ऐसी है प्रक्रिया
इस विधि में पहले पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में तोड़ा जाएगा. उसके बाद दोनों तत्वों को दोबारा जोड़ने की कोशिश है और इसके कारण जो एनर्जी यानी ऊर्जा उत्पन्न होगी, उसी से इंजन चलेगा. इसमें अतिरिक्त ऊर्जा भी उत्पन्न होगी. ऐसी गाड़ी का फ्यूल खत्म नहीं होगा कभी. थ्योरी के आधार पर कहें तो इसका जीवन 200 साल होगा. ये आइंस्टीन के एनर्जी के फार्मूला (E = mc2 ) पर आधारित है.
कैलिफोर्निया जाने के बारे में बताया कि इसके लिए पहले SAT का एग्जाम होता है जो कि अमेरिका की कॉलेज बोर्ड नाम की आर्गेनाइजेशन कराती है, इसमें मुझे बाद में ईमेल से रिजल्ट आया, जिसमें मेरा ग्लोबल रैंक तीन था. मैं 8 जनवरी को जा रहा हूं जहां यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में 14th ऑफ जनवरी से
मेरी क्लास स्टार्ट होंगी. मेरे
प्रेरणाश्रोत मेरे सर डॉ. मधुर उपाध्याय हैं. वो मुझे क्लास
नाइन से पढ़ाते थे. मेरे गुरु हैं उनसे मैंने जितना भी सीखा
है उसका 90 पर्सेंट मेरे गुरुदेव ने दिया है.
(फोटो: प्रतीकात्मक)