 10वीं क्लास में 97.8% प्राप्त किए थे. वे पिछले दो साल से कोटा में रहकर एलन इंस्टीट्यूट से जेईई मेन्स की तैयारी कर रहे थे. आजतक को दिए इंटरव्यू में उन्होंने जेईई एस्पिरेंट्स के मेंटल प्रेशर और कोटा के माहौल के बारे में खुलकर बात की.
मेंटल प्रेशर को लेकर आदित्य ने कही ये बातें
आदित्य ने मेंटल प्रेशर पर बात करते हुए आजतक से कहा कि किसी भी एस्पिरेंट्स के सामने बहुत सारी चुनौतियां आती हैं, उनका सामने करने के लिए टीचर्स से बात करना बहुत जरूरी है. हम बहुत सी बातें शेयर नहीं करते जैसे प्रेशर के बारे में, या जब वो लो फील कर रहे होते हैं या मेंटल प्रेशर फील हो रहा है तो किसी से शेयर नहीं करते, लोगों को लगता होगा कि इससे वे दूसरों के सामने वीक दिखेंगे, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए. ये सबसे बड़ी ब्रेवरी (साहस) की बात होती है कि आप इन सभी चीजों को एक्सप्रेस कर पा रहे हैं. इससे बचने के लिए बात करना बहुत जरूरी है. खुलकर अपने पेरेंट्स, टीचर्स या दोस्तों से बात करनी चाहिए.
कोटा का मौहाल कैसा है?
आदित्य ने कहा कि एक शब्द में बताया मुश्किल है, यहां का माहौल बहुत डायनेमिक है. परफॉर्मेंस इंप्रूव करने का प्रेशर तो रहता ही है. इसके अलावा कुछ नेगेटिव चीजें भी हैं, लेकिन उनसे डील करना भी खुद को आना चाहिए. अगर कहीं कुछ नेगेटिव लगे तो वहां से हट जाना चाहिए. जिस चीज से आपको खुशी मिलती है या जो पोजिटिव इंट्रेक्शनंस लगे उसमें ज्यादा से ज्यादा पार्टिसिपेट करना चाहिए.
स्टडी प्लान के बारे में
जेईई मेन्स की तैयारी के लिए अपने स्टडी प्लान को लेकर आदित्य ने कहा कि एकेडमिक्स में टाइमली अटेंड किए. जो भी डाउट्स आते थे उन्हें क्लियर करता रहा. क्लास लेना बहुत जरूरी है. हर छोटी डिटेल्स पता होनी चाहिए, जहां पर भी सवाल आए या समझ नहीं आ रहा तो उसे तुरंत पूछकर क्लियर करना चाहिए. क्लास 4 से 5 घंटे चलती थी, इसके बाद घर जाकर भी 4 से 5 घंटे पढ़ाई करता था. हालांकि ऐसा फिक्स नहीं था कि कब, कौन-सा सब्जेक्ट पढ़ना है. घर आने के बाद या तो थ्योरी कर लेता था या कुछ सवाल बनाकर प्रैक्टिस कर लेता था. उन्होंने आगे के प्लान के बारे में बात करते हुए कहा कि मैं आईआईटी बॉम्बे की सीएस ब्रांच से बीटेक करने के बाद एस्ट्रोफिजिक्स के क्षेत्र में जाना चाहता हूं.