कपूर खानदान की तीसरी पीढ़ी के सबसे सफल अभिनेता और बॉलीवुड के सदाबहार सितारे ऋषि कपूर ने आज दुनिया से विदा ले ली है. उनकी अदाकारी से लेकर उनके तमाम किस्से लोगों के जेहन पर उमड़ घुमड़ रहे हैं. ट्विटर पर @chintskap नाम से हैंडल बनाने वाले ऋषि कपूर ने अपने निक नेम चिंटू से इसे पहचान दिलाई थी. अपने सेंस ऑफ ह्यूमर और बेबाक बातों से उनकी ये पहचान खूब हिट हो गई थी. आइए जानते हैं- ऋषि कपूर के इस निकनेम के पीछे की कहानी. किसने उन्हें दिया था ये नाम.
ऋषि कपूर का जन्म चार सितंबर 1952 में हुआ था. उनके परिवार का उनके जन्म से पहले से ही फिल्म इंडस्ट्री में उनके दादा पृथ्वीराज कपूर और पिता राजकपूर छाए हुए थे. घर में सिनेमा का माहौल इस कदर था कि उन्हें बचपन से ही इसका शौक लग गया.
एक इंटरव्यू में उन्होंने खुद बताया कि वो बचपन में जब उन्होंने अपने दोनों भाइयों रणधीर कपूर और राजीव कपूर के साथ स्कूल जाना शुरू किया था. उसी दौर में उनका निक नेम चिंटू रखा गया. इसके पीछे की कहानी कुछ इस तरह थी.
ऋषि कपूर ने बताया था कि उनके बड़े भाई रणधीर का घर का नाम डब्बू था. उस वक्त मैं पांच साल का था. एक दिन उन्होंने स्कूल में एक पहेली याद की. पहेली कुछ इस तरह थी, छोटे से चिंटू मियां, लंबी सी पूंछ....जहां जाएं चिंटू मिया वहां जाए पूंछ, इस पहेली का जवाब था सुई धागा.
अब बड़े भाई घर में आकर बार बार वही पहेली दोहराते थे, उन्हें इस पहेली में चिंटू शब्द इतना पसंद आया कि उन्होंने अपने छोटे भाई यानी मुझे चिंटू कहना ही शुरू कर दिया. उनके कहने के बाद धीरे धीरे उनका निक नेम चिंटू ही पड़ गया. लेकिन ऋषि कपूर ने कहा था कि उन्होंने बचपन में ही तय किया था कि अपने बच्चों का कोई निक नेम नहीं रखूंगा.
बता दें कि ऋषि कपूर को बचपन से ही एक्टिंग का बहुत शौक था. वो अकेले में भी खुद को आईने में देखकर कभी हंसते तो कभी रोते और नोट करते कि हंसते-रोते
वक्त मेरे चेहरे पर एक्सप्रेशन कैसे आते हैं. इसे उनके पिता और दादा दोनों ने भांप लिया था और पहली बार मेरा नाम जोकर में वो कम उम्र में पहली बार दिखे, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया.
युवा ऋषि कपूर के लिए पहली बार उनके पिता ने उनके लिए पहली फिल्म बॉबी बनाई, इस लव स्टोरी से वो लोगों के दिलों में छा गए. इस फिल्म ने सिनेमा का एक ट्रेंड ही बदल दिया. ऋषि कपूर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि फिल्म इंडस्ट्री में उनके पापा के दोस्त और हमउम्र उन्हें चिंटू कहकर ही बुलाते थे.
ऋषि कपूर ने अपने एक रेडियो इंटरव्यू में बताया था कि जब उनके पिता राज कपूर की फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ में उन्होंने पिता के बचपन का किरदार
निभाया था. उन्होंने बताया कि जब एक दिन उनके पिता मां से इस बारे में बात कर रहे थे कि
‘मेरा नाम जोकर’ के लिए चिंटू को एक रोल में रख लेते हैं तो यह बात सुनने
के बाद ऋषि कपूर अपने कमरे में जाकर देर तक ऑटोग्राफ देने की प्रैक्टिस
करते रहे थे.
बता दें कि तबीयत बिगड़ने के बाद ऋषि कपूर को मुंबई के एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कैंसर से जूझ रहे ऋषि कपूर ने गुरुवार सुबह अंतिम सांस ली. उनकी विदाई पर पूरा बॉलीवुड ही नहीं पूरा देश गम में डूब गया है. एक दिन पहले अभिनेता इरफान खान के बाद बॉलीवुड को ये दूसरा बड़ा झटका लगा है.