CBSE और अन्य बोर्ड ने 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं लेकिन अब रिजल्ट को लेकर इंतजार किया जा रहा है. रिजल्ट को लेकर नियम कब आएंगे और किस आधार पर बच्चों को पास किया जाएगा. इसी मसले पर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई. केंद्र सरकार, CBSE और ICSE बोर्ड ने अदालत से कुछ वक्त मांगा है ताकि वह रिजल्ट के लिए एक सही और सटीक क्राइटेरिया तैयार कर सकें.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि इसके लिए इतना वक्त क्यों चाहिए, पिछले साल भी इसी आधार पर बच्चों को रिजल्ट दिया गया था. ऐसे में अधिक वक्त क्यों चाहिए.
याचिकाकर्ता की ओर से वकील ममता शर्मा ने कहा कि इस वक्त करीब सवा करोड़ बच्चे स्टेट बोर्ड में पढ़ रहे हैं, लेकिन स्टेट बोर्ड ने परीक्षाओं और पासिंग क्राइटेरिया पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है. याचिकाकर्ता ने मांग की है कि रिजल्ट को लेकर देशव्यापी एक ही क्राइटेरिया होना चाहिए.
याचिकाकर्ता की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जो भी सही होगा, वह किया जाएगा. लेकिन अथॉरिटी इस तरह तुरंत सबकुछ नहीं कर सकती हैं, क्योंकि कुछ ऐसा पास नहीं होना चाहिए जो सही ना हो. केंद्र और बोर्ड द्वारा मांगे जा रहे वक्त को देखते हुए अब इस मामले की सुनवाई को दो हफ्ते के लिए टाल दिया गया है.
CBSE समेत कई बोर्ड ने रद्द की परीक्षा
आपको बता दें कि कोरोना संकट को देखते हुए केंद्र सरकार ने 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला लिया. CBSE के बाद ICSE ने भी परीक्षाएं रद्द कर दी थीं. वहीं, देश के करीब आधा दर्जन राज्यों के बोर्ड ने भी अपने यहां परीक्षाओं को रद्द किया. CBSE ने जानकारी दी है कि जल्द ही रिजल्ट को लेकर नियमों को साझा किया जाएगा.