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उत्तर प्रदेश के मदरसों में अंग्रेजी, गणित होंगे अनिवार्य, पहले थे ऑप्शनल सब्जेक्ट

उत्तर प्रदेश में मदरसा शिक्षा प्रणाली में कई बदलाव किए जा रहे हैं और अब मदरसों में अंग्रेजी, गणित जैसे विषयों को अनिवार्य कर दिया गया है.

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मदरसा शिक्षा प्रणाली में होने जा रहे हैं कई बदलाव
मदरसा शिक्षा प्रणाली में होने जा रहे हैं कई बदलाव

उत्तर प्रदेश में मदरसा शिक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसा एजुकेशन को लेकर हाई लेवल कमेटी बनाई है और सरकार ने मदरसा सेलेबस के पुनर्गठन का आदेश दिया है. सरकार ने मदरसों से जुड़े कई नियमों में बदलाव किया है. अब सरकार की ओर से मदरसों की मान्यता से जुड़े नियमों में भी बदलाव किया जाएगा. इसके साथ ही मदरसा के पाठ्यक्रम में भी बड़ा बदलाव किया जा रहा है. ऐसे में जानते हैं कि मदरसा को लेकर सरकार की ओर से क्या क्या बदलाव किए जा रहे हैं?

अंग्रेजी, गणित जैसे विषय होंगे अनिवार्य

दरअसल, मदरसा शिक्षा प्रणाली में पहले अंग्रेजी, गणित, विज्ञान जैसे विषय ऑप्शनल थे, जिन्हें अब अनिवार्य किया जा रहा है. मॉडर्न एजुकेशन के तहत इन विषयों को अनिवार्य कर दिया जाएगा. इन बदलावों के साथ ही सरकार ने मदरसा शिक्षा में सुधार और सुचारू संचालन के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित की है. इस कमेटी का अध्यक्ष Minority Welfare के डायरेक्टर को बनाया गया है. इस कमेटी में अल्पसंख्यक कल्याण और वक्फ विभाग, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, वित्त और न्याय विभाग के विशेष सचिव सदस्य होंगे.

ये कमेटी कक्षा 9 से 12 तक के मदरसा शिक्षा के पाठ्यक्रम का पुननिर्धारण करेगी. मदरसों में छात्रों की संख्या के अनुरूप शिक्षकों की व्यवस्था भी की जाएगी. ये कमेटी नए शिक्षकों की भर्ती जैसे मुद्दों पर एक विस्तृत रिपोर्ट बनाई जाएगी. इसके साथ ही मदरसे में कार्यरत शिक्षकों को विषयवार योग्यता चिन्हित कर खास प्रशिक्षण दिया जाएगा और ब्रिज कोर्स भी करवाया जाएगा. कमेटी की ओर से एक महीने में रिपोर्ट दी जाएगी. 

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ये बदलाव भी हैं प्रस्तावित?

अंग्रेजी आदि विषयों को अनिवार्य करने के साथ ही सभी मान्यता प्राप्त मदरसों में विज्ञान और कंप्यूटर लैब्स अनिवार्य किए जाने का प्रस्ताव है.कक्षा 1 से 3 तक एनसीईआरटी (एनसीईआरटी) और कक्षा 4 से 8 तक एससीईआरटी (एससीईआरटी) का सिलेबस लागू होगा. इसके अलावा कक्षा 12 में खेती, वाणिज्य और खेल-क्रीड़ा शिक्षा को शामिल किया जाएगा. नए प्रस्ताव के अनुसार, मदरसों को बुनियादी ढांचे की न्यूनतम शर्तें पूरी करनी होंगी. जैसे - बच्चों के पढ़ाई के लिए पर्याप्त कक्षा, पीने के पानी की बेहतर सुविधा, लाइब्रेरी आदि. 

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