सेंटर फॉर कल्चर, मीडिया एंड गवर्नेंस, जामिया मिल्लिया इस्लामिया की पूर्व छात्रा पूर्णिमा तिवारी संयुक्त राष्ट्र के इंटरनेट गवर्नेंस फोरम, 2021 में एक युवा एम्बेसडर के रूप में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी.‘इंटरनेट यूनाइटेड’ विषय पर इस 16वीं वार्षिक आईजीएफ मीटिंग की मेजबानी 6-10 दिसंबर तक केटोवाइस में पोलैंड सरकार द्वारा की जाएगी.
पूर्णिमा उन 30 एम्बेसडर्स में से एक है, जिन्हें 193 देशों के आवेदकों में से चुना गया है, और जिन्हें वैश्विक स्तर पर इंटरनेट गवर्नेंस पर चर्चा में शामिल होने का अवसर मिला है. पूर्णिमा ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के साथ ही अनुसंधान परिषद (आर्ट एंड ह्युमेनिटीज़ रिसर्च मैपिंग इंडिया), यूनाइटेड किंगडम द्वारा मान्यता प्राप्त - संस्कृति, मीडिया एवं प्रशासन केंद्र,'सेंटर विद पोटेंशल एक्सीलेंस' से मीडिया गवर्नेंस में एमए किया.
पूर्णिमा का कहना है कि उनकी मातृ-संस्था जामिया ने सामान्य रूप से सार्वजनिक नीति और विशेष रूप से मीडिया नीति और शासन के प्रति उनके विचारों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. वो इस उपलब्धि के लिए सीसीएमजी, जामिया में अपने प्रोफेसरों और मेन्टर्स को इसका श्रेय देती हैं.
पूर्णिमा वर्तमान में एआई-जेनरेटेड मीडिया ("डीपफेक फॉर गुड") में प्रयोगों पर एमआईटी मीडिया लैब के पाठ्यक्रम का एक हिस्सा है. पूर्णिमा ने 88 अन्य शोधकर्ताओं के साथ स्कॉलरशिप पर इस प्रतिष्ठित वैश्विक कार्यक्रम में जगह बनाने के लिए विश्व के लगभग 78% से अधिक आवेदकों को पीछे छोड़ दिया.
इंटरनेट गवर्नेंस पर विचारों को बढ़ावा देने के क्षेत्र में काम करते हुए, पूर्णिमा युवाओं, स्कूली छात्रों, एसएचजी जैसे प्रमुख समुदायों के बीच डिजिटल मीडिया साक्षरता फैलाने में शामिल है, जबकि समाज में डिजिटल डिवाइड की बारीकियों को गहनता से देख रही है, खासकर अपने गृह राज्य, छत्तीसगढ़ की. कुछ हफ्ते पहले उन्हें प्रोजेक्ट मनन के लिए यूनेस्को-एपीईआईसीयू मंच पर अतिथि वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया था, जिसका उद्देश्य साइबर स्पेस पर जागरूकता को बढ़ावा देना है.
चर्चा के लिए एक मंच के रूप में, आईजीएफ विभिन्न लोगों और हितधारक समूहों को सूचनाओं के आदान-प्रदान और इंटरनेट और प्रौद्योगिकियों से संबंधित अच्छी नीतियों और प्रथाओं को साझा करने के लिए एकत्रित करता है.