JNU Student Election 2025: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में चुनावी बिगुल बज चुका है. 27 अक्टूबर को छात्रों ने अपना नामांकन दाखिल करवा दिया है. 4 नवंबर को विश्वविद्याय में चुनाव होने हैं, जिसकी तैयारियां छात्र जोरो शोरों ने कर रहे हैं. चुनावों के लिए कुल 128 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए हैं, जिससे केंद्रीय पैनल के सभी चार पदों के लिए कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है.
जेएनयू चुनाव समिति के अनुसार, अध्यक्ष पद के लिए 34, उपाध्यक्ष पद के लिए 29, महासचिव पद के लिए 31 और संयुक्त सचिव पद के लिए 34 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए हैं. नामांकन वापसी आज बुधवार, 29 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच होगी. चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की अंतिम सूची आज ही दोपहर 2 बजे तक जारी की जाएगी.
चुनाव मैदान में प्रमुख छात्र संगठनों में अखिल भारतीय छात्र संघ (आइसा), अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) शामिल हैं. कई निर्दलीय उम्मीदवारों के भी चुनाव लड़ने की उम्मीद है, जिससे चुनाव का दायरा और बढ़ जाएगा. मतदान 4 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना और परिणामों की घोषणा 6 नवंबर को होगी.
इस साल भारी मतदान की उम्मीद
अधिकारियों को इस साल भारी मतदान की उम्मीद है. अभियान परिसर की स्वायत्तता, छात्रावास सुविधाओं और शैक्षणिक स्वतंत्रता जैसे मुद्दों पर केंद्रित रहने की संभावना है. जैसे-जैसे अभियान तेज़ होता जाएगा, जेएनयू एक बार फिर छात्र राजनीति का केंद्र बनने के लिए तैयार है, जहां नारों, पोस्टरों और बहसों की गूंज सुनाई देगी, जो लंबे समय से इसकी जीवंत लोकतांत्रिक संस्कृति की पहचान रही हैं.
4 नवंबर को होगा मतदान
चुनाव प्रचार की तैयारी जोरों पर है और नामांकन खत्म होने के बाद इसमें और तेजी आने की उम्मीद है. स्कूल स्तर पर आम सभा की बैठकें 29 से 31 अक्टूबर के बीच होंगी, जबकि विश्वविद्यालय स्तर की आम सभा 1 नवंबर को होगी. राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों की बहस 2 नवंबर को तय की गई है. 3 नवंबर को प्रचार पर रोक रहेगी. मतदान और मतगणना 4 नवंबर को दो हिस्सों में होगी. पहला चरण सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक और दूसरा चरण दोपहर 2:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक.
जेएनयू छात्र संघ (JNUSU) के चुनाव हमेशा से देशभर के युवाओं की सोच और विचारधारा के बदलाव को दिखाते रहे हैं. चुनाव नजदीक आते ही छात्र संगठन छात्रों से जुड़ने में लगे हैं. वे अपने घोषणापत्र जारी कर रहे हैं, कैंपस में प्रचार कर रहे हैं और रणनीतिक गठजोड़ बना रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्रों का समर्थन मिल सके.
पिछले साल कौन जीता था जेएनयू छात्र संघ चुनाव
पिछले साल वामपंथी छात्र संगठनों ने चार में से तीन पद अपने नाम किए थे, जबकि एबीवीपी ने संयुक्त सचिव का पद जीता था, जो लगभग दस साल बाद उसकी पहली बड़ी जीत थी. अब 4 नवंबर को होने वाले मतदान को लेकर कैंपस में माहौल गर्म है. छात्र बड़ी संख्या में वोट डालने की तैयारी कर रहे हैं. यह चुनाव सिर्फ नए छात्र नेताओं को चुनने का मौका नहीं है, बल्कि यह भी दिखाएगा कि जेएनयू जैसे राजनीतिक रूप से जागरूक कैंपस में छात्रों की सोच किस दिशा में जा रही है.