CBSE-ICSE 12th Exam 2021: कोरोना संकट के बीच 12वीं की बोर्ड परीक्षा ऑफलाइन हो या ना हो, इसे लेकर एक बड़ी बैठक दिल्ली में मंगलवार को होने जा रही है. इसमें केन्द्र सरकार महामारी के इस दौर में 10वीं और 12वीं की परीक्षा को लेकर फैसला लेने जा रही है. ज्यादातर स्कूल कोरोना के इस समय में बंद है और ऑनलाइन क्लासेज़ जारी हैं. ऐसे में सवाल है कि क्या ऑफलाइन परीक्षाएं हो सकती हैं.
लखनऊ में शिक्षा एसोसिएशन सहित बड़े स्कूलों ने यूपी सरकार के 12वीं के एग्जाम ना कराने पर एतराज जताया है और एक मजबूत रणनीति बनाकर एग्जाम कराने की बात कही है. जानकारी के मुताबिक, जिस तरीके से उत्तर प्रदेश सरकार ने 10वीं के एग्जाम कोरोना संक्रमण के चलते पूरी तरीके से कैंसिल कर दिए हैं और 12वीं की परीक्षा पर अभी विचार कर रही है, इससे राज्य के पब्लिक स्कूल खुश नहीं हैं.
सिटी मांटेसरी स्कूल के संस्थापक डॉक्टर जगदीश गांधी ने PM मोदी CM योगी को पत्र लिखकर कहा है के बच्चों के भविष्य के लिए ये एग्जाम जरूरी हैं. उनके मार्कशीट पर आए नंबर से NET, MBA या MBBS जैसे एग्जाम में मदद मिलती है. एग्जाम रद्द करना छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो सकता है.
CMS लखनऊ के संस्थापक और शिक्षाविद जगदीश गांधी के मुताबिक ये परीक्षाएं काफी महत्वपूर्ण होती है और स्टूडेंट काफी समय से इन की तैयारी कर रहा होता है. ऐसे में एग्जाम्स को कैंसिल करना उनके भविष्य के लिए खतरनाक हो सकता है. उन्होंने कहा कि एग्जाम कैंसिल करना बच्चों के लिए बड़ा ही अन्यायपूर्ण है. उनकी 2 साल की मेहनत पूरी तरीके से बेकार हो जाएगी. ऐसे हालत में ऑफलाइन एग्जाम लिए जाएं क्योंकि कोरोना संक्रमण अब कम हो जा चुका है और एग्जाम के मार्क्स किसी भी छात्र के लिए काफी महत्वपूर्ण होते हैं.
अनिल अग्रवाल प्रेसिडेंट ऑन ऐडेड प्राइवेट स्कूल लखनऊ के मुताबिक, 12वीं के बोर्ड एग्जाम होना जरूरी है. अगर इलेक्शन हो सकता है तो बच्चों का एग्जाम क्यों नहीं हो सकता है. सरकार को एक स्ट्रैटजी बनानी चाहिए क्योंकि अगर अगले साल भी कोरोना संक्रमण रहा तो 2022 में भी बच्चों को ऐसे ही प्रमोट करना पड़ेगा. ऐसे हालात में वह बच्चे जो टॉप स्कोरर है, उन्हें एवरेज मार्क्स देना उनके साथ नाइंसाफी है.
अधिकांश शिक्षकों का भी मानना है कि सरकार के पास 12वीं के एग्जाम कैंसिल करने का कोई फॉर्मूला नहीं है. कोरोना संक्रमण निश्चित नहीं है कि अगले साल भी अगर ऐसा ही हुआ तो सरकार को एग्जाम रद्द करने के बजाय परीक्षा कराने की एक मजबूत स्ट्रैटजी बनानी चाहिए.