सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कोरोना महामारी और युद्ध के कारण यूक्रेन, चीन और फिलीपींस से लौटे भारतीय मेडिकल छात्रों को मौजूदा राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) के कोर्स के अनुसार दो अटेम्प्ट्स में MBBS फाइनल परीक्षा पास करने की अनुमति दी है. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने वन-टाइम रिलेक्सेशन के तौर पर इन छात्रों को केवल एक अटेम्प्ट देने की अनुमति के केंद्र के सुझाव को संशोधित किया.
केंद्र ने एक विशेषज्ञ समिति की एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है जिसमें कहा गया है कि वन-टाइम रिलेक्सेशन के तौर पर फाइनल ईयर के छात्रों को MBBS की अंतिम परीक्षा देने की अनुमति दी जानी चाहिए. केंद्र की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि अदालत के निर्देश के मद्देनजर इस मुद्दे पर सरकार द्वारा एक समिति का गठन किया गया था.
अदालत ने समिति द्वारा की गई सिफारिश को काफी हद तक स्वीकार कर लिया, लेकिन कहा कि चिंता केवल यह थी कि छात्रों को एमबीबीएस परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए केवल एक प्रयास दिया जाना था, इसलिए इसे संशोधित किया गया.
शीर्ष अदालत उन मेडिकल छात्रों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने अपने-अपने विदेशी विश्वविद्यालयों में सात सेमेस्टर पूरे किए, और उन्हें महामारी या युद्ध के कारण भारत लौटना पड़ा. ऐसे में छात्रों ने ऑनलाइन मोड के माध्यम से अपना ग्रेजुएट मेडिकल कोर्स पूरा किया.