PR/NPR और NRIC की शुरुआत किसने की
कहा जाता है कि इसे कांग्रेस ने शुरू किया, लेकिन हकीकत ये है कि इसे वाजपेयी सरकार में संशोधन के द्वारा शुरू किया गया. इस मिथक से जुड़ा प्रमुख सवाल यह है कि जनसंख्या रजिस्टर (PR) और NRIC को सिटीजनशिप एक्ट 1955 में कब शामिल किया गया?
इसका जवाब ये है कि साल
2003 में तत्कालीन एनडीए सरकार के दौरान सिटीजनशिप एक्ट 1955 में एक
सिटीजनशिप (संशोधन) एक्ट 2003 (CAA of 2003) लाया गया और इसके द्वारा (a)
'अवैध प्रवासी' और (b) भारतीय नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर (NRIC) इसमें
शामिल किया गया.
साल 2003 के CAA के खंड 2 में कहा गया है: 'अवैध प्रवासी' का मतलब ऐसे
भारतीय से है जो भारत में घुसा हो - 1. बिना वैध पासपोर्ट या यात्रा
दस्तावेज और अन्य किसी दस्तावेज के जो कि कानून के मुताबिक जरूरी हो 2.
कानून के मुताबिक वैध पासपोर्ट या यात्रा दस्तावेज या अन्य दस्तावेज के साथ
तो आया हो, लेकिन निर्धारित अवधि से ज्यादा दिन तक रुक गया हो या रह रहा
हो.
दूसरी तरफ, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) की प्रक्रिया सबसे पहले साल
2010-11 में यूपीए सरकार के दौर में शुरू की गई थी. लेकिन वरिष्ठ सूत्र
बताते हैं कि इसे कभी भी NRIC की तैयारी तक आगे नहीं बढ़ाया गया, क्योंकि
यूपीए सरकार 'आधार' जैसे बड़े प्रोजेक्ट में लग गई. इसके बाद फिर 2015 में
NPR को अपडेट किया गया, लेकिन इस बार भी यह NRIC के स्तर तक नहीं पहुंचा.
फोटो: डिटेंशन कैंप
Image: Reuters