आज के बढ़ते टेक्नोलॉजी के दौर में नौकरी पाना आसान नहीं हैं. कई बार पूरी तैयारी के बावजूद आप पीछे रह जाते हैं. रिज्यूमे भेजने और इंटरव्यू देने के बाद भी आपको जवाब में ना सुनने को मिलता है. ऐसा बार-बार होने से आपका कान्फिडेंस कम होने लगता है और आपको ऐसा फील होता है कि आखिर आपमें क्या कमी है?
अगर आप भी इस तरह की हालात से गुजर रहे हैं, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. 5 मिनट का ये माइंडसेट फ्लिप नौकरी ढूंढने के तरीके को आसान मनोवैज्ञानिक बदलाव के जरिए बदल देते हैं. इतना ही नहीं ये बदलाव आपके टेंशन को कम करते हैं, आत्मविश्वास बढ़ाते हैं और किसी भी तरह के डर को दूर करते हैं.
5 मिनट का मानसिक बदलाव क्या है है?
इसे आसान भाषा में समझते हैं. मैं रिजेक्शन का सामना नहीं कर रहा हूं, मैं अपने स्किल की मार्केटिंग कर रहा हूं. ये बात सुनने में भले ही सिंपल लग रही है लेकिन इसका असर काफी गहरा होता है. जब आप खुद को किसी फैसले के इंतजार करने वाले व्यक्ति की तरह नहीं बल्कि एक पेशेवर की तरह देखने लगते हैं, तो जो योग्यता आप दिखा रहे हैं उसका प्रभाव बदल जाता है. उसकी तरह से मार्केटिंग में होता है. जरूरी नहीं है कि आपकी हर पिच सफल हो. उसी तरह से नौकरी की तलाश में हर बार जरूरी नहीं है कि सफलता मिले.
किस तरह काम करती है ये ट्रिक?
इस सोच को बदलने के तरीके को "रिफ्रेमिंक" कहते हैं. इसका मतलब होता है विपरीत परिस्थितियों में देखने का नजरिया बदलना. यह बदलाव कई तरीके से बदलाव में मदद करती है.
1. इमोशनल बोझ को कम करता है.
2. रोजाना के प्रयासों को और ज्यादा बढ़ाता है.
3. आवेदन की क्वालिटी को बेहतर करता है.
कैसे करें इस सोच का अभ्यास?
हर रोज नौकरी की तलाश करने से पहले एक छोटे से प्रोसेस को अपनाएं.
1. अपने 3 सबसे बेहतरीन स्किल को लिखें जैसे- कम्युनिकेशन स्किल, प्रॉब्लम साल्विंग स्किल, टीम मैनेजमेंट या डेटा का सही तरह से विश्लेषण.
2. इस प्रोसेस के दौरान आप खुद से पूछे कि आज मैं किस कंपनी या पद के लिए ये स्किल दिखा रहा हूं.
3. एक गोल तय करें. इसका मतलब है कि आज आपको दो आवेदन भेजना है या किसी व्यक्ति से बात करनी है या अपने रिज्यूमें को अपडेट करना हो.
4. लास्ट में रिव्यू करें कि आप जो कर रहे हैं उसमें क्या अच्छा था, क्या नहीं हुआ या और किन चीजों को एड कर सकते हैं.