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एजुकेशन

किसान के बेटे ने 6 बार की सरकारी नौकरी, नहीं मिली संतुष्टि तो बना IPS

किसान के बेटे ने 6 बार की सरकारी नौकरी, नहीं मिली संतुष्टि तो बना IPS
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जीवन में अगर कुछ बड़ा करना हो तो इंसान को पहले छोटे-छोटे रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है. प्रेमसुख डेलू की कुछ ऐसी ही कहानी है. कई सरकारी पदों पर काम करने के बाद उन्होंने अपना IPS बनने का सपना पूरा कर लिया है. आज उनका लक्ष्य पूरा हो गया है, लेकिन ये सफर इतना आसान नहीं था. आइए जानते हैं उनके बारे में.


किसान के बेटे ने 6 बार की सरकारी नौकरी, नहीं मिली संतुष्टि तो बना IPS
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टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार प्रेमसुख डेलू राजस्थान के बीकानेर जिले के रहने वाले हैं और एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं. जीवन में उनका लक्ष्य एक IPS बनना था. सफर आसान नहीं था. जिसके के लिए उन्होंने जीजान से मेहनत की.
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उन्होंने हिंदी माध्यम से UPSC सिविल सर्विसेज की परीक्षा को  पास किया. जिसके बाद 31 साल की उम्र में वह गुजरात के एक IPS ऑफिसर बने.
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टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक IPS ऑफिसर बनने से पहले उन्होंने 6 बार अलग-अलग पदों पर सरकारी नौकरी की. जिसमें पटवारी, सब-इंस्पेक्टर, जेलर, प्राइमरी शिक्षक, कॉलेज लेक्चरर, राज्य सरकार में एक रेवेन्यू ऑफिसर का पद शामिल है. साल 2018 में प्रेमसुख डेलू, गुजरात के अमरेली जिले में असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट पुलिस (ASP) के रूप में नियुक्त किए गए हैं.
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प्रेम का मानना है 'जब तक आपका लक्ष्य पूरा नहीं हो जाता है, तब तक ना रुकें'. बता दें, वह अपने चार भाई-बहन में सबसे छोटे हैं.
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शुरू से ही बनना चाहते थे सरकारी अधिकारी
शुरुआत से ही प्रेम एक सरकारी ऑफिसर बनने का ख्वाब देखा करते थे. उनका पूरा फोकस सरकारी ऑफिसर बनने पर ही थी. अपनी मास्टर की डिग्री हासिल करने के बाद   उन्हें साल 2010 में पटवारी (रेवन्यू ऑफिसर) के पद पर पहली सरकारी नौकरी मिली.
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नौकरी करने के साथ-साथ वह दिन में 5 घंटे तक पढ़ा करते थे. जिसके बाद उन्होंने एक के बाद एक सरकारी नौकरी प्राप्त की.
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प्रेम ने बताया उनके माता-पिता ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं है. ऐसे में मेरे परिवार में पढ़ाई पर काफी ध्यान दिया जाता है. मेरे बड़े भाई राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत हैं. उन्हीं ने ही मुझे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के लिए प्रोत्साहित किया.
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पटवारी बनने के बाद प्रेम ने उसी साल ग्राम सेवक परीक्षा को पास किया. जिसके बाद उन्हें असिस्टेंट जेलर के पद पर नौकरी मिली. 2011 में उन्होंने प्राइमरी एंड सेकंडरी टीचर परीक्षा क्लियर की. साल 2013 में उन्होंने दो परीक्षा क्लियर की. पहली, राजस्थान पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के पद की परीक्षा, दूसरी टीचर एंड हायर सेकंडरी परीक्षा.
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अगले साल उन्होंने बी.एड क्लियर किया और NET पास करने के बाद लेक्चरर के पद पर नौकरी की. कहने को तो उनकी लाइफ सेट थी, लेकिन जीवन में आगे बढ़ने की यात्रा अभी उनके लिए लंबी थी.

वह स्टेट पब्लिक सर्विस परीक्षा में शामिल हुए और स्टेट पुलिस सर्विस परीक्षा में केवल एक नंबर से चूक गए. जिसके बाद उन्हें रेवन्यू सर्विस मिली. प्रेम ने कहा- दुख तो हुआ था, लेकिन फिर मैंने सोचा " जो होता है अच्छे के लिए होता है".
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मैंने अपना मन छोटा करने की बजाए दोगुनी ताकत से पढ़ाई करने में लगा दिया और साल 2015 में यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी की. परीक्षा हिंदी माध्यम से दी थी. जिसमें 170वीं रैंक हासिल की थी. वह साल 2016 बैच के IPS ऑफिसर हैं.
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प्रेम ने बताया मेरी कई  सरकारी नौकरी के दौरान मुझे समाज के बारे में कई बातें जानने में मदद मिली. असिस्टेंट जेलर और सब- इंस्पेक्टर के रूप काम करने की वजह से मैं पुलिस कर्मियों के मुद्दों को बेहतर ढंग से समझ सकता हूं.
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उन्होंने कहा मैं इतने कम समय में गुजरात पुलिस का प्रतिनिधित्व करने के लिए खुद को भाग्यशाली मानता हूं.



(सभी तस्वीरें फेसबुक से ली गई है)
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