'पसीने की स्याही से जो लिखते हैं इरादें को,उसके मुक्कद्दर के सफ़ेद पन्ने कभी कोरे नहीं होते…' राजस्थान की रहने वाली रमा जैन ने अपनी सफलता से यह साबित करके दिखा दिया है. दिव्यांगता के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी और आज देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में शुमार IIT JEE का एग्जाम क्लियर कर दिखाया है. उन्होंने जेईई मेन्स में ऑल इंडिया रैंक- 271 हासिल की है.
माता-पिता के भरोसे ने बढ़ाया कुछ कर दिखाने का जुनून
रमा जैन का कहना है कि मेरे माता-पिता मेरी मजबूती के स्तंभ थे. उन्होंने अटूट समर्थन, सकारात्मक वातावरण प्रदान किया और हमेशा प्रोत्साहित किया. मुझ पर उनके भरोसे ने मेरे जुनून को और बढ़ाया है. इसके अलावा मोशन एजुकेशन और नितिन विजय सर (मोशन एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और सीईओ) ने हमेशा मेरा मनोबल बढ़ाया है. दिव्यांगता के बावजूद उन्होंने कभी भी हमारे और बाकी बच्चों में कोई फर्क नहीं किया, जिससे मुझे कुछ बड़ा हासिल करने की प्रेरणा मिली.
10वीं में 98% और 12वीं में आए थे 84% नंबर
रमा जैन बचपन से ही पढ़ाई में होशियार रही हैं. उन्होंने हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा 98 प्रतिशत अंक लाकर पास की थी, जबकि 12वीं में भी उनके 84 प्रतिशत अंक आए थे. रमा के पिता मनोज कुमार सरकारी नौकरी करते हैं और मेरी मां सुमन एक गृहिणी हैं. एक छोटी बहन है, जो अभी 10वीं कक्षा में पढ़ रही है.
12वीं में देखा इंजीनियर बनने का सपना
रमा ने 12वीं क्लास में ठान लिया था कि वे एक दिन इंजीनियर बनेंगी. उन्होंने इंटरमीडिएट के बाद इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम यानी जेईई मेन्स की तैयारी शुरू कर दी थी. जेईई मेन्स की कोचिंग के लिए उन्होंने मोशन एजुकेशन इंस्टीट्यूट में एडमिशन लिया. अपनी लगन और कड़ी मेहनत के दम पर उन्होंने जेईई मेन्स में पूरे देश में 271वीं रैंक हासिल की है. अपने सपने को पूरा करने के लिए रमा के जीवन का यह एक बड़ा कदम है.
रोजाना 7-8 घंटे की पढ़ाई
सपना जितना बड़ा होता है मेहनत भी उतनी ही ज्यादा मांगता है. रमा ने कहा कि गुणवत्ता को मात्रा से अधिक प्राथमिकता दी. मैं दिन में 7-8 घंटे के केंद्रित अध्ययन का लक्ष्य रखा था, जिसमें ब्रेक भी शामिल थे. इस स्टडी प्लान ने मुझे कॉन्सेप्ट्स को गहराई से समझने और लंबे समय तक याद रखने में मदद की.
जेईई मेन्स में रमा जैन का बेस्ट स्कोर
जेईई एडवांस्ड के लिए रमा का स्टडी प्लान
रमा कहती हैं कि अभी मैं सभी महत्वपूर्ण कॉन्सेप्ट्स को दोहरा रही हूं और पिछले वर्षों की JEE एडवांस्ड की परीक्षाओं और मॉक टेस्ट्स की प्रैक्टिस भी कर रही हूं. इससे जिन विषयों की परफॉर्मेंस कम लग रही है, उन्हें पहचानकर अच्छी तैयारी करने में मदद मिलती है. इसके अलावा दोस्तों के साथ पढ़ाई करना और समस्याओं पर एक साथ चर्चा करना भी बहुत मदद करता है.
एक ही कोचिंग के 6000 से ज्यादा छात्रों ने पास की जेईई मेन्स परीक्षा
मोशन एजुकेशन कोचिंग इंस्टीट्यूट के 68.01 फीसदी यानी संस्थान के 6,891 से ज्यादा छात्र-छात्राओं ने जेईई मेन्स क्लियर के जेईई एडवांस्ड के लिए क्वालीफाई किया है. 100 परसेंटाइल पाने वाले दो छात्र महाराष्ट्र से विशारद श्रीवास्तव (40वीं रैंक) और राजस्थान से ईशान गुप्ता (46वीं रैंक) शामिल हैं. इनके अलावा राजस्थान के जयंत कुमार ने 99.998 परसेंटाइल के साथ 77वां स्थान प्राप्त किया है. मोशन एजुकेशन के 44 छात्र 1000 रैंक में शामिल हैं. उन्हीं में से एक रमा जैन भी हैं.
इस खुशी के मौके पर मोशन एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और सीईओ नितिन विजय ने कहा, "छात्रों द्वारा किया गया अनुकरणीय प्रदर्शन हमें उन्हें उनके सपने की ओर बढ़ते देखने में बहुत खुशी देता है. सबसे प्रतिष्ठित जेईई परीक्षा के लिए क्वालिफाई होने वाले छात्रों की एक महत्वपूर्ण संख्या के साथ, यह उनकी निष्ठा, कड़ी मेहनत, अनुशासन और उनकी आकांक्षाओं को प्राप्त करने के दृढ़ संकल्प को दर्शाता है."