Tulsi Gowda Padma Shri Award: राष्ट्रपति भवन में सोमवार (09 नवंबर) को पद्म सम्मान दिए गए. कुल 73 हस्तियों को इस मौके पर सम्मानित किया गया. इसमें एम सी मैरीकॉम, पीवी सिंधू और कंगना रनौत समेत अन्य हस्तियां शामिल हैं. इन्हीं हस्तियों के बीच शामिल रहीं कर्नाटक की पर्यावरण संरक्षक तुलसी गौड़ा. 'इनसाइक्लोपीडिया ऑफ फॉरेस्ट' कही जाने वाली तुलसी को उनकी सादगी के लिए बेहद पसंद किया जा रहा है. पद्म सम्मान लेने के लिए वे अपने पारंपरिक आदिवासी लिबास में नंगे पैर ही राष्ट्रपति भवन पहुंचीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ उनकी तस्वीर को शेयर कर लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं.
This pic is worth a million words.#TulsiGowda#PeoplesPadma pic.twitter.com/iCKXWny2bo
— Arun Bothra 🇮🇳 (@arunbothra) November 9, 2021
कर्नाटक के होनाली गांव की रहने वाली तुलसी कभी स्कूल नहीं जा पाईं. इसके बावजूद उन्होंने पेड़- पौधों और वनस्पति का इतना ज्ञान स्वयं से एकट्ठा किया कि उन्हें 'इनसाइक्लोपीडिया ऑफ फॉरेस्ट' कहा जाने लगा. उनकी शादी बेहद कम आयु में हो गई थी. जब वह 3 साल ही थीं तभी पिता का देहांत हो गया था. वह छोटी उम्र से ही अपनी मां के साथ नर्सरी में काम करती थीं. वहीं से उनके मन में पेड़-पौधों से लगाव पैदा हो गया था. उन्होंने पिछले 6 दशकों में 30 हजार से ज्यादा पेड़-पौधे लगाए हैं.
President Kovind presents Padma Shri to Smt Tulsi Gowda for Social Work. She is an environmentalist from Karnataka who has planted more than 30,000 saplings and has been involved in environmental conservation activities for the past six decades. pic.twitter.com/uWZWPld6MV
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 8, 2021
इससे पहले भी तुलसी गौड़ा को पर्यावरण संरक्षण के उनके प्रयासों के लिए 'इंदिरा प्रियदर्शिनी वृक्ष मित्र अवॉर्ड, 'राज्योत्सव अवॉर्ड' और 'कविता मेमोरियल' जैसे कई अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है. वह वन विभाग की नर्सरी की देखभाल करती हैं. वह कई पौधों के बीजों को इकट्ठा करती हैं, गर्मियों के मौसम तक उनका रखरखाव करती हैं और फिर सही समय पर जंगल मो बीज बो देती हैं. अपना पूरा जीवन उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पित कर दिया जिसके चलते उन्हें पद्म सम्मान से सम्मानित किया गया है.
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